मुख्यमंत्री के निर्देश
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रदेश के सभी 52 हजार गांवों में केरोसिन, शकर और खाद्यान्न के वितरण की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें।
* प्रणाली के अंतर्गत गांवों में वितरित सामग्री के आंकड़ों की भौतिक सत्यापन के माध्यम से पुष्टि करें।
* कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिये प्रत्येक मंगलवार को जन सुनवाई काआयोजन करें। यह सुनवाई थाना प्रभारी अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस, पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस महानिदेशक के स्तर पर की जाये। सुनवाई के दिन और समय पर उपरोक्त अधिकारी कार्यालय में आवश्यक रूप से उपस्थित हों।
* जन सुनवाई के दौरान प्राप्त शिकायतों#समस्याओं का विवरण रखा जाये। जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में शिकायत प्रकोष्ठ साप्ताहिक समीक्षा भी करें।
* पुलिस थानों में जनता से व्यवहार विनम्र और संवेदनशील रहे।
* वरिष्ठ पुलिस अधिकारी औचक निरीक्षण में जन सुनवाई व्यवस्था का प्रभावोत्पादक मूल्यांकन करें।
* पुलिस थानों में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता बरती जाये। जमानती प्रकरणों में महिलाओं को थाने में नहीं बिठाया जाये और उनकी शीघ्र जमानत हो।
* महिलाओं की गिरफ्तारी आवश्यक होने पर उन्हें ऐसे पुलिस थानों में रखा जाये जहां 24 घंटे महिला पुलिस कर्मचारी उपस्थित हो।
* कानून व्यवस्था की समस्या पर स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस की प्रतिक्रिया त्वरित हो। समस्या के निराकरण के लिये स्थानीय पुलिस अधिकारी एवं मजिस्ट्रेट आवश्यक मार्गदर्शन का बहाना नहीं बनाकर अपने स्तर पर उचित निर्णय लें।
* तुरन्त ट्रायल की आवश्यकता वाले गंभीर अपराधिक प्रकरण चिन्हित किये जाकर उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय-सीमा में ट्रायल में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिये जिला स्तरीय मानिटरिंग सेल में प्राथमिकता से विचार कर उन्हें दूर करने के प्रयास हों। जिला जज से भी समन्वय किया जाकर फास्ट ट्रेक कोर्ट 1, 2, 3, के स्तर पर ऐसे प्रकरणों में ट्रायल सुनिश्चित कराये।
* चेन स्नेचिंग, चाकूबाजी, तेजाब फेंकने जैसे अपराधों को गंभीर अपराध मानें और इनमें धाराएं ठीक से लगायें। वरिष्ठ अधिकारी ऐसे प्रकरणों का पर्यवेक्षण कर विवेचना की प्रगति की नियमित समीक्षा करें।
* जिलों द्वारा चिन्हित गंभीर अपराध प्रकरणों की मानिटरिंग पुलिस अधीक्षक स्तर पर की जाये।
थाना क्षेत्रों को बीट क्षेत्र में बांटने की समीक्षा हो और प्रत्येक बीट के पुलिस अधिकारियों के पास क्षेत्र के अपराधियों की जानकारी होना सुनिश्चित किया जाये।
* नगर रक्षा समितियों को बीट अधिकारियों से जोड़ने के समुचित प्रयास किये जायें।
* भू-माफिया और ड्रग माफिया के विरूध्द कठोर कार्यवाही हो। दोनों तरह से माफियाओं के विरूध्द
* कनविक्शन रेट बढ़ायें।
बेकवर्ड रीजन ग्रांट फन्ड, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और कपिलधारा योजना के निर्माण कार्य बरसात के पहले पूर्ण किये जाये। ऐसे निर्माण कार्य जो बरसात के पहले पूर्ण करना संभव नहीं है उनके संबंध में ऐसे उपाय किये जायें जिससे जान-माल को क्षति न हो।
* कपिलधारा के कुंओं में विभिन्न योजनाओं से समन्वय कर डीजल और विद्युत पम्प लगवाये जायें।
* सीमांकन के सभी प्रकरणों का 30 जून तक निराकरण करें।
* तहसील कार्यालयों के रिकार्ड को व्यवस्थित किया जायें। समय पर निरीक्षण और प्रतिवेदन की कार्रवाई सुनिश्चित हो।
* सभी शालाएं एक जुलाई से शुरू कर पढ़ाई प्रारंभ की जाये। शाला भवनों में मरम्मत आदि के कार्य 30 जून तक हर हाल में पूरे किये जायें।
* शालाओं में दर्ज बच्चों के पास अनिवार्य रूप से पाठय-पुस्तकें उपलब्ध हों।
* 'स्कूल चलें हम' अभियान और 'हरियाली महोत्सव' के लिये जिला कलेक्टर वृहद् स्तर पर रूपरेखा बनायें। दोनों कार्यक्रमों को जोड़ा जाये और दोनों कार्यक्रमों में हर स्तर के जन-प्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित करें। एक जुलाई को स्कूल प्रवेश को महोत्सव का रूप दें।
* संविदा शिक्षक वर्ग एक, दो और तीन की नियुक्ति की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी कर ली जाये। नगरीय निकाय भी समय-सीमा में यह कार्य करें।
* कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की स्थापना को गति दें।
* मीसा बंदियों के आवेदन प्राप्त करने की 6 माह की समय-सीमा को बढ़ाया जाये।
* हरियाली महोत्सव के लिये मानसून पूर्व भूमि की तैयारी एवं पौधों की जरूरत का आकलन कर गुणवत्तापूर्ण पौधों का उपयोग करें। वृक्षारोपण में जन-प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाये। पौधों की उत्तरजीविता की भी सुदृढ़ व्यवस्था हो।
* बरसात के पहले लोक निर्माण, जल संसाधन, ग्रामीण विकास और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अपने-अपने अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा करने के प्रयास करें।
* बेरोजगारों को रोजगार देने के लिये रोजगार मेलों का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाये।
* रोजगार गारंटी योजना की मजदूरी का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाये।
* वर्षा के पूर्व सभी जिले आपदा प्रबंधन योजना तैयार करें।
* सभी जिलों में बीज के वितरण और उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
* वर्षा ऋतु में संक्रामक बीमारियों की रोकथाम की पूर्व तैयारी रखी जाये।
* शासकीय चिकित्सालयों में उपलब्ध जाँच सुविधाओं का लाभ मरीजों को दिया जाये और दवाइयों का वितरण भी किया जाये।
* मुख्यमंत्री कन्यादान, मजदूर सुरक्षा, आवास और अन्नपूर्णा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित
* करें।
कार्यक्रम में प्रभारी मुख्य सचिव श्री विनोद चौधरी, पुलिस महानिदेशक श्री एस.के. राउत, अपर मुख्य सचिव श्री प्रशांत मेहता, विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव तथा मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुराग जैन उपस्थित थे।