हास्य/ व्यंग्य
सपना 85 का, आस कम्प्यूटर की, कहर बिजली का, चैलेन्ज मामा का
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
जगत मामू यानि जग मामा भनजों से बोले चलो बच्चो एक खेल खेलते हैं । जो जीतेगा वो एक क्म्प्यूटर पावेगा 500 रू. वाला इनाम में । हारा तो ठेंगा ।
बच्चे बोले वाह मामू क्या धांसू आइडिया है, हर्र लगे न फिटकरी रंग चोख आ जायेगा, केन्द्र सरकार नये नये आइटम निकाले है, ओर मामू अपनी सील उसी पे ठोक के मेड इन मामूज फैक्ट्री ठोक देवे है । खैर अब दान की बछिया के दॉंत तो नहीं देखे जावें हैं । फोकट में मिले तो 500 वाला भी चलेगा । मामू कौन कम उस्ताद थे, अपने पावर की मेन चाबी नीचे डाली और उड़ा दी बिजली, ससुरी रात गोल पूरी दिन भर गोल देखें भानजे कैसे अब लाओगे 85 परसेण्ट, नहीं लाये तो ठेंगा ।
बच्चों को टेंशन, सारी रात टेंशन सारा दिन टेंशन । अब मामू ने इनाम भी रख दी बत्ती भी गोल कर दी । अब पचासी तो का पास होइवे के लाले पड़ रहे हैं । आखिर एक भानजा तैश में आ ही गया उसने टी.वी पर एडवर्टाइज देखा, अमिताभ बच्चन चाचू बोल कि टेंशन गया पेंशन लेने, भानजा चाचू के डायलॉग पे प्ररित हो गया । और एक अखबार में छपी खबर के मामू को चिठ्ठी लिखो तो मामू बुला लेता है सो लिख डाली फटाफट एक पत्री मामा के नाम । बच्चे ने जो लिखा –
प्यारे मामू जान, तुम पर बिजली कुर्बान ।
बड़े दिनों से कोई नई इनामो इकराम नहीं आ रही थी न कोई पंचायत फंचायत नहीं हो रही थी सो लग ही नहीं रहा था कि मामू की सरकार लौट आयी है । न पत्थर गाड़ कर कब्रिस्तान बनाये जा रहे थे और न साइकिल से पेट्रोल बचाने मामू दफ्तर जा रहे थे, न कहीं भुक्खड़ सम्मेलन करा कर अनाज बांटे जा रहे थे, न कोई यात्रा फात्रा का टोटका हो रहा था । हमें लग रहा था मामू गद्दी पे जाके हमें भूल गये, बिसरा गये ।
पर मामू कमाल कर दिया अपने बिजी टैम में से थोड़ा बखत भानजों के लिये निकाल कर उन्हें 500 रू वाला ही सही कम्प्यूटर दे डालने का खेल खेलने का हम भानजों के साथ बढि़या फनी गेम शो चालू कर डाला और ठेले रिक्शे वालों को भी सरकारी हलवा का जलवा खिला दिया, हॉं अब कुछ कुछ यकीन हुआ कि मामू जान ही हैं, लौट कर सत्ता में आये हैं, जमूड़े बनाने और तमाशा दिखाना चालू कर दिये हैं । थैंक्यू मामा जी ।
मामा आपकी शर्त 85 परसेण्ट से ऊपर लाने की थी, पर मामू मैं और मेरे सारे दोस्त आपकी क्राइटिरिया एल.ओ.सी. से आउट हो गये हैं, अब हम 85 तो क्या पास ही हो लें तो आपकी दया से बहुत होगा । हमारे यहॉं सारी रात बिजली नहीं रहवे है, सारे दिन भी अँधेरा छाया है, मोमबत्तियां खरीद खरीद कर पागल हो गये हैं, मम्मी पापा की जेब भी जवाब दे गयी है, एक मोमबत्ती आधा पौन घण्टे संग देती है और बिजली सारी रात गुल रहती है, सारा दिन गुल रहती है, अबकी बार गणित में ऐसे ही सवाल पूछोगे तो शायद हम पास भी हो जायें जैसे – एक मोमबत्ती 40 मिनिट तक जलती है जिसका दाम 2 रू है और बिजली 23 घण्टे गुल रहती है तो बताओ कि एक दिन में कितनी मोमबत्तियां लगेंगीं और एक दिन का खर्च कितना आयेगा । मामू जान ऐसे सवाल हमें अब खूब रट गये हैं, हम फटाक से सवाल का उत्तर दे देंगें, कोर्स के सवाल तो मामू अब पढ़ नही पाते सो मामू ऐसे सवाल पूछ कर ही हमारा बेड़ा पार करा देना नहीं तो मामू हम सारे के सारे ही फेल हो जायेंगें ।
मामू अब कम्प्यूटर तो हमारी पकड़ से निकल गया आपका चैलेन्ज कि बेटा बिना बिजली के लाओ 85 परसेण्ट और पाओ कम्प्यूटर, ये हमारे बूते का नहीं है । आपका चैलेन्ज हम वापस करते हैं, अब तो पास ही हो लें तो साल बच जायेगा वरना मामू आपका ये गेम शो हम गॉंव शहर के गरीब बच्चों की कूबत से बाहर है ।
मामू थोड़ा लिखा, बहुत समझना । आपका प्यारा भानजा अपने कई साथियों के साथ ।
मामू को चिठ्ठी मिली तो मामू ने भानजे को बुलवा भेजा और भानजे से कहा कि देखो बेटा, बिजली ने गरीब मोमबत्तियां बनाने वालों की रोजी रोटी छीन ली, हमने उन्हें रोजगार मुहैया कराया, गरीब इन्वर्टर और बैट्री वालों को धन्धा दिलाया । ऊर्जा की खपत और बचत पर अब तुम्हें निबन्ध नहीं रटने पड़ेंगें । भ्रष्टाचार खतम करने आ रहे कम्प्यूटर और आई.टी. तथा ई गवर्नेन्स हमने एक ही वार से बिजली काट कर मामला ही जड़ मेख से मिटा दिया ससुरी न बिजली न आई.टी. न कम्प्यूटर न पचासी परसेण्ट हमने एक झटके में सबके टेंशन दूर कर दिये । भ्रष्टाचार खतम हुआ तो देश में ग्लोबल मन्दी छा जायेगी, सरकार की और सरकारी कारिन्दों की कमाई ही ठप्प हो जायेगी । सब टेंशनों की जड़ ये बिजली थी । हमने बिजली काट दी सारे टेंशन खतम कर दिये । तुमने कहावत तो सुनी ही होगी कि न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी सो प्रिय भानजे न बिजली होगी न भ्रष्टाचार खतम होगा, न आई.टी. आवेगी न कम्प्यूटर, हमने भयमुक्त म.प्र. का वायदा किया था हमारे सरकारी कर्मचारी सबसे ज्यादा भयभीत पारदर्शिता लागू होने और भ्रष्टाचार के खात्में से थे हमने उन्हें बिजली काट कर भयमुक्त कर दिया । रहा बेटा तुम्हारे पास और फेल होने की बात । सो चुनाव परिणामों की तरह हमने परीक्षा परिणाम भी सैटल कर लिये हैं । कहॉं कौन पास होगा और कौन फेल, कौन पच्चासी लायेगा कौन ज्यादा लायेगा कौन कम्प्यूटर पावेगा कौन इस गेम शो में हारेगा और किसको ठेंगा मिलेगा सब कुछ सैटल्ड है बेटा जा अब घर जा और चद्दर तान कर टॉंग पसार कर सो तेरे 85 से ऊपर आ जायेंगें तू चिन्ता मत कर । तुझे कम्प्यूटर मिल जावेगा । अब ज्यादा भभ्भर मचा कर हमारी गेम शो की ऐसी तैसी मत कर ।
भनजा बोला कि पर क्या मामू ये गलत नहं होगा । मामू बाले कि बेटा देश में ये रोज ही हो रहा है । हर गेम शो में हो रहा था लो जमूड़े बन रहे हैं, मदारी जमूड़े बना रहे हैं, मैं तो केवल उनके चरण चिह्नों की धूलमात्र ही ले रहा हूँ ।
भानजा खुशी खुशी बिना पढ़े लिखे ही कम्प्यूटर मिलने के सपने लेकर अपने घर लौट आया ।