शनिवार, 26 मई 2007

एफटीवी चैनल से प्रतिबंध हटाया गया

एफटीवी चैनल से प्रतिबंध हटाया गया

संजय गुप्‍ता 'मांडिल'

जिला संवाददाता मुरैना

केन्द्र सरकार ने एफटीवी इंडिया चैनल के प्रसारण और पुनर्प्रसारण से प्रतिबंध आज से हटा लिया है । एफटीवी चैनल पर 60 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया था । यह प्रतिबंध 30 मई, 2007 तक लागू था । प्रतिबंध इस शर्त पर हटाया गया है कि छ: दिन की इस निरस्त अवधि को केबल अधिनियमनियमावली के दोबारा उल्लंघन पर दंड में जोड़ दिया जाएगा ।

एफटीवी इंडिया चैनल ने अपनी गलती पर खेद व्यक्त किया है और आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी । उन्होंने आश्वासन दिया है कि एफटीवी इंडिया चैनल पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की विषयवस्तु पर सख्त निगरानी रखने के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया गया है ताकि केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन ) अधिनियम 1995 के प्रावधानों का कोई उल्लंघन न हो । साथ ही यह भी आश्वासन दिया है कि मंत्रालय द्वारा अनुचित घोषित कि गए कार्यक्रमों को तत्काल हटा लिया जाएगा ।

केन्द्र सरकार ने मिडनाइट हॉट जैसे कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए एफटीवी इंडिया चैनल के प्रसारण पर पहली अप्रैल 2007 से दो माह का प्रतिबंध लगा दिया था।

 

 

एफटीवी चैनल से प्रतिबंध हटाया गया

एफटीवी चैनल से प्रतिबंध हटाया गया

संजय गुप्‍ता 'मांडिल'

जिला संवाददाता मुरैना

केन्द्र सरकार ने एफटीवी इंडिया चैनल के प्रसारण और पुनर्प्रसारण से प्रतिबंध आज से हटा लिया है । एफटीवी चैनल पर 60 दिनों का प्रतिबंध लगाया गया था । यह प्रतिबंध 30 मई, 2007 तक लागू था । प्रतिबंध इस शर्त पर हटाया गया है कि छ: दिन की इस निरस्त अवधि को केबल अधिनियमनियमावली के दोबारा उल्लंघन पर दंड में जोड़ दिया जाएगा ।

एफटीवी इंडिया चैनल ने अपनी गलती पर खेद व्यक्त किया है और आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी । उन्होंने आश्वासन दिया है कि एफटीवी इंडिया चैनल पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों की विषयवस्तु पर सख्त निगरानी रखने के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया गया है ताकि केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन ) अधिनियम 1995 के प्रावधानों का कोई उल्लंघन न हो । साथ ही यह भी आश्वासन दिया है कि मंत्रालय द्वारा अनुचित घोषित कि गए कार्यक्रमों को तत्काल हटा लिया जाएगा ।

केन्द्र सरकार ने मिडनाइट हॉट जैसे कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए एफटीवी इंडिया चैनल के प्रसारण पर पहली अप्रैल 2007 से दो माह का प्रतिबंध लगा दिया था।

 

 

जाबाली योजना से साढ़े छ: सौ हितग्राही लाभान्वित

जाबाली योजना से साढ़े छ: सौ हितग्राही लाभान्वित

संजय गुप्‍ता 'मांडिल'

जिला संवाददाता मुरैना

मध्यप्रदेश की कुछ जातियों में प्रचलित वैश्यावृत्ति की कुप्रथा के उन्मूलन और उसमें लिप्त महिलाओं के कल्याण हेतु स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से संचालित जाबाली योजना से गत वर्ष 653 हितग्राही लाभान्वित हुए। राज्य सरकार ने योजना की गंभीरता को देखते हुए इसके लिए चालू वर्ष के बजट में 73 लाख 36 हजार रुपये की राशि का प्रावधान किया है। जबकि गत वर्ष 2006-07 के बजट में 61 लाख 16 हजार रुपये का प्रावधान था।

जाबाली योजना में बच्चों के लिये आश्रम शाला, महिलाओं के लिए आर्थिक कार्यक्रम, स्वास्थ्य जांच, उपचार और जनचेतना तथा प्रचार-प्रसार की गतिविधियां सम्मिलित हैं। इस योजना के तहत एक यूनिट आश्रम शाला में 50 बालक-बालिकाओं का प्रावधान है। वर्तमान में ऐसे छ: यूनिट स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से संचालित हो रहे हैं, जिनका लाभ हितग्राही महिलाओं और उनके बच्चों को मिल रहा है।

 

छोटे और मझोले समाचार पत्रों को विज्ञापनों का आधा हिस्सा

छोटे और मझोले समाचार पत्रों को विज्ञापनों का आधा हिस्सा

मध्यप्रदेश की जनसंपर्क नीति के विज्ञापन संबंधी नये प्रावधान लागू

संजय गुप्‍ता 'मांडिल'

जिला संवाददाता मुरैना

राज्य शासन द्वारा जनसंपर्क नीति के तहत विज्ञापन संबंधी नये प्रावधान लागू कर दिये गए हैं। इसके तहत लघु और मध्यम श्रेणी के समाचार पत्र-पत्रिकाओं पर प्रदर्शन विज्ञापन बजट का पचास प्रतिशत हिस्सा व्यय किया जाएगा। इसके साथ ही पत्रों की नियमितता, स्तर और प्रसार संख्या के सत्यापन संबंधी नियमों को भी और कड़ा बनाया गया है।

मध्यप्रदेश, विज्ञापन बजट का आधा हिस्सा लघु और मध्यम श्रेणी के समाचार पत्र-पत्रिकाओं को देने का प्रावधान करने वाला, देश का पहला राज्य है। भारत सरकार के दृश्य एवं प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) द्वारा इन श्रेणी के पत्रों के लिये प्रदर्शन विज्ञापन का मात्र चालीस प्रतिशत हिस्सा ही आरक्षित किया गया है। इन प्रावधानों के अनुसार लघु पत्र-पत्रिकाओं को बजट का 15 प्रतिशत मध्यम श्रेणी के समाचार पत्रों को 35 प्रतिशत और बड़े समाचार पत्र -पत्रिकाओं को बजट का पचास प्रतिशत हिस्सा दिया जायेगा। पच्चीस हजार तक की प्रसार संख्या वाले पत्रों को लघु, पच्चीस हजार एक से लेकर 75 हजार तक की प्रसार संख्या वाले पत्रों को मध्यम श्रेणी का माना गया है। 75 हजार से अधिक प्रसार संख्या वाले पत्रों को बड़े समाचार पत्रों की श्रेणी में रखा गया है।

नयी नीति के अनुसार समाचार पत्रों की विज्ञापन की 'राज्य दर' को दुगुना किया गया है और प्रदर्शन विज्ञापन पर की जाने वाली पंद्रह प्रतिशत की कटौती से लघु समाचार पत्र-पत्रिकाओं को मुक्त कर दिया गया है। अभी तक सभी श्रेणी के समाचार पत्र पत्रिकाओं से यह कटौती की जाती थी।

विज्ञापन की पात्रता में अब इलेक्ट्रानिक मीडिया को भी शामिल किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में टी.वी.चैनल और वेबसाइटस् के अलावा सामुदायिक रेडियो को शामिल किया है। इसके अलावा सामुदायिक अखबार (कम्यूनिटी न्यूज पेपर्स) और ग्रामीण नेबरहुड पत्रकारिता को भी शासकीय विज्ञापन की पात्रता में शामिल किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और वेबसाइटस को विज्ञापन देने के आधारभूत नियम भी बनाये गए हैं। इनमें टी वी चैनल के प्रसार वाले जिलों की संख्या और कवरेज क्षेत्र, वेबसाइटस के मामले में देखे जाने के प्रमाण (हिटस्), नियमित अपडेट आदि आधार बनाए गये हैं। स्थानीय केबल के मामले में प्रसार क्षेत्र और ग्राहक संख्या का प्रमाण पत्र लिया जायेगा। अशासकीय, व्यवसायिक रेडियो और अव्यवसायिक प्रसारणों के लिये भी विज्ञापन, टी.वी. चैनल्स के समान मानदंडों के लिये दिये जा सकेंगे। साहित्यक, सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण विषय विशेष और महिलाओं - बच्चों संबंधी प्रकाशनों को विज्ञापनों में विशेष सहयोग दिया जायेगा।

प्रसार संख्या के सत्यापन के लिये अब कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का प्रावधान किया गया है। समिति के सदस्यों में कलेक्टर द्वारा नामांकित प्रथम श्रेणी के दो अधिकारी, जिनमें से एक वाणिज्यक कर विभाग का होगा, श्रम अधिकारी और जिला जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी अधिकारी शामिल किये गये हैं। इस तरह के प्रकरणों में एक अपील समिति भी बनाई गयी है। सचिव जनसंपर्क इस समिति के अध्यक्ष बनाये गये हैं। सूची से बाहर के समाचार पत्रों के लिये जानकारी का एक प्रपत्र निर्धारित किया गया है। इसका उद्देश्य नियमित और वास्तविक समाचार पत्र-पत्रिकाओं की पहचान करना है।

 

गुरुवार, 24 मई 2007

डेरा डालो अभियान की समीक्षा बैठक 25 को

डेरा डालो अभियान की समीक्षा बैठक 25 को

 

मुरेना 24 मई07- कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी 25 मई को अपरान्ह 3 बजे डेरा डालो अभियान की समीक्षा करेंगे ।कलेक्टर कार्यालय के सभागार में आयोजित इस बैठक में अभियान के लिए गठित दलों के प्रभारी अधिकारी उपस्थित रहेंगे ।

 

सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनांतर्गत शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लिए 90 लाख 41 हजार रूपये की राशि जारी

सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनांतर्गत शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लिए 90 लाख 41 हजार रूपये की राशि जारी

 

मुरैना 24 मई07- वित्तीय वर्ष 2007-08 के लिए प्राप्त आवंटन में से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनांतर्गत जिले में जनपद पंचायतों व नगरीय निकायों के तहत हितग्राहियों को माह अप्रेल से जुलाई तक की अवधि के लिए राशि स्वीकृत कर दी गई है । जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सभाजीत यादव ने बताया कि जनपद पंचायतों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के कुल 7 हजार 635 हितग्राहियों व वृध्दावस्था पेंशन के कुल 5 हजार 211 हितग्राहियों को राशि 61 लाख 44 हजार 300 रूपये की स्वीकृति जारी की गई हैं । जबकि नगरीय निकायों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 3 हजार 555 तथा वध्दावस्था पेंशन के 2 हजार 547 हितग्राहियों को कुल 28 लाख 97 हजार 100 रूपये की राशि की स्वीकृति जारी की गई हैं ।

       जनपद पंचायत अम्बाह को 6 लाख 69 हजार 300 रूपये, जौरा को 12 लाख 60 हजार 600 रूपये, पोरसा को 5 लाख 24 हजार 700 रूपये, सबलगढ को 9 लाख 79 हजार 200 रूपये, पहाडगढ को 5 लाख 25 हजार 600 रूपये, मुरैना को 13 लाख 8 हजार 900 रूपये, कैलारस को 8 लाख 76 हजार रूपये की राशि भुगतान की स्वीकृति जारी की गई हैं ।

       नगरीय निकाय बानमोर को 1 लाख 93 हजार 500 रूपये, झुण्डपुरा को 2 लाख 4 हजार रूपये, पोरसा को 2 लाख 2 हजार 500 रूपये, अम्बाह को 5 लाख 33 हजार 400 रूपये, कैलारस को 1 लाख 94 हजार 100 रूपये, मुरैना को 9 लाख 34 हजार 500 रूपये, जौरा को 3 लाख 21 हजार 600 रू., तथा सबलगढ को 3 लाख 13 हजार 500 रूपये की राशि की स्वीकृति जारी की गई हैं ।

 

पंचायत राज पदाधिकारियों को मानदेय राशि स्वीकृत

पंचायत राज पदाधिकारियों को मानदेय राशि स्वीकृत

 

मुरैना 24 मई07- वित्तीय वर्ष 2007-08 के लिए जिले के त्रिस्तरीय पंचायत राज पदाधिकारियों को मानदेय एवं अन्य सुविधा हेतु कुल 22 लाख 58 हजार रूपये की राशि को वितरित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है । जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सभाजीत यादव ने बताया कि जिला पंचायत पदाधिकारियों को मानदेय एवं अन्य सुविधाओं हेतु 2 लाख 22 हजार 50 रूपये, जनपद पंचायत पोरसा के पदाधिकारियों को 71 हजार 623 रूपये व पोरसा अन्तर्गत ग्राम पंचायतों को 1 लाख 66 हजार 950 रूपये, जनपद पंचायत अम्बाह को 71 हजार 623 रूपये व अम्बाह अन्तर्गत ग्राम पंचायतों को 1 लाख 73 हजार 250 रूपये, जनपद पंचायत मुरैना को 71 हजार 623 रूपये व जनपद अतर्गत ग्राम पंचायतों को कुल 3 लाख 65 हजार 400 रूपये, जनपद पंचायत जौरा को 71 हजार 623 रूपये व जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायतों को 2 लाख 23 हजार 650 रूपये, जनपद पंचायत कैलारस को 65 हजार 862 रूपये व जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायतों को 2 लाख 4 हजार 750 रूपये, जनपद पंचायत पहाड़गढ को 71 हजार 623 रूपये व जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायतों को 2 लाख 1 हजार 600 रूपये, जनपद पंचायत सबलगढ को 71 हजार 623 रूपये व जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायतों को 2 लाख 4 हजार 750 रूपये की राशि स्वीकृत की गई हैं ।