ग्राम वन समितियों के पदाधिकारियों का प्रशिक्षण सम्पन्न
मुरैना 11 अप्रेल 08/ अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरागत वन निवासी, जो ऐसे वनों में पीढ़ियों से निवास कर रहे हैं, किन्तु उनके अधिकारों को अभिलेखित नहीं किया जा सका है, ऐसे अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 का समय-सीमा में क्रियान्वयन कराने के लिए पंचायत सचिवों को अधिकारों की मान्यता के तहत निवासियों को जीविका तथा खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करते समय वनों की संरक्षण व्यवस्था को सुदृढ़ करना हमारी जवावदेही है। यह बात कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने जिला पंचायत के सभागार में वन समितियों के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण बतौर कही । इस अवसर पर संभागीय उपायुक्त आदिम जाति ग्वालियर श्री कृष्ण कान्त त्रिपाठी, वन मडलाधिकारी श्री एस.सी.शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय वर्मा सहित जनपद सीईओ, तहसीलदार , पटवारी, वन अधिकारी एवं सचिव उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने कहा कि 14 अप्रैल से ग्राम सभाओं में अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत जिन गांवों में वन अधिकार समिति का गठन नहीं हुआ है, वहां समितियों का गठन किया जाए। वन अधिकार संबंधी समस्याओं और सुझावों पर उन्हें समझाइश दें । प्राप्त दावों का निराकरण शीघ्र कर खण्ड स्तरीय समिति को प्रस्तुत करें । उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम सभा की जानकारी संकलित कर समय-सीमा में अवश्य भेजें ।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि नोडल अधिकारी निर्धारित प्रपत्र में जानकारी एकत्रित करने के लिए जो बिन्दु दिये गये हैं, उनमें ग्राम पंचायत तथा ग्राम सभा का नाम, वन अधिकार समिति के गठन की तिथि , वन अधिकार समिति के सदस्य, अनुसूचित जनजाति, अन्य परम्परागत वनवासी, दावा बुलाने की तारीख, अभी तक प्राप्त दावों की संख्या तथा यदि दावे प्राप्त नहीं हुए हैं, तो कारण एवं बैठकों के आयोजन में समस्याओं एवं सुझावों के संबंध में संक्षिप्त जानकारी दें। उन्होंने कहा कि दावा प्रपत्र भरवाने में पूरी पारदर्शिता वरती जाय और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाय कि अधिनियम की आड़ में कोई वाहरी व्यक्ति लाभ न उठाले । नोडल अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे दावे प्राप्त न होने के कारणों का स्पष्ट उल्लेख करें । श्री त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश के कार्यों को भी शीघ्र प्रारंभ करावें अन्यथा संबंधितों के विरूध्द नियमानुसार कार्रवाई की जावेगी ।
उपायुक्त आदिम जाति कल्याण श्री के.डी. त्रिपाठी ने कहा कि सभी पदाधिकारी अपने कर्तव्यों पर खरे उतरें, यह हमारा आशय है, जिससे मुरैना जिला सबसे पहले इस कार्य में अग्रणी जिला बन सके । ग्राम सभा के समय ग्राम में नुक्कड़ नाटक आयोजित करावें तथा ढोढीं पिटवायें, जिससे ग्रामीणजन इस संबंध में की जा रही कार्रवाई से भलीभांति परिचित हो सकें ।
वनमडाधिकारी श्री शर्मा ने कहा कि वन अधिनियम का पालन सुनिश्चित करना हम सभी का दायित्व है । इससे सभी को अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा । जो व्यक्ति वनों पर निर्भर हैं, उनकी जीविकोपार्जन वास्तविक वन ही हैं। उन्हें इस लाभ से बंचित न रखा जाय । दावा प्राप्त होते ही उसे शीघ्र देखें कि मूलभूत लाभ लेने का पात्र है। मोगिया जाति के दावे जनजाति में शामिल न करें ।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय वर्मा ने कहा कि 14 अप्रैल से एक सप्ताह तक ग्राम सभाओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 58 ग्रामों को लिया गया है । प्रशिक्षणार्थी वन अधिनियम का भली भांति अध्ययन कर लें, क्षेत्र का भ्रमण कर दावा आदि पर प्रपत्र भरवा कर ग्राम सभा में प्रस्ताव प्रस्तुत करें ।