शनिवार, 23 जून 2007

बुध को पॉंच,गुरू को सात और शुक्रवार को साढ़े आठ घण्‍टे कटी बिजली

बुध को पॉंच,गुरू को सात और शुक्रवार को साढ़े आठ घण्‍टे कटी बिजली

अघोषित कटौती से अंचल में मची त्राहि त्राहि , रात को भी नहीं बख्‍शा पठठों ने

मुरैना । 23 जून 2007 । जैसा सदा से होता आया है , पुराना घिसा पिटा रिकार्ड जो बजता आया है फिर बज रहा है ।  चम्‍बल घाटी में बिजली कटौती ने अपने रंग दिखाने दोबारा चालू कर दिये हैं । मजे की बात यह है कि यह अघोषित होती है, चाहे जब आती है, चाहे जब आती है । आ आ कर जाती है तो कभी जा जा कर आती है ।

जहॉं इन दिनों लोगों की उमस भरी गर्मी से हालत पतली है, वहीं दनादन हो रही बिजली कटौती उस पर ''करेला नीम चढ़ा'' वाली उक्ति सार्थक कर रही है ।

कटौती का चम्‍बल अंचल में आलम इस कदर बदतर है । कि दिन तो दिन छोडि़ये हुजूर आजकल रात में भी बिजली बन्‍द रहती है ।

जहॉं चम्‍बल में पिछले चन्‍द महीनों और दिनों में लूट , डकैती , राहजनी और गोली मारने जैसी घटनाओं की अचानक बाढ़ आयी है वहीं रात को बिजली कटौती ने मानो अपराधीयों और बदमाशों को पूरी आजादी देकर पर लगा दिये हैं ।

मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी इन दिनों चोर उचक्‍कों और खासकर बदमाशों पर खासी मेहरबां है , उनके डयूटी कार्य में विघ्‍न न पहुँचे सो रात में बिजली बन्‍द कर खिदमत और मदद दोनों ही दोनों हाथ पलक पांवड़े बिछा कर, कर रही है ।

अभी दो रोज पूर्व भारत के प्रधान मंत्री ने ताला पारेषण प्रणाली पर अपने भाषण में ऐसी बिजली कटौती और कृत्रिम कमी पर खासा रोष व्‍यक्‍त किया था । इससे पहले चन्‍द रोज पूर्व ही बिजली कटौती कमी और लाइन लॉसेज तथा चोरी जैसे मामलों पर प्रदेशों के मुखियाओं की बैठक भी ली थी । मगर हालात सुधरने के बजाय उल्‍टे और बिगड़ गये ।

मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री ने जहॉं सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में नयी सोच और नई ईजाद के जरिये न केवल अपनी अलग पहचान बनाई बल्कि कई मामलों में तो इतिहास भी रचा है । और उन्‍हें ऐसे कामों के लिये याद भी रखा जायेगा । बिजली मामले में मुख्‍यमंत्री कई बार आश्‍वासन, उलाहना, और खोखला भरोसा भी देते रहते हैं, लेकिन यकीनन इस मोर्चे पर पस्‍त और परास्‍त ही रहे हैं ।

जहॉं एक जमाने में बिजली कटौती के चलते म.प्र. की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मुखिया दिग्विजय सिंह कई नये व आधुनिक सोच के ऐतिहासिक काम करने के बावजूद लोगों की नजर में खलनायक बन गये थे और बिजली कटते ही प्रदेश के हर घर से आने वाली गालीयों और कोसने की बददुआओं से लिपट गये थे अंतत: उनके कई अच्‍छे और महत्‍वपूर्ण काम उनके काम नहीं आये । और न केवल सत्‍ता गंवा बैठे बल्कि आज तलक लोग नहीं चाहते कि भूल कर भी उनका नाम बतौर मुख्‍यमंत्री लिया जाये । यहॉं तक कि हालात ऐसे हैं कि अगर उन्‍हें अगले साल होने वाले चुनाव में भूल कर भी कांग्रेस मुख्‍यमंत्री प्रोजेक्‍ट करती है तो पहले से भड़की जनता और ज्‍यादा भड़क जायेगी और परिणाम क्‍या होगा किसी से छिपा नहीं है ।

इससे भी ज्‍यादा बुरा हाल उमा भारती का रहा है, जहॉं उमा ने चुनाव 2003 से पूर्व जनता को दिग्विजय सिंह का खलनायकी रूप दिखाने और गंदगी की डलिया पटकने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी वहीं दिग्विजय सिंह को ''मिस्‍टर बंटाढार'' जैसे टाइटल्‍स नवाज कर दिग्विजय का बंटाढार करने में कोई कसर बकाया नहीं रखी और पहले से ही तिलमिलाई जनता के घाव उमा ने चुनाव पूरे होने तक तरोताजा कर के रखे । नमक छिड़कते और कुरेदते रहने से जनता को लगा कि उमा डॉक्‍टर है शायद डेटॉल लगा कर अभी सफाई में लगी है और मुख्‍यमंत्री बनते ही दवाई लगा देगी और ठीक कर देगी ।

उमा ने कहा था कि मुख्‍यमंत्री बनते ही केवल एक महीने में बिजली कटौतरी बन्‍द करा दूंगी और प्रदेश कौ चौबीस घण्‍टे अबाध बिजली दूंगीं । उमा ने मुख्‍यमंत्री बनने के बाद इसमें थोड़ा संशोधन किया और तीन महीने की बात कह कर किसी राजनैतिक जॉंच आयोग के कार्यकाल की तरह खुद ही टाइम बढ़ा लिया । उसके बाद उन्‍होंने एक साल का एक्‍सटेंशन लिया फिर तीन साल का, वगैरह वगैरह । आखिर उमा भी लोगों की नजर से उतर गयीं ।

बाबू लाल गौर ही केवल एक ऐसे मुख्‍यमंत्री रहे जिसने करिश्‍माई तरीके से न केवल बिजली कटौती बन्‍द करवा दी बल्कि स्‍टेबल एण्‍ड एक्‍जेक्‍ट वोल्‍टेज देकर लोगों को चमत्‍कृत कर दिया था ।

हालांकि प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं , और वर्तमान हालातों में भाजपा का शीर्ष नेतृत्‍व शायद नहीं चाहेगा कि प्रदेश में बार बार नेतृत्‍व परिवर्तन कर छीछालेदर करवाई जाये और चालू गाड़ी की रिपेयरिंग और ठोकापीटी से ही काम लेना चाहेगा । ऐसे में बिजली एक आसन्‍न और विकट खतरा तो कम से कम है ही ।

हालांकि किसी चुनाव को कई स्‍थानीय और कई सार्वत्रिक एवं प्रादेशिक कारक प्रभावित करते हैं तथा कई और भी वजह रहतीं हैं , केवल बिजली ही प्रधान और एकमात्र कारक नहीं होती यह तो सत्‍य है लेकिन प्रधान कारकों के प्रधान तत्‍वों में से एक है , यह तथ्‍य भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता ।

शुतुर्मुर्ग यदि रेत में सिर छिपा कर अपनी समस्‍याओं का अंत मान ले तो इसमें समस्‍याओं का क्‍या दोष है ।

फिलवक्‍त तो खबर ये है कि आज रात दो बजे तक यानि शुक्रवार और शनिवार के दरम्‍यानी रात तक चली बिजली कटौती ने अंचल को हिला दिया है ।

कटौती के पीठे बदमाशी चाहे ऊपर के स्‍तर से हो रही हो चाहे स्‍थानीय स्‍तर पर पिस तो जनता ही रही है । अभी जनता फिर सरकार । यानि खरबूजे की नियति है कटते रहना और चाकू की नियति है काटते रहना । मगर जो हाथ इस चाकू के पीछे हैं उनका जिक्रे आम कभी नहीं होता ।

 

129 महिलाओं को सुरक्षा पेंशन मंजूर

129 महिलाओं को सुरक्षा पेंशन मंजूर

 

मुरैना 22 जून07- राज्य शासन की कल्याण कारी योजनाओं के अन्तर्गत 18 से 50 बर्ष तक की आयु की विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदाय की जाती है । उप संचालक पंचायत एवं सामाजिक न्याय श्री सुरेशबाबू कबीरपंथी के अनुसार जनपद पंचायत एवं नगरीय निकायों के अनुमोदन उपरांत 129 विधवा एवं परित्यक्ता महिलाओं को माह जून 2007 से सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत की गई है । इससे जनपद पंचायत अम्बाह के 13, मुरैना के 38 और सबलगढ के 25 तथा नगर पंचायत जौरा के 12, पोरसा के 38 और बामौर के 3 हितग्राही लाभान्वित हुए ।

 

 

अतिवृष्टि के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार

अतिवृष्टि के दौरान स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार

 

मुरैना 22 जून07- बाढ एवं अतिवृष्टि के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है । जिसके चलते बाढ प्रभावित ग्रामों को न केवल चिन्हित कर लिया गया है, अपितु वहां डिपोहोल्डर के पास पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक औषधियां भी रख दी गई है । आवश्यकता पडने पर चिकित्सा हेतु उचित व्यवस्था के लिए खण्ड चिकित्सा अधिकारियों एवं मेडीकल ऑफीसरों को अस्थायी राहत शिविर स्थापित करने के निर्देश दिये गये है । स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यालय पर रहने एवं बगैर अनुमति के मुख्यालय नही छोड़ने की हिदायत की गई है ।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. एच.एस.शर्मा ने बताया कि बाढ के दौरान महामारी एवं रोग नियंत्रण रखने हेतु बाढ प्रभावित ग्रामों के अधीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर समुचित मात्रा में दवाइयां उपलब्ध करा दी गई है । सप्ताह में एक दिन बाढ ग्रसित ग्रामों का भ्रमण करने के निर्देश चिकित्सा अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिये गये हैं । उन्होने बताया कि योजना के तहत सिविल सर्जन को 10 अतिरिक्त विस्तरों की व्यवस्था जिला चिकित्यालय में करने के निर्देश दिये गये है । आवश्यकता पडने पर निजी चिकित्सालयों एवं चिकित्सकों का भी सहयोग लिया जायेगा । उन्होंने बताया कि जिला मलेरिया अधिकारी को बाढ प्रभावित क्षेत्रों में मलेरिया की रोकथाम हेतु छिडकाव की व्यवस्था और पीडितों के उपचार हेतु आवश्यक दवाईयों एवं रक्त पट्टिका की व्यवस्था करने हेतु निर्देशित किया गया है ।

       बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने एवं सूचना के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गये है । डा. एच.एस.शर्मा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला मुरैना दूरभाष क्रमांक 07532-225760 डा. आर.सी. बांदिल, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक मुरैना दूरभाष क्रमांक 07532-226318, 226446 डा. आनन्द गोयल खंड चिकित्सा अधिकारी नूराबाद दूरभाष क्रमांक 07532-239246, डा. जे.सी.कारखुर, जौरा दूरभाष क्रमांक 07532- 239136, डा. हिमांशु शर्मा, खंड चिकित्सा अधिकारी, जौरा दूरभाष क्रमांक 07532-245130, डा. पदमेश उपाध्याय खंड चिकित्सा अधिकारी पहाडगढ दूरभाष क्रमांक 07536- 286338, डा. एम.पी.गुप्ता, खंड चिकित्सा अधिकारी, सबलगढ दूरभाष क्रमांक 07536-253324, डा. आर.एस.सिकरवार खंड चिकित्सा अधिकारी पोरसा दूरभाष क्रमांक 07538-254166 के कार्यालय नियंत्रण कक्ष के रूप में संचालित है । डा. शर्मा ने बताया कि बाढ एवं अतिवृष्टि से निवटने के लिए अन्य विभागों से सहयोग प्राप्त करने हेतु डा. एम.सी.मंगल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है ।

 

आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की अनन्तिम सूची जारी

आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की अनन्तिम सूची जारी

मुरैना 22 जून07- जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत एवं नगर पंचायतों से प्राप्त आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरांत चयनित एवं प्रतीक्षा सूची की आंगनवाडी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की अनन्तिम सूची जारी कर दी गई है । इन नियुक्तियों के संबंध में किसी भी तरह की आपत्ति सात दिवस के अन्दर लिखित रूप में प्रस्तुत की जा सकती है ।

      पोरसा विकास खेड में आंगनवाडी कार्यकर्ता- के पद पर आंगनवाडी केन्द्र सांवलपुरा में श्रीमती अर्चना तोमर प्रथम स्थान पर और श्रीमती प्रर्मिला देवी प्रतीक्षा सूची में, गोले की गढर में श्रीमती प्रर्मिला तोमर प्रथम स्थान पर और श्रीमती अनिल प्रतीक्षा सूची में, कंधधोली में श्रीमती मधुबाई प्रथम स्थान पर और श्रीमती मीराबाई प्रतीक्षा सूची में, सिकहरा में श्रीमती संगीता प्रथम स्थान पर और श्रीमती प्रीति प्रतीक्षासूची में, तरसमा में श्रीमती उषा प्रथम स्थान पर और श्रीमती माधुरी प्रतीक्षा सूची में, लोलकी में श्रीमती सुनीता प्रथम स्थान पर और श्रीमती सत्यभामा प्रतीक्षा सूची में, कुडियार में श्रीमती सुनीता तोमर प्रथम स्थान पर और श्रीमती पूनम तोमर प्रतीक्षा सूची में, खजूर का पुरा में श्रीमती रूचिदेवी प्रथम स्थान पर और श्रीमती मंजोदेवी प्रतीक्षा सूची में,

दोहराटा में श्रीमती रेखा प्रथम स्थान पर और श्रीमती विटला देवी प्रतीक्षा सूची में, तथा छतरपुर में श्रीमती शशिवाला ऊर्फ सियाकुमारी प्रथम स्थान पर और श्रीमती अनीता प्रतीक्षा सूची में रखी गई है ।

 

      आंगनवाडी सहायिका के पद पर वार्ड क्रमांक 1 में श्रीमती मालती प्रथम स्थान पर और श्रीमती सीता प्रतीक्षा सूची में, वार्ड क्रमांक 5में श्रीमती रजनी प्रथम स्थान पर सांवलपुर में श्रीमती सुमनदेवी प्रथम स्थान पर और श्रीमती लक्ष्मीदेवी प्रतीक्षा सूची में, लोलकी में श्रीमती कुंतीवाई प्रथम स्थान पर और श्रीमती बंसती प्रतीक्षा सूची में, कुडियार में श्रीमती ममता प्रथम स्थान पर और श्रीमती सीमा प्रतीक्षा सूची में तथा खजूर का पुरा में श्रीमती मुन्नीदेवी प्रथम स्थान पर और श्रीमती राजकुमारी प्रतीक्षा सूची में चयनित की गई है ।

      विकास खंड जौरा में आंगनवाडी कार्यकर्ता के पद पर माताबाई का पुरा में श्रीमती सीमा कुशवाह, जाटवपुरा में श्रीमती संजू जाटव, सावदा में श्रीमती गीतादेवी, गुढा आसन में श्रीमती रामायनी और वार्ड क्रमांक 17 में श्रीमती लता राजपूत प्रथम स्थान पर, बवनपुरा में श्रीमती ममता कुशवाह प्रथम स्थान पर और श्रीमती नारायणी प्रतीक्षा सूची में, छिछावली में श्रीमती निधि शर्मा प्रथम स्थान पर और श्रीमती अनीता शर्मा प्रतीक्षा सूची में, अलापुर में श्रीमती ज्योति शर्मा और श्रीमती भागवती शर्मा प्रथम स्थान पर एवं श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव और श्रीमती सीमा श्रीवास्तव प्रतीक्षा सूची में, रूनीपुर में श्रीमती अर्चना त्यागी प्रथम स्थान पर और श्रीमती सुषमादेवी प्रतीक्षा सूची में तथा छैरा में श्रीमती भारती रावत प्रथम स्थान पर और श्रीमती पूनम प्रतीक्षासूची में चयनित हुई है । सहायिका के पद पर भागीरथ का पुरा में श्रीमती मीना गुसाई, चन्द्रपुरा में श्रीमती विमला रजक, हडवासी में श्रीमती राजकुमारी शर्मा, परसापुरा में श्रीमती कल्पना, रूनीपुरा में श्रीमती रजनी जाटव, सुमावली में श्रीमती नीतू शर्मा और जवाहर कालोनी में श्रीमती रामश्री प्रथम स्थान पर वार्ड क्रमांक 8 में श्रीमती श्वेता जैन प्रथम स्थान पर और कुमारी मोनिका जैन प्रतीक्षा सूची में वार्ड क्रमांक 9 में श्रीमती ऊषा देवी प्रथम स्थान पर और श्रीमती मीरा प्रतीक्षा सूची में तथा वार्ड क्रमांक 14 में श्रीमती रनिया प्रथम स्थान पर और श्रीमती शकुन्तला प्रतीक्षा सूची में रखी गई है ।

      पहाडगढ़ विकास खंड में आंगनवाडी कार्यकर्ता के पद पर मनोहरपुरा में श्रीमती पुष्पा धाकड प्रथम स्थान पर और श्रीमती रूकमा माझी प्रतीक्षा सूची में, खदरन का पुरा में श्रीमती सुनयना जाटव प्रथम स्थान पर और श्रीमती गीता जौहरी प्रतीक्षा सूची में, मुख्यतारपुर में श्रीमती आशा शर्मा प्रथम स्थान पर और श्रीमती गायत्री शर्मा प्रतीक्षा सूची में वृखापुरा में श्रीमती सुमन सिकरवार प्रथम स्थान पर और श्रीमती अनिता सिकरवार प्रतीक्षा सूची में, डिडोखर में श्रीमती किरन शर्मा प्रथम स्थान पर और श्रीमती अर्चना शर्मा प्रतीक्षा सूची में, तिलउजा में श्रीमती शारदा कुशवाह प्रथम स्थान पर और श्रीमती प्रीति कुशवाह प्रतीक्षा सूची में तथा आरेठी में श्रीमती भूरीवाई प्रथम स्थान पर और श्रीमती सीमा रावत प्रतीक्षा सूची में चयनित की गई है । सहायिका के पद पर मनोहर पुरा में श्रीमती मनीषा धाकड प्रथम स्थान पर और श्रीमती रेखा माझी प्रतीक्षा सूची में, खदरन का पुरा में श्रीमती आशादेवी जाटव प्रथम स्थान पर और श्रीमती गुड्डी सिकरवार प्रतीक्षा सूची में, वृखापुरा में श्रीमती मुन्नीदेवी प्रथम स्थान और श्रीमती पप्पी सिकरवार प्रतीक्षा सूची में आरेठी में श्रीमती मीरादेवी यादव प्रथम स्थान पर और श्रीमती चन्द्राबाई प्रतीक्षा सूची में, मुख्यारपुर में श्रीमती ओमवती शर्मा प्रथम स्थान पर और श्रीमती प्रेमवती शर्मा प्रतीक्षा सूची में, डिडोखर में श्रीमती अर्चना शर्मा प्रथम स्थान पर और श्रीमती रनिया देवी प्रतीक्षा सूची में तथा तिलरूआ में श्रीमती जानकी कुशवाह प्रथम स्थान पर और श्रीमती कुंजावती प्रतीक्षा सूची में चयनित हुई हैं ।

      सबलगढ विकास खंड में आंगनवाडी कार्यकर्ता के पद पर वार्ड क्रमांक 7 में श्रीमती ममता सेंगर प्रथम स्थान पर और श्रीमती साधना गुप्ता प्रतीक्षा सूची में, भवरेचा में श्रीमती नीरज जादौन प्रथम स्थान पर, देवपुर में श्रीमती मीराबाई प्रथम स्थान पर और श्रीमती रेखा प्रतीक्षा सूची में, मानपुर में श्रीमती साधना प्रथम स्थान पर और श्रीमती ज्योति प्रतीक्षा सूची में, हाकिमपुरा में श्रीमती नीरज प्रथम स्थान पर और श्रीमती अनेगा प्रतीक्षा सूची में तथा पेलारा में श्रीमती रामविलासी प्रथम स्थान पर और श्रीमती जयश्री प्रतीक्षा सूची में रखी गई है । सहायिका के पद पर मानपुर में श्रीमती राम भारती प्रथम स्थान पर, और श्रीमती विमला प्रतीक्षा सूची में, हाकिमपुरा में श्रीमती मीरा प्रथम स्थान पर और श्रीमती गीता प्रतीक्षा सूची में तथा पेलारा में श्रीमती गोरावाई प्रथम स्थान पर और श्रीमती राममूर्ति प्रतीक्षा सूची में चयनित की गई हैं ।

 

संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु सलाह

संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु सलाह

 

मुरैना 22 जून07- स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रीष्मऋतु और वर्षा ऋतु में संभावित संक्रामक रोगों से बचाव हेतु सावधानियां बरतने की सलाह नागरिकों को दी गई है । संक्रामक बीमारियों की रोकथाम एवं सूचना के आदान प्रदान हेतु जिला स्तर पर सूचना कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष क्रमांक 225760 है ।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. एच.एस.शर्मा ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में विभिन्न रोगों के होने की संभावना रहती है । वर्षा ऋतु भी प्रांरभ हो गई है । ऐसे में दूषित पेयजल से आंत्रशोध पेचिस,दस्त,पीलिया,हैजा, मस्तिष्क ज्वर आदि संक्रामक बीमारियों की संभावना रहती है । संक्रामक रोगों से बचाने के लिए स्वच्छ जल का सेवन करने और घर तथा आसपास गंदगी नहीं होने देने , बासी भोजन का सेवन न करने तथा बाजार के सड़े गले फल एवं खुली रखी भोजन सामग्री का उपयोग नहीं करने की सलाह दी गई है । बाजार में विकने वाले सड़े फल अथवा बासी खुली सामग्री की शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से की जा सकती है । शुध्द जल हैंडपंप या नलकूप का ही होता है । अन्य पेयजल श्रोत वर्षा ऋतु में दूषित हो जाते है । जलशुध्दीकरण के लिए कुएें में व्लीचिंग पाउडर तथा मटकों में क्लोरीन की गोलियां डालकर पानी को पीने योग्य बनाया जा सकता है । दस्त आदि की शिकायत होने पर पानी को उबालकर और ठंडा करने के बाद ही पीना चाहियें ।

       स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु जिला एवं विकास खंड स्तर पर कोम्वेक्ट टीम का गठन किया गया है । किसी भी क्षेत्र से बीमारी की सूचना मिलने पर काम्वैक्ट टीम चिकित्सक मय दल और दवाईयों के साथ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर उपचार प्रारंभ कर देते हैं । जिला स्तर पर गठित कौम्वैक्ट टीम में मेडीसिन विशेषज्ञ डा. विकास दुबे और शिशु रोग विशेषज्ञ डा. अनूप कम्ठान शामिल है । प्रभावित क्षेत्र का खंड स्तरीय कौम्वैक्ट टीम के भ्रमण करने के उपरांत आवश्यकता होने पर जिला स्तरीय विशेषज्ञ टीम को भेजा जायेगा । ग्राम स्तर पर प्रारंभिक इलाज के लिए डिपो होल्डर पर दो किलो व्लीचिंग पाउडर, 20 पैकेट ओ आर एस, 500 क्लोरीन गोली, 100 गोली क्लोरोक्वीन, 20 गोली पेरासिटामोल और दस्त की दवा 200 गोली मेट्रोजिल उपलब्ध कराई गई है । आवश्यकता पड़ने पर ग्रामीण डिपो होल्डर से दवा ले सकते हैं । समस्त क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को कड़े निर्देश दिये गये हैंकि मौसमी बीमारियों की संभावना को देखते हुए क्षेत्र में नियमित भ्रमण करें तथा जरूरत पडने पर डिपो होल्डर से ग्रामीणों को दवाइयां उपलब्ध करायें और दवाइयां खत्म होने की स्थिति में तुरंत उनकी पूर्ति की व्यवस्था करायें ।

 

शुक्रवार, 22 जून 2007

खाद बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें - मुख्य सचिव

खाद बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें - मुख्य सचिव

 

मुरैना 21 जून07- मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी ने आज वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के संभागायुक्त और कलेक्टर्स से सीधी बात की तथा खरीफ फसलों की बोनी के लिए खाद बीज की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता, जलजन्य संक्रामक बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण, स्कूल चलें हम अभियान के तहत साढे पांच साल से 14 साल तक के शत प्रतिशत बच्चों का स्कूल में प्रवेश सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये । इस अवसर पर मुरैना जिला मुख्यालय पर कलेक्टर श्रीमती केरेलिन खोंग्वार देशमुख तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे ।

       मुख्य सचिव श्री साहनी ने संभागायुक्तों से वर्षा,बोनी और खाद बीज की उपलब्धता के संबंध में चर्चा की और सभी जिलों में खाद बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने पर जोर दिया । ग्वालियर एवं चंबल संभाग के आयुक्त डा. कोमलसिंह ने बताया कि संभाग के सभी जिलों में प्री मानसून वर्षा हुई है। सोयावीन के बीज की मांग की तुलना में 40 प्रतिशत की कमी है । तिल बीज की भी कमी है, जिसकी स्थानीय स्तर पर पूर्ति की व्यवस्था की जा रही है । खाद और बीज का भी सभी जिलों में पर्याप्त भंडारण है । मुरैना जिले में भी खाद बीज का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं ।

       श्री साहनी ने आशा व्यक्त की कि सभी जिलों में अतिवृष्टि और बाढ की स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारियां कर ली गई होंगी । वर्षा के कारण जलजन्य बीमारियां फैलने का डर रहता है । इसके लिए पर्याप्त सावधानियां बरती जाय और यह सुनिश्चित किया जाय कि कहीं भी कोई संक्रामक बीमारी नहीं फैले । उन्होंने कहा कि गत वर्ष चलाये गये स्कूल चलें हम अभियान के अपेक्षित नतीजे आये हैं । इस वर्ष के लिए भी आयुक्त लोक शिक्षण द्वारा कलेण्डर तैयार कर भेजा गया है । अभियान के अन्तर्गत साढे पांच साल से 14 साल के शत प्रतिशत बच्चों का नामांकन करने के साथ ही शाला में उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाये । उन्होंने कहा कि माह अगस्त में हरियाली महोत्सव के दौरान प्रदेश में दस करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है । लक्ष्य अनुरूप वृक्षारोपण सुनिश्चित कराया जाय ।

       संभागायुक्त डा. कोमलसिंह ने बताया कि अस्पताल और स्वास्थ्य संस्थाओं में आवश्यक दवाइयां पर्याप्त मात्रा में प्राप्त नहीं हो रही है, इससे मरीजों को कठिनाई हो रही है । उन्होंने दवा खरीदी नीति के अनुरूप संस्थाओं को पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध कराने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा कि बिजली की कमी के दृष्टिगत ग्रामीण सौर ऊर्जा को विकल्प के रूप में अपनाने को तैयार हैं । उन्होंने विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के माध्यम से इस कार्य को कराने का सुझाव दिया । उन्होने बताया कि ग्वालियर संभाग के 345 और चम्बल के 65 ग्रामों में परिवहन के जरिये पानी पहुंचाया जा रहा है । उन्होंने कहा कि हरियाली महोत्सत के अन्तर्गत दोनों संभाग में वृक्षारोपण के स्थान पर जीवित पौधों का लक्ष्य रखा गया है ।

 

टाऊन हॉल में लगेगा दो दिवसीय जन शिकायत निवारण शिविर

टाऊन हॉल में लगेगा दो दिवसीय जन शिकायत निवारण शिविर

 

मुरैना 21 जून07- राज्य शासन के निर्देशानुसार मुरैना जिला मुख्यालय पर टाऊन हॉल में आगामी 25,26 जून को दो दिवसीय जन शिकायत निवारण शिविर आयोजित किया जायेगा ।

       कलेक्टर श्रीमती केरेलिन खोंग्वार देशमुख ने समस्त जिला अधिकारियों को 25,26 जून को शिविर स्थल पर आवश्यक रूप से उपस्थित रहकर नागरिकों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिये हैं । शिविर में 25 जून को शिकायती आवेदन विभागवार प्राप्त करने के लिए काउन्टर स्थापित रहेंगे । प्राप्त आवेदन पत्र को संबंधित विभाग की पंजी में दर्ज किया जायेगा । अधिकारियों को प्राप्त शिकायतों का यथासंभव मौके पर ही निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं । निराकरण से शेष रहे आवेदन पत्रों की विवेचना 26 जून को की जायेगी और शिकायत कर्ता को शिकायत के निराकरण के संबंध में अवगत कराया जायेगा ।