शनिवार, 21 नवंबर 2009

दल तंत्र भगाओ - जनतंत्र बचाओ अभियान में सहभागिता की अपील- गोपाल दास गर्ग

दल तंत्र भगाओ - जनतंत्र बचाओ अभियान में सहभागिता की अपील- गोपाल दास गर्ग

सम्मानीय देशवासियों,

       आज की दल तंत्रीय राजनीति ने देश की एकता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखना प्रश्नांकित कर दिया है। समूचे देश में चारों तरफ देश का विद्यटन हो रहा है। प्रत्येक राजनीतिक दल अपनी अपनी सत्ता और संप्रभुता स्थापित करने में लगा है। जिसके लिये वह आये दिन दलवाद, जातिवाद, लिंगवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, आर्थिक सम्पन्नता/विपन्नता वाद आदि अनेकानेक वादों का जहर फैलाकर अपने अपने तरीके से अपने लक्ष्य को पाने के लिये अमर्यादित आचरण कर रहा है।

यदि समय रहते जनतंत्र को बचाने का कोई कारगर उपचार नहीं हुआ तो देश से जंनतंत्र पूरी तरह मिट जावेगा। देश टुकड़े-टुकड़े हो जावेगा। आज का शोषित वर्ग और अधिक शोषित होगा तथा दल तंत्रीय राजनीति के पोषक, स्वंयभू बन जावेगें।

 

       अभियान का किसी दल से या दल के प्रत्याशी से कोई विरोध नहीं है अपितु दल तंत्रीय शासन प्रणाली से विरोध है। दल का प्रत्याशी कहने को जनप्रतिनिधि होता है किन्तु व्यवहारिक सत्य यह है कि वह जनप्रतिनिधि के नाम वास्तविक तौर पर वह अपने दल का प्रतिनिधि होता है। उसकी निष्ठा पूर्णत: अपने दल के प्रति होती है। दल का प्रत्याशी देश, देश के संविधान, देश की जनता या क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति कतई वफादार नहीं होता। वह केवल अपने दल के प्रति ही वफादार रहता है। लोकसभा या विधानसभा में प्रस्तुत विषयों पर वह अपने दल के हितों के अधीन अपना वोट देता है न कि जनहित में। इस प्रकार जनहित, दलीय राजनीति में नष्ट हो जाता है।

       दल का प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि के रूप में समय-समय पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 173 (क) अंतर्गत बारम्बार यह शपथ लेता है कि वह विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रध्दा और निष्ठा रखेगा तथा भारत की संप्रभुता और अखण्डता को अक्षुण्ण रखेगा। किन्तु व्यवहार में वह इस शपथ को भूल जाता है और दलीय दल-दल में उलझ जाता है।

इस सत्य का प्रमाण आये दिन सदन में सभी दलों द्वारा किये जा रहे आचरण से स्पष्ट प्रमाणित हो रहा है। कोई भी दल तथा उसके प्रतिनिधि स्परूप चुना गया प्रतिनिधि, विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति न तो सच्ची श्रध्दा रखता है और न ही निष्ठा।

जनता द्वारा चुनें गये ये सभी जनप्रतिनिधि, भारत की संप्रभुता और अखण्डता को अक्षुण्ण न रखकर, केवल अपने-अपने दल की संप्रभुता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये भारत के संविधान तथा उसके अंतर्गत निर्मित एवं स्थापित विधि के विपरीत प्राय: अविधिक आचरण कर सदनों को आये दिन शर्मसार करते रहते है। सभी राजनीतिक दलों का यह आचरण, जनतंत्र की हत्या कर, दल तंत्र की महत्ता को प्रतिस्थापित करने की ओर अग्रसर होना इंगित करता है।

       जनप्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप-प्रत्यारोप एक दल, दूसरे दल पर आये दिन लगाता रहता है किन्तु रिश्वत लेने व देने के लिये निर्मित भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत अपेक्षित कार्यवाही करने या कराने की पहल किसी भी दल द्वारा नहीं की जाती है। राजनीतिक दलों का यह आचरण भारत की जनता को यह संदेश देता हैं कि कोई भी दल भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रध्दा और निष्ठा नहीं रखता है और न ही संसद द्वारा बनाये गये किसी कानून के अनुपालन में उनकी स्वयं की कोई रूचि ही है।

       भारत देश में संवैधानिक विधि द्वारा निर्मित व स्थापित कानून का शासन है जो देश के प्रत्येक राजनीतिक दल, दल के पदाधिकारी, प्रतिनिधि, कार्यकर्ता एवं नागरिक पर बिना किसी भेदभाव के समान रूप से प्रभावी है। किन्तु आये दिन देखने में यह आ रहा है कि कोई भी राजनीतिक दल संवैधानिक विधि द्वारा निर्मित व स्थापित कानून का पालन नहीं करना चाहता है तथा संवैधानिक विधि द्वारा निर्मित व स्थापित कानून को कानून मानने के लिये तैयार नहीं है।

प्रत्येक राजनीतिक दल स्वविचारित विचार को ही कानून की संज्ञा देकर, जनहित के नाम पर, अपने-अपने दलों की श्रेष्ठता व महत्ता को प्रतिष्ठित व प्रतिपादित करने के लिये आये दिन समूचे देश में हड़ताल, बाजार बंदी, चक्काजाम, तोड़-फोड़, लूटपाट, दंगाफसाद, धार्मिक उन्माद, बम विस्फोट आदि अनेकानेक भिन्न-भिन्न विद्यटनात्मक तथा हिंसात्मक तरीके अमल में लाते हुये राष्ट्रीय सम्पत्तियों को क्षति तथा देश की आम जनता को जन-धन की हानि पहुचाने जैसी गतिविधियों में संलग्न रहता है। दलबंदी के इस आचरण से देश में भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार और महगांई में आये दिन उत्तरोत्तर वृध्दि होती जा रही है। राजनीतिक दलों का यह आचरण जनतंत्र की हत्या कर, दल तंत्रीय राष्ट्र्र्र की स्थापना किये जाने का द्योतक है।

      इसलिये दलतंत्र भगाओं - जनतंत्र बचाओं अभियान का दीप प्रज्वलित करना आज के समय की प्रासंगिकता है।

       दल तंत्र को भगाना और जनतंत्र को बचाना हमारे अभियान का लक्ष्य है। लक्ष्य प्राप्ति के चार कारक है 1. निष्ठा 2. श्रम 3. कर्म 4. साधना। यदि आप देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत है और अपनी स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाये रखने हेतु संकल्पित, देश पर अपनी जान न्यौछावर करने हेतु तत्पर, किसी भी प्रकार के लालच से परे, निष्ठा के धनी, श्रम को समर्पित, कर्म के पुजारी और साधना के साधक है तो इस अभियान को गति प्रदान करने में अपना योगदान दे सकते है।

      दलतंत्र भगाओ - जनतंत्र बचाओं अभियान के दीप - प्रज्जवन का प्रथम चरण, हमारा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुरैना विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना था। इस कार्य के लिये हमें किसी भी प्रकार के धनबल व बाहुबल की कतई दरकार नहीं रही। हमने सिर्फ मतदाता के जनमत समर्थन को शीर्ष प्राथमिकता दी। हम यह अच्छी तरह जानते है कि दलतंत्र का खात्मा धनबल या बाहुबल से नहीं किया जा सकता है। दल तंत्र का खात्मा केवल जनमत से ही हो सकता है।

भारत देश के वासियों एवं मतदाताओं से अभियान की यह अपील है कि दलतंत्र को भगाकर जनतंत्र को बचाने के लिये भारत का प्रत्येक मतदाता भावी चुनावों (लोकसभा/विधानसभा/स्थानीय संस्थाओं के चुनाव) में अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अपना वोट दलों के किसी भी प्रत्याशी को न देकर केवल निर्दलीय प्रत्याशियों को ही अपना वोट दे। एवं दल तंत्र भगाओं - जनतंत्र बचाओं अभियान को सफल बनाने में अपनी महती  भूमिका निर्वहन करें।

 

     अपीलार्थी

   गोपाल दास गर्ग

      संयोजक

                               दलतंत्र भगाओ- जनतंत्र बचाओ अभियान

                                       गणेशपुरा, मुरैना म0प्र

07532-227836

 

पॉलिमर के करंसी नोट

पॉलिमर के करंसी नोट

नई दिल्‍ली 20 नवम्‍बर 09

लोक सभा

        

       सरकार ने बैंक नोटों को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए प्रायोगिक आधार पर 10 रूपए के 1 अरब पॉलिमर नोट जारी करने की घोषणा की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रायोगिक आधार पर यह पॉलिमर के नोट चलाने की पहल की है। शुरू में  10 रूपए के नोट ही मॉलिमर के होंगे क्योंकि दस रूपए के नोटों में नकली नोटों की आशंका बहुत कम है।

 

       यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री श्री नमो नारायण मीणा ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में दी ।

 

पकड़े गये जाली नोटों की संख्‍या

पकड़े गये जाली नोटों की संख्‍या

नई दिल्‍ली 20 नवम्‍बर 09

लोकसभा

 

       वित्त राज्य मंत्री श्री नमो नारायण मीना ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा को आज सूचित किया कि मुद्रा प्रबंधन के गतिशील तत्त्वों का अध्ययन करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 1988 में नाइक समिति गठित की गई थी। समिति ने नकली नोटों के बारे में कोई अध्ययन नहीं किया।

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा प्रस्तुत की गई सूचना के अनुसार विगत तीन वर्षों के दौरान बरामद किए गए और जब्त किए गए जाली करेंसी नोटों की कुल संख्या निम्नलिखित है-

 

वर्ष

 

मूल्यवर्ग

 

 

1000 रुपये

 

500 रुपये

 

100 रुपये

 

50 रुपये

 

20 रुपये

 

10 रुपये

 

2006

 

19,606

 

81,399

 

2,20,419

 

30,570

 

1,392

 

3,653

 

2007

 

21,130

 

1,22,858

 

2,23,505

 

19,778

 

834

 

349

 

2008

 

59,631

 

3,49,380

 

2,20,233

 

31,257

 

604

 

269

 

2009

(30.9.09)

28,916

 

1,64,252

 

1,25,856

 

10,370

 

438

 

149

 

 

       भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचित कि है किया बैंक-वार और स्थान-वार अभियोजन और दोषसिध्दि की सूचना का रिकार्ड नहीं रखा जाता। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो ने बताया कि उनके पास भी इस प्रकार की सूचना उपलब्ध नहीं है।

 

       देश में नकली भारतीय करेंसी नोटों के परिचालन को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों में नकली नोटों की तस्करी रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल और सीमा शुल्क प्राधिकारियों द्वारा सतर्कता बढाना, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए सुरक्षा विशेषताओं संबंधी सूचना का प्रसार करना और बैंकों के सभी प्रधान कार्यालयों में नकली नोट सतर्कता प्रकोष्ठों की स्थापना करना शामिल हैं। नकली नोट बनाना बहुत मुश्किल करने के लिए 2005 में बैंक नोटों में अतिरिक्त सुरक्षा विशेषताओं को शामिल किया गया है। बैंक नोटों की सुरक्षा को और सुदृढ बनाने के लिए नवीनतम सुरक्षा विशेषताओं के समावेशन की प्रक्रिया चल रही है। नकली भारतीय करेंसी नोटों के परिचालन की मानीटरी करने और उनका परिचालन रोकने के लिए केन्द्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है जिसमें केन्द्रीय एजेंसियों के अधिकारी और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं। राज्यों में भी इसी तरह के निकाय स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा, भारत सरकार ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को नकली करेंसी नोटों के मामलों की जांच-पड़ताल की मानीटरी करने के लिए एक नोडल एजेंसी के तौर पर नामजद किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने नकली नोटों का पता लगाने के तंत्र को भी सुदृढ क़िया है।

 

 

शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

निर्वाचन की सूचना जारी

निर्वाचन की सूचना जारी

       मुरैना 19 नवम्बर 09/ राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगरीय निकायों के निर्वाचन के लिए रिटर्निंग आफीसरों द्वारा आज निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन किया गया । आज मतदान केन्द्रों की सूची का भी प्रकाशन किया गया और इसी के साथ नामांकन पत्र प्राप्त करने का सिलसिला प्रारंभ हुआ । जिला निर्वाचन कार्यालय की जानकारी के अनुसार नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने की पहले दिन आज जौरा नगर पंचायत के वार्ड क्र. 17 के पार्षद पद हेतु एक निर्दलीय अभ्यर्थी को छोडकर अन्य किसी भी नगर पालिका व नगर पंचायत से कोई भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया गया ।     राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार नामांकन भरने की अंतिम तिथ 26 नवम्बर रहेगी तथा नामांकन पत्रों की जांच 27 नवम्बर को की जायेगी । नाम वापिसी 30 नवम्बर को होगी और इसी दिन उम्मीदवारों की सूची चुनाव चिन्हों सहित जारी कर दी जायेगी । जिले में निर्वाचन दो चरणों में होगा । प्रथम चरण में 11 दिसम्बर को नगर पालिका परिषद पोरसा, अम्बाह और मुरैना एवं नगर पंचायत बानमोर तथा द्वितीय चरण में 14 दिसम्बर को नगर पालिका परिषद सबलगढ़ एवं नगर पंचायत झुण्डपुरा, कैलारस और जौरा के लिए मतदान होगा । प्रथम चरण की मतगणना 15 दिसम्बर और द्वितीय चरण की मतगणना 17 दिसम्बर को होगी ।

 

रिटर्निंग आफीसर के कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में वाहनो का प्रवेश वर्जित

रिटर्निंग आफीसर के कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में वाहनो का प्रवेश वर्जित

मुरैना 19 नवम्बर 09/ राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगरीय निकायों के निर्वाचन हेतु नाम निर्देशन पत्र भरने का कार्य शुरू हो गया है । नामांकन भरने के समय रिटर्निंग आफीसर के कार्यालय की 100 मीटर सीमा क्षेत्र तक केवल तीन वाहन ही प्रवेश कर सकेंगे । इस सीमा के अन्दर किसी भी बाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी । इस आदेश के उल्लंघन पर भारतीय दंड विधान की धारा 188 एवं मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी ।

       जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एम.के. अग्रवाल द्वार नगरीय निकाय निर्वाचन को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए अभ्यर्थियों के द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने और चुनाव प्रचार कार्य में वाहनों के दुरूपयोंग को रोकने हेतु दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत जारी आदेश के अनुसार किसी भी राजनैतिक दल अथवा अभ्यर्थी द्वारा निकाले गये निर्वाचन जुलूस में तीन से अधिक वाहन काफिले के रूप में नहीं चल सकेंगे । जुलूस के दौरान वाहनों पर संबंधित दल या अभ्यर्थी एक पोस्टर, बैनर, झंण्डा लगा सकेगें ।

       रिटर्निंग आफीसर के कक्ष में नामांकन भरते समय अभ्यर्थी अपने साथ एक प्रस्तावक और एक अभिभाषक को ही ला सकते हैं । नामांकन भरने के दिनांक से चुनाव प्रचार समाप्ति (मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व) तक चुनाव प्रचार के लिए 3 वाहनों से अधिक के काफिलें वाहन रूप में नहीं निकाल सकेंगे । अध्यक्ष के पद के अभ्यर्थियों को उसकी लिखित अनुमति संबंधित रिटर्निंग आफीसर से प्राप्त करनी होगी और ऐसी अनुमति की मूल प्रति वाहनों के अगले शीशे पर चस्पा करना जरूरी होगा । वाहनों पर आने वाले व्यय का लेखा जोखा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए आय व्यय रजिस्टर में रखना आवश्यक होगा, जिसका अवलोकन राज्य निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों को भी उनके निर्देशानुसार समय-समय पर प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा ।

 

कौमी एकता सप्ताह 25 नवम्बर तक, अधिकारियों और कर्मचारियों ने ली राष्ट्रीय एकता की शपथ

कौमी एकता सप्ताह 25 नवम्बर तक, अधिकारियों और कर्मचारियों ने ली राष्ट्रीय एकता की शपथ

मुरैना 19 नवम्बर 09/ राज्य शासन के निर्देशानुसार कौमी एकता सप्ताह 19 से 25 नवम्बर 2009 तक मनाया जायेगा । कौमी एकता सप्ताह के अंतर्गत आज 19 नवम्बर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया । इस अवसर पर कलेक्टर श्री एम.के. अग्रवाल ने कलेक्ट्रेट परिसर में अधिकारियों और कर्मचारियों को राष्ट्रीय एकता व अखंडता बनाये रखने की शपथ दिलाई । अधिकारियों और कर्मचारियों ने सत्य निष्ठा से देश की आजादी तथा अखंडता बनाये रखने और उसे मजबूत करने के लिए समर्पित होकर कार्य करने की प्रतिज्ञा ली । उन्होने यह भी शपथ ली कि वे कभी हिंसा का सहारा नहीं लेंगे तथा धर्म भाषा, क्षेत्र से संबंधित भेदभाव और झगडों एवं अन्य राजनैतिक या आर्थिक शिकायतों का निपटारा शांतिपूर्ण तथा संवैधानिक तरीकों से करने के लिए प्रयास करते रहेंगे ।

       कौमी एकता सप्ताह के अन्तर्गत 20 नवम्बर को अल्प संख्यक कल्याण दिवस, 21 नवम्बर को भाषाई सद्भावना दिवस, 22 नवम्बर को कमजोर वर्ग दिवस, 23 नवम्बर को सांस्कृतिक एकता दिवस, 24 नवम्बर को महिला दिवस तथा 25 नवम्बर को संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जायेगा ।

 

नगरीय निकाय निर्वाचन 2009 : कन्ट्रोल रूम की स्थापना

नगरीय निकाय निर्वाचन 2009 : कन्ट्रोल रूम की स्थापना

मुरैना 19 नवम्बर 09/ नगरीय निकायों के निर्वाचन निर्वाध एवं सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए जिला संयोजक आदिमजाति कल्याण कार्यालय में कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गई है । इस नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 226496 रहेगा । यह कन्ट्रोल रूम 24 घंटे कार्य करेगा । प्रत्येक कर्मचारी अपनी-अपनी पाली के कार्य के प्रति पूर्णत: उत्तरदायी होगे ।

       जिला संयोजक आदिमजाति कल्याण श्री के.पी.पांडे इस कन्ट्रोल रूम के प्रभारी रहेंगे कन्ट्रोल रूम में प्रात: 10.30 से 5.30 तक शिकायत कार्य हेतु कनिष्ठ लेखा अधिकारी श्री कप्तानसिंह उपलब्ध रहेंगे । प्रथम पाली प्रात: 6 से दोपहर 1 बजे तक कार्य करेगी । इसमें सहायक शिक्षक प्री.मे.बालक छात्रावास श्री हरीसिंह और भृत्य श्री करन सिंह रहेंगे । द्वितीय पाली दोपहर 1 बजे से सायं 8 बजे तक कार्य करेगी इसमें क्राफ्ट शिक्षक आदर्श आश्रम श्री अरिहन्त लाल जैन और चौकीदार श्री रामस्वरूप जाटव रहेंगे । तृतीय पाली सायं 8 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगी । इसमें सर्वश्री रविशंकर शर्मा, अब्बास मोहम्मद कुर्रेशी, ओमप्रकाश खटीक और सियाराम शाक्य डयूटी करेंगे । श्री रविशंकर शर्मा 19 से 25 नवम्बर तक तथा श्री कुर्रेशी 26 से 2 दिसम्बर तक आगे भी 7-7 दिन के खडों में कर्तव्य पर उपस्थित रहेंगे ।  रिजर्व पाली में उ.श्रे.शिक्षक श्री जे.पी.जायस पो. मै.बा. छा. मुरैना और चौकीदार श्री बदन सिंह नैगी रहेगे ।

 

अमरसिंह को भारी पड़ सकती है उनकी लफ्फ़ाजी

अमरसिंह को भारी पड़ सकती है उनकी लफ्फ़ाजी

निर्मल रानी, 163011, महावीर नगर,  अम्बाला शहर,हरियाणा

email: nirmalrani@gmail.com फोन-0171-2535628

              फिल्मी गीताें व फ़िल्मी गंजलों के मुखड़ों को संवाद दाताओं के  प्रश्नों के उत्तर के रूप में पेश करने में महारत रखने वाले समाजवादी पार्टी नेता अमरसिंह को आने वाले दिन भारी पड़ने की संभावना नंजर आ रही है। यूं तो अमरसिंह समाजवादी पार्टी के महासचिव पद पर विराजमान हैं।परंतु दरअसल उनका कार्य समाजवादी पार्टी के लिए जनसंपर्क अधिकारी के रूप में कार्य करने का है। फ़ि ल्म जगत के प्रमुख चेहरों को समाजवादी पार्टी से जोड़ने का श्रेय भी अमरसिंह को ही जाता है। अमिताभ बच्चन,अनिल अंबानी तथा सुब्रतोराय सहारा जैसी देश की अतिविशिष्ट शख्सियतों को मुलायम सिंह के ंकरीब  लाने का श्रेय भी इन्हीं के सिर पर है। अब समाजवादी पार्टी के हित के लिए इतनी बड़ी शख्सियतों को जोड़ने के लिए अमर सिंह को स्वयं क्या कुछ करना पड़ता है यह एक अलग सी बात है। कभी अमरसिंह की पार्टी के प्रमुख नेता रहे राजबब्बर तथा आंजम खां जैसे लोग इस विषय पर ज्यादा बेहतर रौशनी डाल सकते हैं।

              जहां समाजवादी पार्टी के देश की बड़ी शख्सियतों से  संबंध मधुर बनाने में अमरसिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है वहीं समाजवादी पार्टी छोड़कर जाने वाले नेतागण भी अमर सिंह को ही अपने मनमुटाव का मुख्य कारण बताते हैं। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुछ ऐसे तथ्य उजागर किए गए जिनसे यह संकेत मिलता हैकि अमरसिंह ने समाजवादी पार्टी के उत्तरप्रदेश में सत्ता में रहते हुए शासन का किस प्रकार दुरुपयोग किया था। इस संबंध में जांच भी शुरू हो चुकी है। ऐश्वर्या राय के नाम पर कालेज खोलने को लेकर ंजमीन संबंधी उपजे विवाद में अमिताभ बच्चन का नाम आने की जड़ ंमें भी अमरसिंह की ही महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां तक कि अंबानी बंधुओं के मध्य मतभेद बढाने में भी इन्हीें का नाम लिया जा रहा है। इन सभी उतार-चढावों के बीच जब कभी मीडिया अमरसिंह से कुछ पूछना चाहता है तो अमरसिंह कभी ंफरमाते हैं कि हमें तो लूट लिया मिल के हुस्न वालों ने और कभी कहते हैं मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं। अमरसिंह का मीडिया प्रेम भी जगंजाहिर है। पिछले दिनों अपने एक आप्रेशन के दौरान सिंगापुर के हास्पिटल में बीमारी की हालत में  एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लखनऊ में बैठे पत्रकारों से उन्होंने बातचीत की।

              परंतु ऐसा लगता है कि अब अमरसिंह पर संकट के बादल मंडराने शुरू हो चुके हैं। उनके फ़ि ल्मी गीतों के मुखड़े बोलते रहने का समय अब जाने वाला लगता है। ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की निरंतर गिरती जा रही साख के लिए भी अमरसिंह को ही ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा 6 दिसंबर 1992 की अयोध्या घटना के मुख्य अभियुक्त कल्याण सिंह को समाजवादी पार्टी के ंकरीब लाने के  ंफैसले के भी आप ही ंजिम्मेदार हैं। अमरसिंह ने यह राजनैतिक सपना मुलायम सिंह को दिखाया था कि मुस्लिम व यादव मतों पर हमारा अधिकार तो है ही परंतु कल्याण  सिंह के  समाजवादी पार्टी के समर्थन से लोध तथा पिछड़ी जातियों के मत भी समाजवादी पार्टी के पक्ष में आएंगे। परंतु गत् लोकसभा चुनावों में अमरसिंह की गणित उल्टी पड़ गई। अपना भी जनाधार खोते जा रहे कल्याण सिंह की बदौलत न तो लोध व पिछड़े मतों का रुझान समाजवादी पार्टी की तरंफ हुआ और मुस्लिम मत भी कल्याण-मुलायम की बढ़ती दोस्ती के परिणामस्वरूप समाजवादी पार्टी से दूर होते सांफ नंजर आए।

              सोने पर सुहागा तो यह कि जिस कल्याण सिंह को मुस्लिम समुदाय ं  देखना भी पसंद नहीं करता उन्हें लेकर पिछले दिनों लखनऊ में हुए शहर पश्चिमी विधानसभा सीट के उपचुनाव के दौरान आपने एक ऐसी टिप्पणी कर डाली जिससे मुस्लिम समाज न केवल उनसे ख़ंफा हो गया बल्कि अमरसिंह के विरुद्ध शहर कोतवाली में धार्मिक भवनाओं को ठेस पहुंचाने संबंधी एक मुंकदमा भी दर्ज करवा दिया गया ।  4 नवंबर की इस घटना में अमरसिंह ने समाजवादी पार्टी के एक मुस्लिम प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने हेतु मुस्लिम समुदाय का आहवान् किया। एक सार्वजनिक सभा में कल्याण सिंह व मुलायम सिंह की दोस्ती को जायंज ठहराते हुए अमरसिंह ने ंफरमाया कि कल्याण सिंह समाजवादी पार्टी के लिए हंजरत हुर्र के समान हैं तथा भारतीय जनता पार्टी के लिए यह भस्मासुर की तरह हैं। अमरसिंह की यह टिप्पणी मुस्लिम समुदाय को बहुत नागवार गुंजरी तथा वे अमरसिंह के विरुद्ध मुंकदमा दर्ज करा बैठे।

              आईए संपेक्ष में आपको बताते हैं हंजरत हुर्र का जीवन चरित्र। छठवीं सदी में जब सीरियाई मुस्लिम शासक यंजीद ने हज़रत इमाम हुसैन के परिजनों को ंकत्ल करने की मंशा से करबला स्थित फु रात नदी के किनारे घेरा उस समय हुर ही यज़ीद की सेना का सेनापति था। हुर ने ही यंजीद के हुक्म पर हंजरत हुसैन व उनके परिवार के तंबुओं को नदी के किनारे से उखाड़  फेंका था तथा उन्हें पानी से दूर रहने के लिए इसलिए मजबूर किया था ताकि भीषण गर्मी के बावजूद उन्हें पानी नसीब न हो सके। 10 मोहर्रम की सुबह हुर को ही यंजीद के  सेनापति के रूप में हंजरत हुसैन व उनके सहयोगियों पर आक्रमण करना था।  परंतु 9-10 मोहर्रम की रात को यजीद का सेनापति हुर देर रात तक करवटें बदलता रहा। उसके जवान पुत्र तथा ंगुलाम ने जब हुर की बेचैनी का कारण पूछा तो उसने कहा कि यंजीद व हुसैन के मध्य सुबह से शुरू होने वाली लड़ाई सत्य तथा असत्य के बीच होने वाला युद्ध है। यंजीद क्रूर,दुष्ट,व्याभिचारी,दुराचारी तथा भ्रष्ट राजा है। परंतु शक्तिशाली है तथा दौलतमंद है। दूसरी ओर उसको मुस्लिम राजा के रूप में मान्यता प्रदान न करने वाले हंजरत हुसैन हंजरत मोहम्मद के सगे नाती हैं। वे सत्य व धर्म के सच्चे उपासक हैं । वे शक्ति में कमज़ोर भी हैं। ऐसे में एक ओर माल व दौलत, तरक्की तथा जागीर है तो दूसरी ओर शहादत,सच्चाई तथा स्वर्ग के द्वार। ऐसे में मैं यज़ीद की ओर से युद्ध करने के बजाए युद्ध की सुबह होने से पूर्व ही हंजरत हुसैन के चरणों में जाकर स्वयं को समर्पित करना चाहता हूं तथा उनसे मांफी भी मांगना चाहता हूं। हुर के पुत्र तथा ंगुलाम ने भी उनके इस ंफैसले का समर्थन किया तथा रातों रात यजीद का सेनापति हुर अपने पुत्र व ंगुलाम के साथ यंजीद की सेना को छोड़कर रात के अंधेरे में हंजरत हुसैन के चरणों में जा गिरा। हुसैन ने उसे मांफ किया। इतिहास साक्षी है कि  10 मोहर्रम को करबला में हुई लड़ाई में हंजरत हुसैन की ओर से शहीद होने वाले पहले तीन सैनिक यही थे। हुर की इस क़ुर्बानी के बाद ही उन्हें हंजरत हुर के  नाम से जाना गया।

              अब हंजरत हुर का चरित्र चित्रण सुनने के बाद क्या इसमें कोई ऐसी गुंजाईश नज़र आती है जिससे कि कल्याण सिंह की तुलना हंजरत हुर से की जा सके। हुर ने सच्चाई का साथ देने के लिए यंजीद का साथ छोड़ा था। परंतु कल्याण सिंह ने भाजपा इसलिए छोड़ी थी क्योंकि भाजपा ने उनके पुत्र को लोकसभा का टिकट देने से इंकार कर दिया था। दूसरी बात यह कि कल्याण सिंह पहली बार भाजपा से अलग नहीं हो रहे थे। इसके  पहले भी वे अटल बिहारी वाजपेयी के विषय में अनाप-शनाप बोले थे तथा पार्टी से निकाल दिए गए थे। यह दूसरा मौक़ा था जबकि कल्याण सिंह पार्टी से निकाले गए तथा उन्हें अकेला देखकर सपा जनसंपर्क अधिकारी अमरसिंह ने उनसे संपर्क साधा और न जाने किस समीकरण के तहत कल्याण सिंह, अमर सिंह को सपा के लिए लाभकारी नंजर आए और वह भी इतने कि उनमें अमरसिंह को हंजरत हुर सी समानता भी नंजर आने लगी।

              कल्याण सिंह द्वारा समाजवादी पार्टी को जो नुंकसान पहुंचा उसका सिलसिला केवल लोकसभा चुनावों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि पिछले दिनों उत्तर प्रदेश विधान सभा के हुए उपचुनावों में भी समाजवादी पार्टी की अच्छी ंफंजीहत हुई। यहां तक कि ंफिरोंजाबाद लोकसभा सीट के उपचुनाव में जहां कि सपा ने अपनी पूरी तांकत झोंक दी थी वहीं अमरसिंह के ही सबसे बड़े आलोचक समझे जाने वाले कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर ने मुलायम सिंह की बहुरानी डिंपल यादव को भारी मतों से पराजित कर दिया। ख़बर है कि इसी ंफिरोज़ाबाद की सीट की हार ने मुलायम ंसिंह यादव को यह चिंतन करने के लिए मजबूर कर दिया है कि अमरसिंह के ऐसे ंफैसले आगे और कब तक? उनकी लंफंफांजी और ंफिल्मी गीतों व ंगंजलों के मुखड़े अब और कब तक? ऐसे में आपका भी यह सोचना न्यायसंगत हो सकता है कि देश की राजनीति की छाती पर अमर सिंह जैसे लंफंफाज़ों की सवारी और कब तक?  निर्मल रानी

 

गुरुवार, 19 नवंबर 2009

अम्बाह में युवक की गोली मारकर हत्या : मृतक हत्या का अरोपी था (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

अम्बाह में युवक की गोली मारकर हत्या : मृतक हत्या का अरोपी था

अम्बाह.मुरैना. पूर्व रंजिश को लेकर बुधवार को अम्बाह में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। अम्बाह में सब्जी मण्डी क्षेत्र में हुई उक्त वारदात का अरोपी घटना स्थल से भाग जाने में सफल रहे।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सब्जी मण्डी क्षेत्र अम्बाह में बुधवार को सायं 4 बजे के करीब छिन्नू पुत्र रामप्रकाश श्रीवास उम्र 26 वर्ष को 4-5 हमलावरों ने घेर कर पहिले लाटियों से हमला  किया फिर गोली मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने  बताया कि मृतक छिन्नू श्रीवास दिमनी थाना क्षेत्र के ग्राम बरेथा का रहने वाला था । और दो वर्ष पूर्व उसने गॉव के ही एक राठौर समाज के युवक की हत्या कर दी थी।

जमानत पर जेल से वाहर छिन्नू श्रीवास आज अम्बाह आया हुआ था जहॉ पर उसकी हत्या कर दी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुची और घटना स्थल का मुआयना कर शहर की नाका बंदी कर हत्या के आरोपियों की पतारसी शुरू कर दी है। घटना के बाद सब्जी मंडी क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा हो गया। भयभीत महौल में अपनी अपनी दुकाने बंद करली पुलिस ने घटना को पुरानी रंजिश बताया हैं। पुलिस बताया है कि शव को मेडीकल परीक्षण हेतु अस्पताल भेज दिया है और हत्या के आरोपियों के विरूद्ध मामला कायम कर लिया है।

 

राधा के अपहरण कर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही की मॉग (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

राधा के अपहरण कर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही की मॉग

मुरैना. सिविल लाईन थाना क्षेत्र के ग्राम मुड़िया खेड़ा से गत माह की 23 तारीख को घर से जेवर व नगदी लेकर गायब हुई राधा नामक युवती के पति ने उसके उपहरण की आशंका जताते हुये नामजद अपहृत कर्ताओं के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने तथा आरोपियों के चंगुल से राधा को मुक्त कराने की पुलिस प्रशासन से मांग की है।

ग्राम मुड़िया खेरा निवासी छोटीली पुत्र रामजीलाल नट ने अरोप लगाया है की उसकी पत्नी राधा का 23.10.09 को आरोपीगढ़ उस समय घर फुसला कर भगाकर ले गये। जब वह रिश्तेदारी में अम्बाह गया था। प्रार्थी ने घटना के दूसरे दिन सिविल लाईन थाना जाकर शिकायत दर्ज कराई अगर पुलिस ने आज दिनांक तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। छोटल्ली ने पुलिस प्रशासन से अविलम्ब कार्यवाही की मॉग की है।

 

पत्रकार अशोक शर्मा की माताश्री का निधन (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

पत्रकार अशोक शर्मा की माताश्री का निधन

मुरैना..पत्रकार अशोक शर्मा की माताजी रेवती देवी का विगत दिवस धिन हो गया ,केशव कालोनी निवासी अशोक शर्मा के निवास पर आज दिवंगत रेवती शर्मा को शहर के पत्रकार व राजनैतिक दलों के नेताओं ने पहुंच कर श्रद्धासुमन अर्पित किये गुढा चम्बल निवासी रेवती देवी अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड गईं है उनके पुत्र अशोक शर्मा पत्रकार है और सुरेश शर्मा भाजपा के  नेता हैं।

 

सहायिकाओं को प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र वितरित (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

सहायिकाओं को प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र वितरित

बानमोर- पंवाया रोड़ स्थिति आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केन्द्र पर 60 साहिकाओं महिलाओं को ट्रेनिग देकर संस्था संचालक द्वारा प्रमाण पत्र वितरण किऐ गऐ।

संस्था संचालक योगेश माथुर ने बताया कि जौरा सबलगढ़ मुरैना कैलारस से ट्रेंनिग के लिए आयी 60 सहायिकाओ को 7 दिन

ट्रेनिग देकर उन्हेंप्रमाण पत्र वितरण किए गये। ट्रेनिग के दौरान तारो की छाव हम सैर करने जायेगे। तथा हाथी आया झूम के धरती मॉ को चूमके। नायक कविता महिलाओं द्वारा सुनाई गई। ट्रेनिक के दौरान उपसंचालक शिवकुमार शर्मा डी.पी.ओ डीके सिद्धार्थ एवं अपर तहसीलदार भरत कुमार द्वारा केन्द्र का निरीक्षण किया तथा महिलाओं के कार्यक्रम को सराहा

 

एन.पी.शर्मा के निधन पर शोक सभा आयोजित (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

एन.पी.शर्मा के निधन पर शोक सभा आयोजित

मुरैना.श्री एनपीशर्मा प्रातांध्यक्ष पेंन्शर्न्स एसो. म.प्र. एवं पूर्व प्रातांध्यक्ष तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ म.प्र. के आकस्मिक निधन पर पेंन्शनर्स एसो. जिला शाखा मुरैना द्वारा श्री एम.एस. नागलीय की अध्यक्षता में एवं शोकसभा का आयोजन किया गया।

श्री नागलीय जी ने बताया कि शर्मा का निधन पेर फिसलने से उनके  पखोंरे की हडडी टूटने से दिंनाक 17 नवम्बर09 को हुआ

। वे 80 वर्ष के थे और अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड गये है। जिला शाखा मुरैना द्वारा उनकी आत्मा की शान्ति हेतु तथा उनके परिवार के हुई क्षति के सहन करने हेतु परम पिता परमात्मा से प्रार्थना की। प्रार्थना के करने वालों में श्री ओपी पलिया कोषाध्यक्ष, श्री गोपालदास गर्ग महामंत्री एवं श्री एमएस नागलीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदि े पेन्शर्स उपस्थित थे।

 

मुरैना शहर में आधी रात को सशस्त्र डकैती,मुखिया को बंधक बनाकर की तीन लाख से अधिक की डकेती (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

मुरैना शहर में आधी रात को सशस्त्र डकैती,मुखिया को बंधक बनाकर की तीन लाख से अधिक की डकेती

लूट के  बाद डकेती, सिटी कोतवाली पुलिस को खुली चुनौती

 

बिजली कम्पनी का कर्मचारी है पदमचंद, अगले माह है बेटी की शादी

मुरैना...शहर की पुरानी जीन में रहने वाला पदम चंद जैन मुरैना में बिजली कम्पनी का एक कर्मचारी है और उसकी बेटी की अगले  माह की 12 तारीख को उसकी बिटिया की शादी है आर्थिक रूप से कमजोर पदमचंद जैन ने बेटी के पीले हाथ करने का संकट है। बदमाश उसकी सारी कमाई को समेट कर ले गये,जैन के यहा पर हुई उक्त घटना के बाद समाज ब राजनैतिक दलों के नेताओं द्वारा सहाभूति जताने के लिये तांता लगा है।

 

 

मुरैना 18 नवम्‍बर 09..शहर की पुरानी जीन क्षेत्र में बीती रात को हुई सशस्त्र डकेती की घटना में अज्ञात बदमाश तीन लाख से अधिक का माल समेट कर लेगये घर के मुखिया को बंधक बना कर बदमाश परिवार के अन्य सदस्यों को बंदूक का भय दिखाकर डकेती की बारदात को अंजाम देने में सफल रहे पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के बिरूद्ध मामला कायम कर उनकी पतारसी शुरू कर दी है।

पुलिस सूत्रों से उक्त बारदात के संबन्ध में मिली जानकारी के अनुसार पुरानी जीन में रहने वाले पदमचंद जैन के मकान पर सीढी लगा कर आधी रात को अज्ञात बदमाश घर में घुस आये और उन्होने घर के अंदर रखी अलमारी व संदूको के ताले चटकाये उसी दौरान पदमचंद व परिवार के अन्य सदस्यों की नींद खुल गई तो उन्होने बिरोध किया तो बदमाशों ने पदमचंद के हाथ पैर बांध दिये और अन्य सदस्यों के सीने से बंदूक अडा कर उन्हे जाने से मारने की धमकी देकर तीस हजार रूपये नगदी व तीन लाख के सोने ,चांदी के आभूषण समेट कर भाग निकले। पदमचंद  का कहना है कि बदमाश की संख्या चार पांच थी किसी के हाथ में बंदूक तो किसी के हाथ में कट्टा तथा लाठी फरसा था।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग शर्मा का कहना है कि जीन घटना पर शहर कोतवाली पुलिस ने वहरहाल अज्ञात लुटेरो के बिरूद्ध मामला कायम कर लिया है और घटना का मौका मुआयना कर पुलिस बदमाशों की पतारसी में जुट गई है। श्री शर्मा ने बताया कि पुलिस बदमाशों का शीघ्र पता लगाने में सफल होगी ऐसी उन्हे आशा है।

बताया जाता है कि बदमाश मौके पर एक तेहमद छोड गये है जिसे पुलिस ने जप्त कर लिया है। शहर में हुई उक्त सनसनी खेज डकेती की वारदात से पुलिस की सक्रियता पर प्रश्न चिन्ह लग गया है ब्यापारी वर्ग में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई।

शहर में बीते माह की 28 तारीख को पुराना बस स्टेन्ड पर गल्ला ब्यापारी गोपाल गुप्ता हुई दिन दहाडे तीन लाख की लूट और दो लोगों को अज्ञात व्‍यक्तियों द्वारा गोली मारे जाने की घटनाओं का शहर कोतवाली पुलिस अभी सुराग नही लगा सकी है और जीन में बीती रात को हुई  सनसनी डकेत की बारदात सिटी कोतवाली पुलिस के लिये एक कडी चुनौती है। बदमाश , लुटेरों की से मिली खुली चुनौती पर पार पाने में सिटी कोतवाली को कितने समय में सफला मिलेगी यह तो आने वाला समयही बतायेगा वहरहाल लूट और डकेती बारदातओं ने शहर कोतवाली पुलिस की परेशानी पढा दी है।

ब्यापार मंडल ने दी पीडित को 21 हजार की सहायता

मुरैना..ब्यापार मंडल के सहसचिव रामसेवक गुप्ता पोरसा वाले  घटना का सूचना मिलने पर पदमचंद जैन के घर पहुंचे उन्हे सांत्वना देते हुए बच्ची की शादी हेतु ब्यापार मंडल की ओर से  21 हजार की नगद  राशि की सहयाता दिये जाने की घोघणा की । ब्यापार मंडल ने पुलिस प्रशासन से डकेत की घटना का शीघु पर्दाफास करने हेतु प्रभावी कार्यवाही करने की मांग की है।