चम्बल में निष्पक्ष चुनाव पर प्रश्न चिह्न, खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां, मतदाताओं को लुभाने धमकाने से लेकर तंग परेशान करने का सिलसिला जारी
नरेन्द्र सिंह तोमर 'आनन्द'
मुरैना 22 नवम्बर 08, म.प्र. में वर्तमान में हो रहे विधानसभा चुनावों की निष्पक्षिता पारदर्शिता और स्वतंत्रता को लेकर कई सवाल खड़े हो गये हैं ।
प्रत्याशी भले ही आपस में कुछ भी आरोप प्रत्यारोप कर रहे हों लेकिन जनता की नजर से समूची जनता इस यकीन और निश्चिन्तता से परे है, कि चम्बल घाटी में चुनाव निष्पक्ष, स्वतंत्र एवं पारदर्शी होंगें ।
सख्त आचरण संहिता के चलते और सख्त प्रशासनिक रवैये के कारण भले ही चम्बल के बाहुबली प्रत्याशी अपने शक्ति प्रदर्शन को अधिक खुलेआम नहीं कर पा रहे हों लेकिन चुनाव प्रचार के इस दूसरे चरण के आते आते चुनाव प्रचार की जगह प्रत्याशीयों की खुली गुण्डागर्दी, अराजकता और साम, दाम, दण्ड भेद की नीति ने ले ली है ।
बाहुबली व धनबली प्रत्याशी जहॉं खुलेआम गुण्डागर्दी पर उतर आये हैं, वहीं आचरण संहिता का तो चूरमा बना कर अपने जूतों तले न जाने कब का रौंद चुके हैं । हम कुछ चित्र आज ही प्रकाशित कर रहे हैं, और कुछ अन्य चित्रों को आज ही फिल्म के रूप में अपने वीडियो व इण्टरनेट टी.वी. सेक्शन में प्रसारित कर रहे हैं, इनमें आचरण संहिता की धज्जियां उड़ाते और मतदाताओं को लुभाते और डराते घमकाने परेशान करने तथा प्रत्याशीयों की गुण्डागर्दी के चित्र ताजे यानि आज के ही खींचे हुये हैं और बकाया फाइल चित्र हैं ।
क्या हो रहा है, चम्बल में असल में
मैं आपकों शहर मुरैना का जिक्र सुना रहा हूं , मैं आपको यहॉं हो रही या घट रही सारी तत्य बयानी प्रत्यक्षदर्शी मैं स्वयं और कुछ मामलों में स्वयं भुक्त भोगी के रूप में बयान कर रहा हूं ।
इसके बाद निर्वाचन आयोग या जिला प्रशासन मुरैना कैसे मतदाताओं को आश्वस्त करेगा यह उनकी जिम्मेवारी है, मैं जो लिख रहा हूँ वह सब मय साक्ष्य है ।
प्रश्नात्मक घटनायें व वृतान्त (उत्तर दीजिये) –
1. पूरे दिन और पूरी रात की बिजली कटौती संदिग्ध रहस्यमय और कुछ विशिष्ट क्षेत्रों तक सीमित क्यों, किसके इशारे पर, और किस उद्देश्य के लिये
2. केवल कुछ प्रत्याशीयों या केवल कुछ स्थान मात्र पर ही आचरण संहिता उल्लंघन के मामले क्यों, बीच शहर में खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ रही हैं, इसे कौन रोकेगा ।
3. मतदाताओं को खुलेआम सौ का नोट और एक नारियल कुछ प्रत्याशीयों द्वारा कुछ क्षेत्रों में बांटे जाने की खबरें लगातार मुझे मिलीं और ऐसा हुआ भी इस सम्बन्ध में एक प्रत्याशी ने आरोपित किया है और समाचार पत्रों में बयान दिया है कि वोट खरीदे जा रहे हैं, आप इस मामले में अब तक क्या कर रहे हैं, इस तथ्य को साबित करने या निष्क्रिय व असत्य साबित करने हेतु क्या कार्यवाही किये हैं, या क्या कदम आपने उठाया है । मैं आपकों याद दिला दूं म.प्र. शासन के अस्तित्वाधीन एक आदेश के तहत चौबीस घण्टे के भीतर सम्बन्धित प्रशासनिक अधिकारी को असत्य खबर या तथ्य का खण्डन करना अनिवार्य है या फिर उसे साबित करने हेतु कदम उठा कर कार्यवाही करना अनिवार्य है, इस आदेश की प्रति आपके पास न हो तो मेरे पास उपलब्ध है, मुझसे ले लीजिये या फिर म.प्र. शासन की वेबसाइट से ले लीजिये या म.प्र. के असाधारण राजपत्रों के अंक टटोल लीजिये यह आदेश गजटेड है ।
4. चम्बल के कई गांवों की कई समस्याओं पर कई गांवों, ग्राम पंचायतों और शहर मुरैना और तहसील कस्बों के कई मोहल्लों के वाशिन्दों मतदाताओं द्वारा बाकायदा बयान जारी कर अखबारों में खबर छपवाकर मतदान के बहिष्कार किये जाने का ऐलान किया गया है, यदि यह खबरें या अखबार आपके पास न हों तो मेरे पास सुरक्षित रखें हैं, क्या मतदान का बहिष्कार स्वस्थ लोकतंत्र के लिये आवश्यक है या फिर मतदान बहिष्कार, निष्पक्ष, स्वतंत्र व पारदर्शी मतदान का एक अंग है आप ऐसा मानते हैं । यदि ऐसा बहिष्कार घोषित हुआ है तो उसे करवाने के लिये या उन्हें मतदान हेतु प्रेरित किये जाने हेतु आपने क्या कदम उठाये हैं, इन मतदाताओं से मतदान कराने का दायित्व किसका है, आपका या मेरा, या सम्बन्धित अखबारों का या फिर सम्बन्धित प्रत्याशीयों का । इन रूठे मतदाताओं द्वारा मतदान बहिष्कार कैसे आखिर स्वतंत्र, निष्पक्ष या पारदर्शी चुनाव करायेगा मेरी समझ से परे हैं । ये मतदान नहीं करेंगें तो क्या आप एक अच्छा, उत्कृष्ट सर्वमान्य जनप्रतिनिधि इस देश के लोकतंत्र को देंगें यह मुझे समझाईये । जब कोई मतदान नहीं करेगा या कोई बूथ पर निरंक वोटिंग होगी तो क्या आप चुनाव परिणाम रोक देंगें या फिर उस विधानसभा का या उस बूथ का पुन: पोलिंग करायेंगे, इस सम्बन्ध में आपकी नीति क्या है, मुझे बताईये ।
5. सारे शहर में धुंआधार गुण्डागर्दी और अराजकता फैली हुयी है, यहॉं तक कि अखबारों को खुलेआम लुभाने व धमकाने का माध्यम प्रत्याशीयों द्वारा बनाया गया है और सब कुछ साफ साफ अखबारों में छपा हुआ है और लगभग रोज ही छप रहा है, इन अखबारों या खबरों या लुभावने विज्ञापनों की प्रति यदि आपके पास नहीं हैं तो मेरे पास सुरक्षित हैं, आपने अब तक इस सम्बन्ध में क्या कदम उठाये हैं, महाराज कृपया अवगत करायें ।
6. कुछ प्रत्याशीयों का दावा है कि मुरैना महादेव नाका पर अण्डरब्रिज वे बनवा देंगे और बाकायदा उन्होंने टाइम लिमिट भी घोषित की है, यह तथ्य कितना सही है, क्या इसे लुभावना लालच की संज्ञा या तथ्यात्मक भ्रम या भ्रमात्मक तथ्य माना जा सकता है, क्या यह प्रत्याशी भारत सरकार का रेलमंत्री है, या रेलमंत्री इसका जरखरीद गुलाम है या इसकी जेब में रहता है, इस प्रत्याशी द्वारा ऐसी गारण्टी किस गारण्टी के तहत दी गयी है , कृपया तथ्य को सत्यरूप से अवगत करा कर मुझ लाचार, नासमझ, कम अकल और अनपढ़ अज्ञानी मतदाता को बताने की कृपा करें मैं भ्रमित हो गया हूं, और लालच में भी आ गया हूं, इसी बिन्दु पर एक अन्य प्रत्याशी द्वारा पिछले कई दिनों कई महीनों से अखबार में छपवा छपवा कर दावा किया गया है कि वह भी इस अण्डर ब्रिज को बनवा देगा, उसका कहना है कि वह बनवा भी देता काश कि वह रेलमंत्री होता, उसका कहना है कि वह अण्डर ब्रिज बनवाने के लिये अपनी जेब से या अपनी सरकार की जेब से पैसा एक साल पहले रेल मंत्रालय में जमा करवा चुका था, लेकिन रेल मंत्रालय ने छल, धोखाधड़ी और कपटपूर्वक, आपराधिक षडयंत्र रचकर उसके पैसे पचा लिये और लम्बे समय तक अपनी जेब में डाल कर रेल्वे उसे टहलाती रही, बाद में आज कल आज कल करते अभी तक उसने अण्डरबिज नहीं बनवाया और मूर्ख बना दिया तथा उसके साथ , उसकी सरकार के साथ और मुरैना की जनता के साथ धोखाधड़ी कर दी, अब वह भी कह रहा है कि वह जीता तो बनवा देगा अण्डरब्रिज । आदरणीय श्रीमान मुझे भ्रम हो गया है और यह लालच भी आ गया है कि मैं इन दोनों में से ही किसी को वोट करूं लेकिन भ्रम हो गया है, भ्रमात्मक तथ्यों के कारण तथ्यात्मक भ्रम । मैं उलझन में हूं, श्रीमान मैं एक मूर्ख, कमसमझ कम पढ़ा लिखा अज्ञानी मतदाता हूं, श्रीमान निष्पक्ष चुनाव के रिंग मास्टरगण मेरा भ्रम दूर करें, मेरा मार्गदर्शन करें, जिससे मैं सही आदमी को वोट दे सकूं । अगर आप वोटिंग से पहले सही तथ्य या सही प्रत्याशी का नाम बता देंगें कि इनमें से कौन रेलमंत्री बनेगा या रेलमंत्री भारत सरकार किसका जरखरीद गुलाम होगा या कौन रेलमंत्री को दारू पिला कर महादेव नाके पर ठुमके लगवायेगा , उस सही आदमी के नाम से मुझ गरीब अज्ञानी अल्पबुद्धि को अवगत करा दें जिससे मैं सही आदमी को वोट देकर अपना अण्डरब्रिज बनवा लूं ।
7. हमारे भावी जन प्रतिनिधिगण द्वारा प्रस्तुत अपने आय व्यय लेखे में आप केवल जे पूछ रहे हैं कि रकम गयी कहॉं यानि खर्च कहॉं हुयी कै फिर जेऊ पूछ रहे हैं कि जे आयी कहॉं से, मतलब जो रकम खरच भई वो आय कहॉं से रही है और आवक स्त्रोत की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता क्या है, और जा आवक जावक में यानि आय व्यय में प्रत्याशीयन के विज्ञापनन के खच्च और रसीद आय गयीं के नानें, जो लंगर चलाय कें भण्डारे कर रहे हैं वाउको खच्च दिखाओ है के नानें । कितेक गैस सिलेण्डर खाय गये नेता लंगरन्न में, जे सिलेण्डरों की खरद की रसीद खच्च के हिसाब के संग पेस भई है के नानें । महाराज शहर से सिलेण्डर गायब है गये हैं, जनता से पंगा कर्रो है रहो हैं , हमऊं से भिड़न्त है गयी है , हम तो खैर निबट लेंगें पर महाराज निष्पक्ष चुनाव गारण्टी अधिकारी महोदय वा जनता को का होगो जो हजारों नम्बर आज की तारीख में आडवाणी जी की तरह वेटिंग इन में डरे हैं , वे भभ्भर मचाय रहे हैं । बिनकी कोऊ सुन नाने रहों जा बखत । हमने सुनी है कि नेतन लोगन ने ट्रक के ट्रक सिलेण्डर उतारवाय लये हैं, और सिग लंगरन में हवन है गये हैं । सुनो है के नेतन ने भारी गुण्डागिरी मचाय रखी है । बड़ी जबरदस्त ब्लैकमेलिंग चल रही और सिलेण्डर आठसौ और पन्द्रह सौ रूपये में मिल रहे हैं नहीं तो तीन महीना बाद, वाह प्रभु जय सियाराम, वैसे तो हम कम्पलेण्ट हाई लेवल करई रहे हैं और कै तो जा व्यवस्था कों अब ठीक ही करवाय देंगें और एजेन्सी टर्मिनेशन के लेउँ लिखेंगे हकीकत तो खैर भारत सरकार के सही डिपार्टमेण्टों तक सही माध्यम से पहुचाय देंगें ही, लेकिन महाराज चुनाव बाद हम सूचना का अधिकार में जे सब ब्यौरा महाराज आपसे मांगेंगे, सो दे जरूर दीयो नहीं तो एक लड़ाई और लड़नी पड़ेगी ।
8. वैसे तो ऊपर लिखीं बातें बहुत हैं समझदार के लाने पर जे है कि चलत चलत एक औरऊ बात कह दें कि बा गरीब हरिजन निर्दलीय प्रत्याशी की प्रचार गाड़ी यानि रिक्शा जे दूसरा गुण्डा बाहुबली प्रत्याशीयन ने टोर फोर डारी हती, हमने अखबार में पढ़ी हती वा को का भओं, जे निर्दलीय प्रचार काय नही कर पाय रहे, जिनकी धड़ाधड़ पिटाई मराई लगाय कें जे गुण्डा लोग बाहुबली प्रत्याशी प्रचार नहीं करन दे रहे वामें आप का कर रहे हैं महाराज । खैर थोड़ी लिखी बहुत समझना ।
अंतत: आप समझ सकते हैं कि चम्बल में चुनाव कैसा चल रहा है और कैसा निष्पक्ष, स्वतंत्र व पारदर्शी हो रहा है । और उधर डकैत बदमाश गांवों में धमकी दे गये हैं कि अलां फलां को वोट देना वरना चुनाव बाद पकड़ कर ली जायेगी, शहरों में चोरी भडि़याई करवाने की धमकी और ऐलान जारी किये है, कुछ मतदाताओं को लूट पाट और मारने पीटने के फरमान जारी हो गये हैं वहीं कुछ मतदाताओं को परिवार सहित जान से मारने की धमकी, अपहरण करने और बेइज्जत करने के फरमान भी बाहुबली गुण्डा प्रत्याशीयों द्वारा जारी किये गये हैं, कुछ की बिजली पानी काटने, कुछ को अन्यान्य भांति तंग व त्रस्त करने जैसी धमकियां जारीं हैं, शहर और गांव दहशत में हैं, मतदान आ रहा है, अगर वोटिंग ऐसे ही होनी है तो वोटिंग की जरूरत क्या है, इलेक्शन की जगह नोमिनेशन कर लेना चाहिये ।