बुधवार, 18 नवंबर 2020

कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम मुरैना ने 7 खरीदी केन्द्रों का किया निरीक्षण

मुरैना जिले में इस समय बाजरा की खरीदी युद्ध स्तर पर है। किसानों को बाजरे की फसल बेचने में किसी भी प्रकार का विलंब न हो। इसको ध्यान में रखते कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने जिले के समस्त एसडीएमों को निर्देश दिये है कि स्वयं एसडीएम खरीदी केन्द्रों पर पहुंचे। बाजरे की तुलाई में विलंब क्यों ? इसका अवलोकन कर मुझे अवगत करायें। कलेक्टर के निर्देश पर यूं तो जिले के सभी एसडीएम प्रत्येक केन्द्रों पर भ्रमण कर वहां पर आ रहीं बाजरे की तुलाई में समस्या का समाधान कर रहे है। वहीं एसडीएम मुरैना श्री आरएस बाकना ने स्वयं 7 खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान तुलाई के समय बारदाने की समस्या आ रही थी, एसडीएम ने तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर खरीदी केन्द्रों की गति बढ़ाई। एसडीएम मुरैना ने खरीदी केन्द्र निटहरा, पढ़ावली, भैंसरौली, चैना, शिवलाल का पुरा, धनेला और मार्केटिंग केन्द्रों का निरीक्षण किया। जिसमें 5 केन्द्र ऐसे थे, जिनके किसानों की ट्रॉलियां रोड़ पर खड़ी हुई थी, उन्हें तत्काल कृषि उपज मंड़ी में तौल कांटा, बारदाना का प्रबंध कर शीघ्र विक्रय कराई। जिनमें निटहरा, पढ़ावली, भैंसरौली, चैना और शिवलाल का पुरा केन्द्रों के नाम शामिल थे। भ्रमण के समय डीएसओ श्री तोमर, तहसीलदार श्री भरत कुमार, श्री विपन श्रीवास्तव, श्री अरूण जैन प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

विशेष सूचना बैंक कभी भी ओटीपी नही मांगता इस तरह से आने वाली सभी फ्रॉड कॉल है ( लोेकल लेवल से राष्ट्रीय स्तर तक शामिल है सायबर ठग इस रैकेट में )

 अनजाने व्यक्ति का काल न उठायें 

अगर कोई व्यक्ति आपको कॉल कर कहे कि आपके लोन खाते की तीन EMI आगे बढ़ानी है। आपके पास एक OTP (ONE TIME PASSWORD) आएगा। कृपया बतायें। इस तरह से पूछता है तो वह एक फ्रॉड कॉल है। कोई भी बैंक OTP नही माँगता। ध्यान रखे व अपना OTP नही बताये अन्यथा आपके साथ फ्राड हो जाएगा। यह सूचना सभी को भेजे। ऐसे लोग सक्रिय हो गए है।

अंबाह, पोरसा में अतिरिक्त 6 सोसायटी और खोली हैं , बाजरा खरीदी के लिये 15 दिवस और बढ़ाये, किसान चिन्तित न हों बाजरे का एक-एक दाना सोसायटी क्रय करेंगी - कलेक्टर

 


कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने जिले के किसानों से कहा है कि वे बाजरा विक्रय करने के लिये चिन्तित न हों। किसान का एक-एक दाना बाजारे का सोसायटी क्रय करेंगी। किसान की मांग के अनुसार अंबाह, पोरसा में 6 खरीदी केन्द्र और बढ़ा दिये गये है। जिन्होंने अपना कार्य आज से प्रारंभ कर दिया है। कलेक्टर ने बताया कि अंबाह अनुभाग के अन्तर्गत नवीन खरीदी केन्द्र स्थापित किये है। जिनमें प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति बिरेहरूआ, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति खड़ियाहार, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति उसेतपुर, सेवा सहकारी संस्था गोठ, विपणन सहकारी संस्था लीड पोरसा और विपणन सहकारी संस्था अंबाह उपार्जन केन्द्र खोले गये है।   

    कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि इनके अलावा जिले में 49 खरीदी केन्द्र पहले से ही संचालित है। सभी केन्द्रों पर बारदाना सहित अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों दिये गये है। किसान की उपज बेचने में विलंब न हो। इस प्रकार के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि अंबाह में इसके पहले 7, पोरसा में 4, मुरैना में 10, जौरा में 15, कैलारस में 7, सबलगढ़ में 6 खरीदी केन्द्रों पर बाजरा की खरीदी की जा रही है। कलेक्टर ने कहा कि खरीदी 21 नवम्बर तक नहीं। इसके लिये अतिरिक्त 15 दिवस और बढ़ा दिये गये है। हर किसान का एक-एक दाना सोसायटी क्रय करेंगी। किसान चिन्तित नहीं हो। 

ओले से प्रभावित प्रत्येक खेत का सर्वे होगा- कलेक्टर वर्मा

 


रविवार को सबलगढ़ विकासखण्ड के 8 गांवों में ओलावृष्टि हुई है। जिससे किसानों की फसल क्षति का नुकसान हुआ है। इसके लिये कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने एसडीएम सबलगढ़ सुश्री अंकिता धाकरे को कड़े निर्देश दिये है कि ओलावृष्टि वाले क्षेत्रों में राजस्व अधिकारियों की टीम लगाकर खेत-खेत का सर्वे किया जाये। ओलावृष्टि से हुये नुकसान की भरपाई का मुआवजा दिया जायेगा। इसके लिये राजस्व अधिकारी खेत-खेत की मेड़ पर पहुंचकर सर्वे कार्य को प्राथमिकता दें। इस कार्य में मुझे लापरवाही नहीं मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि खेत का सर्वे करते समय कृषक को भी मौके पर बुलायें। ऐसा न हो, कि एक स्थान पर बैठकर पूरे क्षेत्र का सर्वे कर लिया जाये। मुझे किसी गांव या कृषक की शिकायत नहीं मिले। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि ओलावृष्टि के सर्वे का कार्य 3 दिवस के अंदर पूर्ण कर लिया जाये। किसान की जो भी फसल है, उस फसल का नाम, सर्वे क्रमांक पत्रक पर अंकित रहे।

    एएसएलआर श्री सिरोमन सिंह कुशवाह ने बताया कि सबलगढ़ विकासखण्ड के अन्तर्गत 8 गांवों में ओलावृष्टि हुई है। जिनका चिन्हांकन कर लिया गया है। इनके लिये राजस्व टीम गठित कर दी गई है। जिनमें जावरौल, जारोली, पचेर, बावड़ीपुरा, कैमाराकलां, टोंगा, रामपुरकलां, बामसोली आदि ग्राम शामिल हैं। 

8573 कर्मियों को हुआ 1 करोड़ 9 लाख 7 हजार 700 रूपये के मानदेय का भुगतान

 जिले की पांचों विधानसभा क्षेत्र जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह उपचुनाव कराने में लगे 8 हजार 573 कर्मियों को उनके खातों में 1 करोड़ 9 लाख 7 हजार 700 रूपये का भुगतान अल्पअवधि में कर दिया गया है।    

    कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग वर्मा के निर्देश पर यह भुगतान सभी मतदान कर्मियों को किया गया है। जिला पेंशन अधिकारी एवं मानदेय के नोडल अधिकारी श्री रामकुमार सिंह तोमर ने बताया कि मतदान दलों के मानदेय भुगतान में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एलके पाण्डे, जिला पंचायत के लेखाधिकारी श्री एम बेग, वरिष्ठ कोषालय अधिकारी श्री सुनील श्रीवास्तव, सहायक श्री केपी वर्मा, जिला निर्वाचन कार्यालय के श्री दिवाकर पचौरी, श्री नरेन्द्र सिकरवार, केपी वर्मा, सुपरवाइजर श्री उमेश बंसल, संतोष रजक और सुश्री सुमन की अहम भूमिका रही। जिनके अथक सहयोग से मानदेय का भुगतान कार्य संपादित हुआ।

नगरीय निकायों एवं पंचायत निर्वाचन के प्रति मतदाताओं को जागरूक करने प्रचार-प्रसार के निर्देश

 राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव श्री डी.व्ही. सिंह ने सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि नगरीय निकाय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2020-21 के प्रति मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार (SENSE)  की गतिविधियाँ शुरू करें। प्रचार-प्रसार की गतिविधियों का कैलेण्डर सभी जिलों को भेज दिया गया है। इस संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को भेजने के निर्देश भी दिये गये है।

    श्री सिंह ने बताया है कि नवम्बर के अंतिम सप्ताह में नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों में ई.व्ही.एम. के संचालन की जानकारी दी जायेगी। स्थानीय निर्वाचन विषय पर वाद-विवाद एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता, वर्ष 2014 में कम वोटिंग वाले मतदान केन्द्रों से संबंधित मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करना विकासखण्ड एवं निकाय स्तर पर युवा संवाद कार्यक्रम, नुक्कड़-नाटक, रैली आदि कार्यक्रमों के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक किया जायेगा।
    निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के बाद ऑनलाइन नाम निर्देशन-पत्र भरने, मतदान के दौरान कोविड-19 संक्रमण से बचाव, मतदाताओं के लिए सुविधाओं की जानकारी, चुनाव मोबाइल एप एवं उसकी उपयोगिता के संबंध में मतदाताओं को जानकारी दी जायेगी। महिला एवं युवा मतदाताओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करना, गर्भवती महिला, वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांग मतदाताओं को सुगमता से मतदान किये जाने की प्रक्रिया बताना और आयोग द्वारा किये गए नवचारों एवं नियम-निर्देशों में हुए संशोधनों से मतदाताओं एवं अभ्यर्थियों को अवगत कराया जायेगा।

नगरीय निकाय झुण्डपुरा, कैलारस, अंबाह और पोरसा के वार्डो का संशोधन आरक्षण प्रक्रिया संपन्न, देंखें कहां किसे मिला आरक्षण

 


आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आदेशानुसार नगरीय निकाय झुण्डपुरा, कैलारस, अंबाह और पोरसा के वार्डो की आरक्षण संबंधी कार्रवाही त्रुटिपूर्ण होने पर पुनः करने के निर्देश दिये गये थे। प्राप्त निर्देशों के तहत कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग वर्मा की अध्यक्षता में चारों नगरीय निकायों के त्रुटिपूर्ण वार्डो के आरक्षण की प्रक्रिया विभिन्न राजनैतिक दलों की उपस्थिति में नई कलेक्ट्रेट भवन में संपन्न हुई। इस अवसर पर अपर कलेक्टर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एलके पाण्डे सहित संबंधित नगरीय निकायों के सीएमओ एवं संबंधी वार्डो के मान्यता प्राप्त दलों के लोग उपस्थित थे।     

    कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने बताया कि नये सिरे से वार्डों के आरक्षण की कार्रवाही में नगरीय निकाय झुण्डपुरा में कुल 15 वार्ड है, जिनमें से वार्ड क्रमांक 7,15 अनुसूचित जाति महिला के लिये एवं वार्ड क्रमांक 6 को मुक्त रखा गया है। वार्ड क्रमांक 12,13 पिछड़ा वर्ग महिला के लिये एवं वार्ड क्रमांक 2,10 को मुक्त रखा गया है। अनारक्षित वर्ग में वार्ड क्रमांक 1,3,5,9 महिला वर्ग के लिये और वार्ड क्रमांक 4,8,11,14 को मुक्त रखा गया है। 
    नगरीय निकाय कैलारस में अनुसूचित जाति के लिये वार्ड क्रमांक 2,9 महिला वर्ग, वार्ड क्रमांक 3 मुक्त रखा गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये वार्ड क्रमांक 7,15 महिला वर्ग के लिये, वार्ड क्रमांक 1,10 को मुक्त रखा गया है। अनारक्षित वर्ग के लिये वार्ड क्रमांक 4,5,8,14 महिला वर्ग के लिये, वार्ड क्रमांक 6,11,12,13 को मुक्त रखा गया है।
    नगरीय निकाय अंबाह में अनुसूचित जाति वर्ग के लिये वार्ड क्रमांक 10,11 महिला वर्ग के लिये, वार्ड क्रमांक 17 को मुक्त रखा गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग में वार्ड क्रमांक 1,13,18 महिला वर्ग के लिये, वार्ड क्रमांक 7,15 को मुक्त रखा गया है। अनारक्षित वर्ग में वार्ड क्रमांक 3,6,14,16 महिला वर्ग के लिये, वार्ड क्रमांक 2,4,5,8,9,12 को मुक्त रखा गया है।
    नगर पालिका पोरसा में अनुसूचित जाति के लिये वार्ड क्रमांक 9,10 महिला वर्ग के लिये, वार्ड क्रमांक 2 को मुक्त रखा गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग में वार्ड क्रमांक 8,13 महिला वर्ग के लिये, वार्ड क्रमांक 5,6 को मुक्त रखा गया है। अनारक्षित वर्ग में वार्ड क्रमांक 1,3,4,11 महिला वर्ग के लिये, वार्ड क्रमांक 7,12,14,15 को मुक्त रखा गया है।
    कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने बताया कि 29 जनवरी 2020 को वार्ड आरक्षण की कार्रवाही की गई थी। जिसमें महिला वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था। जिसमें किसी नगरीय निकाय में मान्य लिया जाये कि 15 वार्ड है तो 7 पर महिला एवं 8 वार्ड पर पुरूषों को रखा गया था। जिसमें शासन के आदेशानुसार महिला वर्ग को 8 वार्ड एवं पुरूष वर्ग को 7 वार्ड दिये जाने थे। इसलिये यह आरक्षण की कार्रवाही पुनः चार नगरीय निकायों की गई है।

पोषित परिवार-सुपोषित म.प्र के अन्तर्गत अति गंभीर कुपोषित बच्चों के परिवारों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि

 सुपोषित प्रदेश की संकल्पना को साकार करने के लिए कुपोषण जैसे गंभीर विषय पर समुदाय एवं परिवार की सहभागिता पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत "पोषित परिवार-सुपोषित मध्यप्रदेश" कार्यक्रम के अन्तर्गत अति गंभीर कुपोषण की श्रेणी में आने वाले बच्चों के परिवार को बच्चे के पोषण स्तर में उनके सक्रिय प्रयास से आयें सुधार के लिए प्रोत्साहित एवं सम्मानित किया जायेगा। महिला-बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री अशोक शाह ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर्स को पत्र लिख कर अवगत कराया है।

    यह प्रोत्साहन राशि एक परिवार को 200 रुपये प्रति किश्त की दर से दो किश्तों में 400 रूपये दी जायेगी। इसके तहत दो प्रावधान सुनिश्चित किये गए है। पहले प्रावधान में ऐसे पंजीकृत अति गंभीर कुपोषित बच्चे जिनका पोषण स्तर में अति गंभीर कुपोषण की श्रेणी से मध्य गंभीर कुपोषण की श्रेणी में आ गया हो, ऐसे परिवार को प्रोत्साहन की प्रथम किश्त की राशि देय होगी। दूसरे प्रावधान में ऐसे पंजीकृत अति गंभीर कुपोषित बच्चे जो C-SAM कार्यक्रम में मध्यम गंभीर कुपोषण की श्रेणी में आने के बाद सामान्य पोषण स्तर की श्रेणी में आ गए है, ऐसे परिवार को द्वितीय किश्त की राशि भी देय होगी। इसके अतिरिक्त बच्चे से संबंधित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बच्चे की उम्र अनुसार टीकाकरण सारणी का अनुपालन, 6 माह से 2 वर्ष की आयु हो उनके 6 माह के बाद बच्चे के ऊपरी आहार की शुरूआत एवं उसकी निरन्तरता का स्तर निर्धारित मानक अनुसार है या नहीं तथा परिवार द्वारा अपनाये जाने वाले स्वास्थ्य एवं पेषण व्यवहार अथवा शिक्षा के स्तर का भी आंकलन किया जायेगा।
    वर्तमान में प्रदेश के सभी जिलों में अति गंभीर कुपोषित बच्चों के समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत अति गंभीर कुपोषित बच्चों के चिन्हाकंन एवं पंजीयन के बाद 12 सप्ताह अथवा 3 माह तक सतत प्रयास कर उन्हें सामान्य पोषण स्तर पर लाया जाता है। इस दौरान बच्चों के परिवार को परामर्श देकर उनके सहयोग से बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य स्थिति में सुधार का प्रयास किया जाता है। "पोषित परिवार- सुपोषित मध्यप्रदेश" में इन परिवारों का सम्मान किया जायेगा जिनके प्रयासों से पंजीकृत अति गंभीर कुषोषित बच्चों के पोषण स्तर में बदलाव परिलक्षित हो रहा है।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाये जाने की दिशा में बनाये गये रोडमैप के बिन्दुवार अध्ययन किया जाये - कमिश्नर

 

चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आर.के. मिश्रा ने चंबल संभाग के तीनों जिलों के कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों एवं जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों सहित चंबल रेन्ज के पुलिस महानिरीक्षक श्री मनोज शर्मा को पत्र लिखकर निर्देश दिये है कि 12 एवं 13 नवम्बर को प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा ली गई वीडियो कॉन्फ्रेंस में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाये जाने के लिये बनाये गये रोड़मैप के प्रत्येक बिन्दु का गहन से अध्ययन कर बिन्दुबार क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। 
    चंबल कमिश्नर श्री मिश्रा ने कहा है कि मध्यप्रदेश शासन के द्वारा मॉनीटरिंग के लिये जो डेशबोर्ड बनाया गया है। इस पर संभाग एवं जिले की परफॉरमेन्स सही प्रदर्शित हो, इस पर उचित कदम उठाये जायें। धान उपार्जन एवं मिलिंग के संबंध में समन्वय किया जाकर कार्य किया जाये। ज्वार, बाजरा आदि के संबंध में खरीदी केन्द्रों का समय बढ़ाया गया है। शतप्रतिशत किसानों से ज्वार बाजरा की खरीदी हो जाये। पात्रता पर्ची का वितरण 100 प्रतिशत सुनिश्चित किया जाये और उसके आधार पर 100 प्रतिशत वितरण भी किया जाये। राशन माफिया के विरूद्ध तत्काल कार्रवाही कर एन.एस.ए. एवं अन्य अधिनियमों के तहत कार्रवाही की जाये। सुशासन हर हाल में कायम रखा जाये। त्यौहारों एवं आसपास के मेलों पर निगाह रखें, कानून एवं कोविड के नियमों का पालन किया जाये। अवैध रेत उत्खनन, भण्डारण एवं परिवहन न हो, सख्ती से कार्रवाही हो। 
    उन्होंने कहा कि चिटफण्ड कंपनी या उनके मालिक तथा डायरेक्टर के विरूद्ध कार्रवाही हो। मिलावटखोरों के विरूद्ध सख्त कार्रवाही हो और त्यौहरों पर विशेष ध्यान रखा जाये। सैम्पलिंग के लिये जो मोबाइल वेन शासन से भेजी गई है, तत्काल उनका प्रोग्रामिंग किया जाकर विस्तृत जांच का अभियान चालू किया जाये। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इस पर समन्वय करें। कमिश्नर ने निर्देश दिये है कि किसान सम्मान निधि योजना का प्रभावी क्रियान्वयन हो। पटवारी गांवों में फोटो खींचे और योजना का क्रियान्वयन तुरंत सुनिश्चित किया जाये। ग्रामीण एवं शहरी पथ विक्रेताओं को सहायता तत्काल मिले और रोजगार सफलतापूर्वक करें, जिससे उन्हें द्वारा, तिबारा ऋण मिल सकें। स्व-सहायता समूहों का सशक्तिकरण हो और उनके उत्पाद के लिये उन्हें आउटलेट सुविधा दी जाये। कोविड-19 पर लगातार निगाह रखी जाये। फीवर क्लीनिक में जांच का कार्य तेज किया जाये। एक जिला एक उत्पाद के मामले में जिले की ग्रामीण कृषि व्यवसायियों को उचित बाजार मूल्य दिलाया जाये और एक्सपोर्ट में जोड़ा जाये। नगरीय निकायों, जनपद एवं जिला पंचायतों में जो अनुपयोगी राशि है, जिसका उपयोग नहीं हो सकता है, शासन को भेजी जाये एवं अन्य प्रकार की राशियों के मामले में शासन निर्देशानुसार तत्काल कार्रवाही की जाये। (इस बावत परियोजना अधिकारी, शहरी विकास अभिकरण एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत समन्वय करें)। प्रदेश में खाद की कमी नहीं है, परन्तु वितरण एवं मॉनीटरिंग विधिवत की जाये। रोजगार एवं स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाकर अधिक से अधिक युवाओं एवं रोजगार चाहने वाले व्यक्तियों को रोजगार प्रदाय किया जाये। इसके लिये आवश्यक कदम उठाया जाये। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप अनुसार अगले माह में होने वाली समीक्षा बैठक में दिये गये विषयों में प्रभावी क्रियान्वयन किया जाकर जानकारी 28 नवम्बर को भेजी जाये।

निमोनिया जानलेवा हो सकता है बच्चों को निमोनिया से बचायें

 स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी करते हुये बताया गया है कि ठंड ने दस्तक दे दी है। ऐसे में शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया के संक्रमण से बचाव के लिये सावधानियों को अपनाना बेहद आवश्यक है। निमोनिया जानलेवा हो सकता है। निमोनिया के उपचार में देरी बच्चे के लिये खतरनाक हो सकती है। बच्चों में बुखार, खांसी, श्वास तेज चलना, पसली चलना अथवा पसली धंसना निमोनिया के लक्षण हैं। लक्षण दिखाई देने पर बच्चों को निमोनिया से उपचार के लिये तुरंत चिकित्सक अथवा निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में ले जायें।

    स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को ठंड से बचाव के लिये अभिभावकों से आग्रह किया है कि बच्चों को दो-तीन परतों में गर्म कपडे पहनायें। ठंडी हवा से बचाव के लिये शिशु के कान को ढंके। तलुओं को ठंडेपन से बचाव के लिये बच्चों को गर्म मोजे पहनायें। निमोनिया के उपचार के लिये आवश्यक औषधियां अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध हैं चिकित्सक के परामर्श अनुसार निमोनिया का पूर्ण उपचार लें।

रविवार, 15 नवंबर 2020

शाम 6 बजे से मुरैना में बिजली गोल, भ्रष्ट बिजली कंपनी का स्तरहीन घटिया इन्फ्रारस्ट्रक्चर और निकम्मे तथा भ्रष्ट बिजली अफसरों की अयोग्य और नाकारा टीम की बदौलत चंबल अंधेरे में डूबी

शिकायतों को महज 500 से 800 रूपये लेकर करा दिया जाता है फोर्सली फर्जी तरीके से सी एम हेल्पलाइन में क्लोज

मुरैना, 15 नवम्बर ( ग्वालियर टाइम्स ) मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के चंबल संभाग के वितरण में जो भी क्रम जारी है , उसमें कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में हुई अयोग्य व भ्रष्ट अफसरों और फील्ड में बिजली कर्मियों की पदस्थी तो खैर अपने आप में भ्रष्टाचार का एक नायाब नमूना रही है , सी एम हेल्पलाइन की शिकायतों को महज 500 से 800 रूपये लेकर ( हमारी आंखों देखी ) मुरैना कलेक्ट्रेट के गेट स्थित एन आई सी के सेवा केन्द्र से हर शिकायत को फर्जी तरीके से फोर्सली क्लोज कर यह कहा जाता रहा कि (  कोई भी ) शिकायतकर्ता (साले ) को घुमाते रहेंगें एक नंबर से चार नंबर तक ऐसे ही , तुम पैसे दिये जाओ , हम यूं ही क्लोज करते रहेंगें ।

यह वाकया उस वक्त का है जब एक पुलिस शिकायत के संबंध में हम सी एस पी मुरैना को अपना बयान दर्ज कराने गये थे , तब संयोग से सी एस पी मुरैना ने हमें वहां उस कक्ष में भेज दिया था और दो चार घंटे हमने उस कक्ष की कार्यवाही और प्रणाली को खुद अपनी आंखों से देखा , संयोग से कक्ष प्रभारी हमें पहचानता नहीं था सो धड़ल्ले से हमारे सामने ही खेल करता और बताता रहा ।

बिजली कंपनी का भ्रष्टाचार और घटिया इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा अवैध व फोर्सली फर्जी बिल देना तो खैर किसी से छिपा नहीं है , न आम जनता से और न किसी राजनेता से , न न्यायालय से और न किसी भी जांच एजेंसी से । न थ्री फेज सप्लाई है कहीं और न किसी उपभोक्ता के थ्री फेज बिल लगातार भुगतान के बावजूद ही थ्री फेज सप्लाई ही मिल रही है , मटरूआ , करूआ हों या कोई और शराब में 24 घंटे मस्त पड़े बिजली अफसर और बिजली कर्मीयों के शौक और मौज केवल दारू तक ही हो ऐसा नहीं है , औरतखोरी और रिश्वत , भ्रष्टाचार के अलावा मांस , मुर्गा और बकरे के शौकीन , जहां फैक्ट्रियों और उद्योगों को जमकर बिजली चोरी करा कर रोजाना ही कंपनी को अपने बाप का माल समझ कर बेच रहे हैं तो उनके बिजली बिलों को घरेलू आम उपभोक्ताओं पर एडजस्टमेण्ट के नाम और आकलित खपत के नाम पर फर्जी तरीके से लाद देता है और चोरों को साहूकार तथा साहूकारों को चोर बनाता रहता है ।

भ्रष्टाचार और अंधेरगर्दी का आलम ये है कि घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली तो कभी मिलती ही नहीं है और केवल बिल मिलते हैं , जबकि उद्योगों और फैक्ट्रियों के हर महीने के लाखों करोड़ों के बिलों की चोरी करवा कर , एडजस्टमेण्ट के लिये आकलित खपत का फर्जी आंकड़ा बना कर धर दिये जाते हैं ।

बिजली आम आदमी को न तो कमलनाथ की कांग्रेस सरकार दे पाई और वही नतीजा भी हालिया उपचुनाव परिणामों में कमनाथ सरकार ने भोगा भी, और उन्हीं अंधेरगर्द और भ्रष्ट अफसरों तथा बिजली कर्मियों की तैनाती और उनकी अयोग्यता, नाकारा और निकम्मापन और भ्रष्टाचार  अब उपचुनाव होते ही फिर से सिरदर्द बन कर उठा है ।

उपचुनावों से पहले रोजाना की जा रही आठ दस घंटों की अघोषित अंधाधुंध  बिजली कटौती , उपचुनाव और दीवाली गुजरते ही फिर से आज 15 नवम्बर सेफिर से चालू हो गयी है , मुरैना में ( गांधी कालोनी . ग्वालियर टाइम्स के प्रधान कार्यालय के आसपास क्षेत्र की ) आज सुबह 9:30 बजे  बिजली काटने के बाद , शाम 6:15 बजे से बिजली फिर काट दी गयी  जो कि इस समय इस खबर के लिखे और प्रकाशित किये जाने के वक्त तक पूरी तरह बंद है , ग्वालियर टाइम्स के प्रधान कार्यालय पर हालांकि 3 फेज का कनेक्शन सन 1995 से है , और 3 फेज का ही बिजली भुगतान किया जाता रहा है मगर बिजली केवल सिंगल फेज के ही 3 फेज बनाकर दी जाती है अर्थात 3 फेज की केबल को पोल पर तीनों फेजों को एक ही सिंगल फेज से जोड़कर दी जाती है । जिसकी तमाम शिकायतें सी एम हेल्पलाइन में की गईं और पी जी पोर्टल भारत सरकार में की गईं , भ्रष्ट अफसरों ने सी एम हेल्पलाइन की सभी शिकायतें बिना किसी निराकरण के ही फोर्सली उटे सीधे जवाब देकर बंद करवा दीं और पी जी पोर्टल भारत सरकार की किसी भी शिकायत का आज तक जवाब ही नहीं दिया , वहां सभी शिकायतें आज दिनांक तक अनिराकृत और पेंडिंग तथा जवाबहीन हैं । जबकि भारत सरकार द्वारा म. प्र. शासन के प्रमुख सचिव ऊर्जा से तत्समय ही जवाब तलब किया जा चुका है लेकिन आज दिनांक तक किसी शिकायत का जवाब देने की जहमत म.प्र. शासन ने नहीं उठाई जिससे आगे हाई कोर्ट जाने का रास्ता खुले ।

इस भ्रष्टाचार की और निकम्मेपन तथा अयोग्यता की ही देन है कि आज चम्बल अंधेरे में डूबी हुई है ।