सोमवार, 25 मई 2009

मजदूरी नहीं करने वाले गरीबों की अब खैर नहीं, रा.ग्रा.रो.गा में काम न करने की मिलेगी सजा (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

मजदूरी नहीं करने वाले गरीबों की अब खैर नहीं, रा.ग्रा.रो.गा में काम न करने की मिलेगी सजा

कैलारस ब्लाक के 3 हजार गरीब परिवार होंगे सूची से बाहर

मुरैना 23 मई 09 (दैनिक मध्‍यराज्‍य) / कैलारस। शासन द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कार्यों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब परिवार जिनके नाम बी.पी.एल.सर्वे सूची में दर्ज है यदि वह इन कार्यों में मजदूरी नहीं करते हैं। तो उन्हें यह मानकर कि वे गरीब नहीं है उनके नाम गरीबी रेखा की सूची से काटे जाने के निर्देश जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी महोदय द्वारा तहसीलदार कैलारस को दिए गए हैं। इस आदेश के तहत कैलारस ब्लॉक की 44 ग्राम पंचायतों के 3013 गरीब परिवारों के नाम अब गरीबी रेखा में नहीं रह पाऐंगे।

       कैलारस जनपद की ग्राम पंचायत रिठौनियां में 51 परिवारों के तथा सुहांस में 25, गुलपुरा में 57, सिंगाचौली में 42, पिपरौनियां में 12, लहर्रा में 24, तिलोंजरी में 41, सगौरिया में 40, खिरी में 44, पलिखिनी में 95, निरारा में 97, बाल्हेरा जागीर 113, सुजर्मा में 314, कट्टोली में 71, चौकी में 54, इटौरा में 71, शहरपुर में 113, उचांड में 8, नगावनी में 103, रीझौनी में 66, गस्तौली में 19, बस्तौली में 26, किरावली मानगढी में 12, मालीवाजना में 10, महेबा में 26, बडमन में 5, सेमई में 36, माधौगढ में 25, खेडाकला में 92, बिलगांव क्वारी में 130, लाभकरन में 61, कुर्रोली 185, शेखपुर में 47, हटीपुरा में 142, किरावली जदीद 49, जरैना मानगढ 33, पचेखा 102, किसरौली 64, अर्रोदा 221, बघरौली 65, चमरगवां 169, महेवा 17, एचौली 17 इस प्रकार कैलारस ब्लॉक के 3013  बी.पी.एल.परिवारों के नाम सूची से हटाए जाने के निर्देश तहसीलदार कैलारस को जिला पंचायत से जारी एक पत्र के माध्यम से दिए गए हैं।

       एक ओर कैलारस ब्लॉक में इस योजना के तहत प्रति सप्ताह 10780 मजदूर कार्य करना कागजों में दर्शाया  जा रहा है और यह ब्लॉक जिले में इस योजना के तहत अब्बल स्थान पर है। लेकिन हास्यापद बात यह है कि जब ब्लॉक के 3000 गरीब परिवार इस योजना में मजदूरी करने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं तो आखिरकार इस योजना में वो कौन लोग काम कर रहे हैं। यदि गरीबी का आंकलन सिर्फ मजदूरी है तो उन लोगों के नाम गरीबी रेखा में आने चाहिए जिनके नाम से कार्य ऐजेंसियों द्वारा इन्जीनियरों एवं बैंकों की सांठ-गांठ  से मजदूरी का पैसा निकाला जा रहा है। संबंधित एजेंसियों द्वारा न तो गरीब परिवारों को इस प्रकार की समझाइस दी गई है बल्कि वह तो अपने नजदीकी लोगों के नाम से मस्टर भरकर पैसा निकालने की जुगत में रहते हैं।

       कैलारस ब्लॉक में राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना के अन्तर्गत क्रियान्वयन ऐजेंसियों द्वारा मजदूरों को साइड पर उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाऐं जैसे पीने का स्वच्छ पानी, प्राथमिक चिकित्सा सुविधा पेटी, छाया की व्यवस्था, मजदूरों के बच्चों के लिए कार्य स्थल पर झूलाघर, तथा उन बच्चों की देखरेख के लिए प्रथक से एक महिला नियुक्त करना है। ये सारी सुविधाऐं इस योजना के अन्तर्गत ब्लॉक में कहीं भी उपलब्घ नहीं हैं। लेकिन इस योजनाओं के कर्ता-धर्ताओं द्वारा इन सब चीजों की अनदेखी खुलेआम की जा रही है। रोजगार गारन्टी का वास्तविक उद्देश्य गरीब मजदूरों को मजदूरी दिलाना है न कि क्रियान्वयन ऐजेंसी एवं इन्जीनियरों  की चरागाह बनना। यदि इस योजना के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यों का वास्तविक रूप से स्थल निरीक्षण कराया जाए एवं जिन मजदूरों के नाम से मस्टर भरे गए हैं उनका सत्यापन कराया जाए तो हकीकत अपने आप सामने आ जाएगी।

 

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