मुरैना ताबड़तोड़ वारदातों का सिलसिला जारी-भयमुक्त से भययुक्त करने का अभियान
15 दिन में पॉंच बड़ी वारदातें, लूट और चोरी के साथ डकैती
मुरैना 5 अप्रेल 08 । स्थानीय मंत्री व विधायक रूस्तम सिंह के भयमुक्त मुरैना में अचानक ताबडतोड़ आपराधिक वारदातों की झड़ी लग गयी है । 15 दिन पहले तक आमतौर पर शान्त रहे मुरैना शहर में विगत एक पखवाड़े से जैसे अचानक वारदातों का कोहराम सा मच गया है ।
उल्लेखनीय है इन दिनों विभिन्न राजनीतिक दल अपनी अपनी चुनावी तैयारीयों में जुटे हैं वहीं एक दूसरे के खिलाफ मुद्दे बनाने व उछालने का भी अभियान छेड़े हुये हैं ।
यह भी ज्ञातव्य है कि स्थानीय मंत्री विधायक रूस्तम सिंह ने पिछला चुनाव भयमुक्त मुरैना करने का वायदा करके जीता था । और उनके पीछे उनके सेठजी के.एस. ग्रुप के मालिक थे, सेठ जी ने अखबार छपवा कर अखबारों में अखबार डालकर शहर में अपील के तौर पर बटवाये थे ।
लम्बे समय से अपराधीयों की स्वर्गस्थली रहा मुरैना अपराध मुक्त होकर लगभग शान्त सा हो गया था और लोग चैन से सोने लगे थे । किन्तु पिछले 15 दिन में अचानक 5 बड़ी वारदातें शहर में होने से हालात लौटकर सन 2003 की स्थिति जैसे हो गये हैं जब चुनाव के मतदान की तारीख यानि 1 दिसम्बर और मतगणना की तारीख यानि 4 दिसम्बर तक शहर में भारी, चोरी लूट और गुण्डागर्दी की वारदातें हुयीं थीं ( अकेले 1 और 2 दिसम्बर की दरम्यानी रात ही शहर में 23 चोरी और पॉंच लूट हुयीं थीं) जो कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही थमीं थीं । उस समय इन वारदातों के पीछे एक राजनेता का हाथ आंका गया था । लेकिन वह स्वयं चुनाव हार गया था ।
अब भयमुक्त मुरैना को फिर कौन भयुक्त कर रहा है, यह प्रश्न चिन्तनीय है । वह भी पिछले 15 दिन से अभियान जैसा चला रहा है । कहीं इस नये अभियान के पीछे भी राजनैतिक महात्वाकांक्षायें तो नहीं ।
क्योंकि रूस्तम सिंह फिर मैदान में आने वाले हैं और फिलवक्त उनकी छवि भी लोकप्रिय और मजबूत है, तो आखिर कौन है जो राजनीति की आड़ में शहर में अपराधीयों के डेरे चला रहा है ।
मजे की बात है कि अगर एक या दो वारदातों को छोड़ दें तो अधिकतर शहर के व्यापारीयों के साथ घटी हैं । और व्यापारीयों में मुकम्मल दहशत व आतंक फैलाने वाली हैं । परसों रात दुर्गापुरी कालोनी में पड़ी डकैती की रिपोर्ट की स्याही भी नहीं सूखी थी कि कल रात स्थानीय मंत्री व विधायक रूस्तम सिंह के सहयोगी सेठजी द्वारा स्थापित कालोनी जिसमें सेठजी का स्कूल भी संचालित है टी.आर. पुरम में भी भारी बड़ी वारदात हो गयी, जिसका मतलब सीधे सेठजी की ऑंख में ऊंगली डालना है ।
आखिर कौन है जो रूस्तम सिंह और सेठजी के पीछे नहा धो कर पड़ा है और उनके भयमुक्त मुरैना को भययुक्त करने में जुटा है । पुलिस तो सारी वारदातों से जैसे घुच्च होकर रह गयी है, और महज घोंचू की तरह तमाशबीन होकर रह गयी है । यह भी उल्लेखनीय है कि शहर में पेट्रोलिंग लम्बे समय से बन्द है । ऊपर से बिजली कटौती के वक्त अधिकतर वारदातें अपराधीयों द्वारा अंजाम दी रहीं हैं ।