शनिवार, 23 फ़रवरी 2008

खनिज निगम के अध्यक्ष 22 को मुरैना आयेंगे

खनिज निगम के अध्यक्ष 22 को मुरैना आयेंगे

मुरैना 20 फरवरी 2008// म.प्र. राज्य खनिज निगम के अध्यक्ष श्री कोकसिंह नरवरिया 22 फरवरी को पोरसा और मुरैना के कार्यक्रमों में भाग लेने के पश्चात रात्रि में जी.टी. एक्सप्रेस द्वारा मुरैना से भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे ।

 

कुम्हेरी में लोक कल्याण शिविर 27 फरवरी को

कुम्हेरी में लोक कल्याण शिविर 27 फरवरी को

 

मुरैना 20 फरवरी 08/ जौरा जनपद के ग्राम कुम्हेरी में 21 फरवरी को आयोजित होने वाला लोक कल्याण शिविर सार्वजनिक अवकाश होने के कारण स्थगित कर दिया गया है । अब यह शिविर 27 फरवरी को पूर्वान्ह 11 बजे से आयोजित किया जायेगा ।

 

किचिन शैड का निर्माण नहीं कराने वाले सरपंचों के विरूध्द कार्रवाई होगी

किचिन शैड का निर्माण नहीं कराने वाले सरपंचों के विरूध्द कार्रवाई होगी

मुरैना 20 फरवरी 08/ कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज राजस्व और ग्रामीण विकास कार्यों की संयुक्त समीक्षा बैठक में रसोई एवं भंडार गृह निर्माण की प्रगति की समीक्षा की तथा अभी तक कार्य नहीं प्रारंभ कराने वाले सरपंचों के विरूध्द नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए । इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री उपेन्द्र नाथ शर्मा तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय वर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

       समीक्षा के दौरान कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा श्री डी.एस. यादव ने बताया कि जिले में 1400 किचिन शेड के निर्माण के लिए 840 लाख रूपये की राशि स्वीकृत हुई थी । इनमें से 850 कार्य पूर्ण कराये जा कर हस्तांतरित कराये जा चुके हैं । शेष 101 कार्यों में भी छत पूर्ण हो चुकी है तथा अन्यं कार्यों में 48 नींब स्तर, 48 प्ंलिथ स्तर, 68 लिंटल स्तर और 103 छत स्तर की स्थिति में है । जिले में 182 कार्य अभी भी प्रारंभ नहीं कराये जा सके हैं ।

       कलेक्टर ने कहा कि किचिन शेड का निर्माण कार्य सरपंचों के पदीय दायित्वों में शामिल है । जिन सरपंचों ने अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं करायें हैं । उनके विरूध्द धारा 40 का नोटिस जारी कर कार्य शीघ्र कार्य प्रारंभ कराने की कार्रवाई की जाय । कार्य प्रारंभ नहीं कराने की स्थिति में संबंधित सरपंचों को पद से पृथक करने की कार्रवाई की जा सकती है ।

ग्रामीण क्षेत्रों में कैरोसिन का वितरण आज से

ग्रामीण क्षेत्रों में कैरोसिन का वितरण आज से

मुरैना 20 फरवरी 08/ ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को खाद्यान्न, शक्कर और कैरोसिन का वितरण 21 फरवरी से प्रारंभ किया जायेगा । कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी की पहल पर लागू वितरण व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्र की उचित मूल्य दुकानें 21,22 और 23 फरवरी को खुलेंगी और उपभोक्ताओं को खाद्यान्न सामग्री व कैरोसिन का वितरण करेंगी । ढ़ाई हजार से अधिक राशन कार्ड वाली दुकाने एक दिन अधिक अर्थात 24 फरवरी को भी खुलेंगी ।

       विदित हो कि मुरैना जिले में उपभोक्ताओं को राशन सामग्री की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने और कैरोसिन की कालाबाजारी को पूरी तरह से रोकने के उद्देश्य से कलेक्टर द्वारा तीन दिवसीय वितरण व्यवस्था लागू की गई है । इसके तहत प्रत्येक दुकान पर नोडल अधिकारी तैनात रहेंगे और अपनी देख-रेख में सामग्री का वितरण करायेंगे । नोडल अधिकारियों को प्रतिदिन स्टॉक रजिस्टर को चैक करने के निर्देश दिये गये हैं । वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाये रखने के लिये नियुक्त 13 जोनल अधिकारी भी वितरण दिनांकों में आवंटित दुकानों का भ्रमण कर नोडल अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करायेंगे । संबंधित एस डी ओ राजस्व भी अपने क्षेत्र की कम से कम 50 प्रतिशत दुकानों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करेंगे । इसके अलावा अपर कलेक्टर श्री उपेन्द्रनाथ शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय वर्मा भी आवंटित क्षेत्र का भ्रमण कर सामग्री और कैरोसिन का सुचारू वितरण सुनिश्चित करायेंगे । वितरण व्यवस्था में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी और दोषी के विरूध्द कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी ।

 

सचिव की नियुक्ति सी ई ओ करेंगे

सचिव की नियुक्ति सी ई ओ करेंगे

मुरैना 20 फरवरी 2008/ कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने जनपद पंचायत जौरा की ग्राम पंचायत सहराना में सरपंच द्वारा पंचायत कर्मी (सचिव) पद पर नियुक्ति की कार्रवाई पूर्ण नहीं करने के कारण मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नियुक्ति की कार्रवाई हेतु अधिकृत किया है ।

       ज्ञात हो कि राज्य शासन द्वारा पंचायत कर्मी (सचिव) के रिक्त पद की पूर्ति हेतु सरपंच ग्राम पंचायत सहराना को अधिकृत कर पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 86 (1) के तहत 30 दिन के भीतर नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए थे । सरपंच द्वारा पद की पूर्ति नहीं करने के कारण म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 86(2) के तहत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जौरा को सरपंच की शक्ति का प्रयोग करने हेतु अधिकृत किया गया है ।

       पंचायत कर्मी के रिक्त पद की पूर्ति हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित कर वरीयता अनुसार योग्य उम्मीदवार के नाम से कलेक्टर का अनुमोदन प्राप्त कर नियुक्ति अदेश जारी करने को कहा गया है । एक नाम प्रतीक्षा सूची में रखा जायेगा । चयनित उम्मीदवार द्वारा तीन दिवस में उपस्थित नहीं होने की स्थिति में प्रतीक्षा सूची के उम्मीदवार को नियुक्ति दी जायेगी ।

मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना में 1653 हितग्राही लाभान्वित

मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना में 1653 हितग्राही लाभान्वित

 

मुरैना 20 फरवरी 2008//मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के अन्तर्गत मुरैना जिले में 10399 भूमिहीन मजदूर पंजीवध्द किये गये हैं । इस योजना के अन्तर्गत एक अक्टूबर से अभी तक 23 महिलाओं को 80 हजार 937 रूपये की प्रसूति सहायता, 1614 स्कूली बच्चों को 75 हजार 130 रूपये की छात्रवृत्ति तथा मृत्यु की दशा में 16 परिवारों को 32 हजार रूपये की अंत्येष्टि सहायता वितरित की जा चुकी है ।

       यह जानकारी आज कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में सम्पन्न राजस्व एवं ग्रामीण विकास कार्यों की संयुक्त समीक्षा बैठक में दी गई । बैठक में अपर कलेक्टर श्री उपेन्द्र नाथ शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय वर्मा, समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, तहसीलदार तथा विभिन्न विकास और निर्माण विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।

       बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के अन्तर्गत जिले को प्राप्त 8 लाख रूपये के आवंटन में से 1 लाख 88 हजार 067 रूपये की सहायता का वितरण किया जा चुका है । राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश के अन्तर्गत जिन स्थानों पर फोटो ग्राफी और पार्ट 1 का कार्य पूर्ण हो गया है, उनमें जोव कार्ड वितरण कराने के निर्देश दिए गये । कलेक्टर ने कहा कि किसानों को खसरा- खतौनी की नकलें उपलब्ध कराना शासन की प्राथमिकता में शामिल है । इस कार्य में गति लाई जाये और सभी कृषक खातेदारों को नकलें उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय । उन्होंने कहा कि एक मार्च से विशेष राजस्व अभियान चलाया जायेगा । राजस्व अधिकारी इस अभियान के अन्तर्गत अविवादित नामांतरण, बटवारा और सीमांकन के सभी दर्ज प्रकरणों का निपटारा सुनिश्चित करें, तथा विवादित नामांतरण के प्रकरणों के निराकरण में भी गति लायें । गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के नाम वी.पी.एल. सूची में दर्ज कराने संबंधी प्राप्त आवेदनों का निपटारा चलित न्यायालय लगाकर किया जाय और नये वीपीएल कार्ड पुराने कार्ड के जमा कराने के बाद ही जारी किये जायें ।

       कलेक्टर ने कहा कि ग्रामों में विलुप्त सीमा चिन्हों के पुर्नस्थापन हेतु प्रत्येक जनपद को 42 हजार रूपये की राशि आवंटित की गई है । प्रत्येक गांवमें 5 प्रमुख सीमा चिन्ह छांटकर पटवारी के ले आउट के आधार पर सीमा चिन्ह लगाये जांय । उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिलाने के लिए प्रत्येक सी ई ओ को 2 लाख और एस डी एम को एक लाख रूपये की राशि मुहैया कराईजा रही है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में मार्च अंत तक प्रत्येक जनपद में 50 सामूहिक विवाह सम्पन्न कराने के प्रयास किये जायें ।

 

शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2008

मुरैना में बिकेगा ''मितावली'' तेल

मुरैना में बिकेगा ''मितावली'' तेल

मुरैना 21 फरवरी 08 । मुरैना जिले में सरसों की भरपूर पैदावार के दृष्टिगत स्वसहायता समूहों को सरसों तेल उत्पादन के लिये प्रेरित किया जा रहा है । जिले के चार स्वसहायता समूहों को तेल घानी की स्थापना हेतु 15 लाख 25 हजार रूपये की सहायता उपलब्ध कराई गई हैं । समूहों द्वारा निर्मित तेल को ''मितावली'' ब्रांड से विक्रय करने की योजना है ।

       कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने बताया कि स्व सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये उन्हें खाद्य तेल व्यवसाय से जोड़ने की योजना पर कार्य किया जा रहा है । इसके लिये चार स्वसहायता समूहों को 11 लाख 55 हजार रूपये के ऋण और 3 लाख 70 हजार रूपये का अनुदान जिला पंचायत द्वारा उपलब्ध कराया गया है । मुरैना जनपद के बजरंग स्वसहायता समूह मिरधान को 5 लाख रूपये, जौरा जनपद के सपना स्वसहायता समूह उम्मेदगढ़ बांसी को 3 लाख रूपये और कृष्णा स्वसहायता समूह गलेथा को 3 लाख रूपये तथा सबलगढ़ जनपद के जयभीम स्वसहायता समूह केमपुरा को 4 लाख 25 हजार रूपये की सहायता तेल घानी की स्थापना हेतु दी गई है ।

       स्वसहायता समूहों द्वारा निर्मित तेल की पैकेजिंग हेतु जिला स्तर पर पैकेजिंग सेंटर की स्थापना की जायेगी और एक लीटर की आकर्षक पैकिंग की जायेगी । जिला पंचायत मुरैना के उपक्रम के रूप में इस तेल का ''मितावली'' ब्रांड के नाम से विक्रय किया जायेगा ।

 

पंचायत मंत्री श्री रूस्तम सिंह आज मुरैना आयेंगे

पंचायत मंत्री श्री रूस्तम सिंह आज मुरैना आयेंगे

मुरैना 21 फरवरी 2008/ पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह 22 फरवरी को प्रात: 3.45 बजे मुरैना आयेंगे । श्री सिंह 10.15 बजे मुरैना से ग्वालियर के लिए प्रस्थान कर 11 बजे संत रविदास जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सामाजिक समरसता सम्मेलन एवं सम्मान समारोह में भाग लेने के पश्चात दोपहर 1.30 बजे मुरैना आकर स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेंगे । श्री सिंह उसी दिन रात्रि 8.25 बजे मुरैना से महाकौशल एक्सप्रेस द्वारा सतना के लिए प्रस्थान करेंगे।

 

मुख्यमंत्री आज पोरसा आयेंगे

मुख्यमंत्री आज पोरसा आयेंगे

मुरैना 21 फरवरी 08 । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 22 फरवरी को अपरान्ह 3 बजे भोपाल से वायुयान द्वारा प्रस्थान कर 4 बजे ग्वालियर आयेंगे तथा वहां से हैलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर 4.15 बजे पोरसा पधारेंगे । मुख्यमंत्री श्री चौहान पोरसा में स्थानीय कार्यक्रम में भाग लेने के पश्चात 5 बजे प्रस्थान कर 5.15 बजे ग्वालियर पहुंचेंगे तथा वहां से सांय 5.30 बजे भोपाल के लिये प्रस्थान करेंगे ।

 

गुरुवार, 21 फ़रवरी 2008

मुख्‍यमंत्री मुरैना आयेंगें, हो सकती है तंवरघार पर नजरे इनायत

मुख्‍यमंत्री मुरैना आयेंगें, हो सकती है तंवरघार पर नजरे इनायत

संजय गुप्‍ता मांडिल ब्‍यूरो चीफ

मुरैना 21 फरवरी । मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह की आगामी एक दो दिन में मुरैना यात्रा संभव है । संभवत: यह यात्रा अम्‍बाह पोरसा अंचल में होगी ।

अम्‍बाह पोरसा विशिष्‍ट राजपूत बेल्‍ट होने से यदि श्री शिवराज सिंह की यह यात्रा इस क्षेत्र में यदि होती है तो इसे राजनीतिक तौर पर काफी महत्‍वपूर्ण माना जा सकता है ।

परिसीमन लागू हो जाने और प्रदेश कांग्रेस में हुये तगड़े फेर बदल से उपजी स्थितियां अनेक राजनीतिक दलों के लिये चिन्‍ता का विषय बन गयी हैं ।

जहॉं बहुजन समाज पार्टी जिस सोशल इंजीनियरिंग के सेटअप को पिछले पॉंच साल से अंचल में सेट कर रही थी वह नये परिसीमन से पूरी तरह ध्‍वस्‍त हो गयी है ।

ब्राहमण और दलित समाज का उसका एकीकरण वोट बैंक अभियान फिस्‍स होकर रह गया है । नये परिसीमन में ब्राहमण वोट विकेन्‍द्रीकृत होकर छितरा गये हैं और वे पूरे संसदीय क्षेत्र में कहीं भी प्रभवकारी स्थिति या निर्णायक स्थिति में नहीं रहे हैं ।

दूसरी ओर राजपूतों को अब जहॉं अनेक सीटों पर निर्णायक स्थिति भी मिल गयी है वहीं अब दिमनी विधानसभा और मुरैना लोकसभा सीट आरक्षित से सामान्‍य हो जाने से तोमर राजपूत 32 वर्ष के लम्‍बे अन्‍तराल बाद राजनीति में पुन: शिरकत करेंगे । तोमरो की स्थिति अंचल में काफी ताकतवर और प्रभावशाली एवं प्रतिष्ठित है ।

ऐसे हालातों में तंवरघार में मुख्‍यमंत्री की यात्रा कई मायनों में अनेक राजनीतिक संदेश समेटे हुये हो सकती है ।

राजपूताना के इस अहम बेल्‍ट को भाजपा का गढ़ माना जाता है, वहीं यहॉं के राजपूत अभी भी वचन के पक्‍के माने जाते हैं और अहसान का बदला जान देकर चुकाने में गर्व महसूस करते हैं । अत: यह हैरत अंगेज नहीं होगा कि चम्‍बल के इन ठाकुरों को मुख्‍यमंत्री अपने वशीकरण में लेने हेतु सौगातें बरसा दें ।

अम्‍बाह पोरसा अंचल को बहादुरी, शूरवीरता और बदला लेने वाला क्षेत्र माना जाता है । नये परिसीमन के बाद इस क्षेत्र को मुरैना संसदीय क्षेत्र में अचानक काफी अहम रूप में देखा जा रहा है ।

 

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टी वी चैनलों के लिए राज्य और जिला निगरानी समितियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने टी वी चैनलों के लिए राज्य और जिला निगरानी समितियों के लिए दिशा निर्देश जारी किए

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने निजी चैनलों में राज्य और जिला निगरानी समितियों की भूमिका को स्पष्ट करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भारत सरकार के सितम्बर, 2005 के आदेशानुसार, जिला और राज्य स्तरीय निगरानी समितियों का गठन केबल टेलिविजन नैटवर्क‑(विनियम)अधिनियम, 1995 को लागू करने के लिए किया गया था। ये नये दिशा-निर्देश समितियों की प्रभावी कार्य प्रणाली को सुनिश्चित करने हेतु जारी किए गये हैं। इन दिशा-निर्देशों के मुख्य प्रावधान इस प्रकार से हैं-

जिला स्तरीय समिति का कार्यक्षेत्र

¯ केबल टेलिविजन पर प्रसारित सामाग्री के संबंध में शिकायत दर्ज कराने के लिए लोगों को एक मंच प्रदान करना और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही करना।

¯ केबल टेलिविजन नैटवर्क अधिनियम,1995 के प्रवर्तन हेतु अधिकृत अधिकारियों द्वारा उठाए गये कदमों की समीक्षा करना।

¯ यदि कोई कार्यक्रम आम व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है अथवा किसी समुदाय में बड़े स्तर पर रोष पैदा करता हो तो उससे राज्य और केन्द्र सरकार को शीघ्र अवगत कराना।

¯ केबल टेलिविजन चैनलों द्वारा स्थानीय स्तर पर दिखाए जा रहे विषयों पर नजर रखना और अधिकृत अधिकारियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करना कि कोई भी अनाधिकृत और पायरेट चैनल कार्यक्रमों और खबरों का प्रसारण तो नहीं कर रहा है यदि केबल टेलिविजन संचालकों द्वारा इसका प्रसारण किया जा रहा है तो इसे स्थानीय घटनाओं के प्रसारण से रोकना और इनको संतुलित तरीके से इस प्रकार प्रसारित करना कि इससे किसी भी समुदाय की भावनाओं को चोट ना पहुंचे।

¯ केबल नैटवर्क पर उपलब्ध नि:शुल्क चैनलों और अधिसूचित चैनलों की उपलब्धता की निगरानी करना।

दिशा निर्देशित कार्यप्रणाली

¯ जिला स्तर पर एक केन्द्रीय अधिकारी के नेतृत्व में एक शिकायत प्रकोष्ठ की स्थापना की जानी चाहिए और निगरानी समिति के गठन और इसकी कार्यप्रणाली के बारे में व्यापक स्तर पर प्रचार के अलावा इसकी जानकारी को राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की बेवसाईट पर भी उपलब्ध कराना चाहिए।

¯ केबल टी वी नैटवर्क द्वारा विषय से संबंधित शिकायत को अपने स्तर पर सुलझाने के मामले में समिति उस कार्यक्रम और विज्ञापन की वीसीडी और फुटेज मंगा सकती है जिसके लिए शिकायत की गई और इससे संबंधित शिकायत के आधार पर यह तय कर सकती है कि इसमें नियमों और मानदंडों का उल्लघन तो नहीं किया गया है। अगर किसी मामले में समिति को यह लगता है कि नियमों का उल्लंघन किया गया है तो अधिकृत अधिकारी अधिनियम के मुताबिक कार्यवाही कर सकता है।

¯ यदि शिकायत राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय चैनल के संदर्भ में है तो समिति को अपनी सिफारिशें राज्य स्तरीय निगरानी समिति के माध्यम से इस मामले को सुलझाने के लिए भारत सरकार को भेजना चाहिए।

¯ यदि किसी मामले में ऐसा देखा जाता है कि केबल नैटवर्क संचालक निर्धारित चैनलों को नहीं दिखा रहा है अथवा उनका दृश्य और श्रव्य स्तर पर घटिया प्रसारण कर रहा है तो समिति अधिकृत अधिकारी के माध्यम से केबल नैटवर्क को उन्नत प्रसारण के लिए निर्देश दे सकता है और और यदि आवश्यक हो तो धारा 2 के अंतर्गत कोई अन्य कार्यवाही कर सकता है।

राज्य स्तर निगरानी समिति

केबल टी वी नैटवर्क नियमों को लागू करने के लिए राज्य और जिला स्तर समितियों का गठन किया गया लेकिन राज्य स्तर समिति के गठन को निर्दिष्ट नहीं किया गया। राज्य स्तर पर गठित समिति इस प्रकार से है-

1 राज्य सूचना और जनसंपर्क सचिव, - अध्यक्ष

2 राज्य पुलिस महानिदेशक के प्रतिनिधि - सदस्य

3 राज्य समाज कल्याण विभाग सचिव - सदस्य

4 राज्य महिला और बाल विकास सचिव - सदस्य

5 महिलाओं के लिए कार्य कर रहे राज्य के

प्रमुख गैर सरकारी संगठन (मुख्य सचिव द्वारा नामांकित) - सदस्य

6 शिक्षक, मनौवैज्ञानिक, समाजिक कार्यकर्ता

(प्रत्येक मुख्य सचिव द्वारा नामांकित) -सदस्य

7 राज्य निदेशक (सूचना) - सदस्य सचिव

कार्यप्रणाली

¯ जिला और स्थानीय समितियों के गठन और नियमित रूप से हो रही उनकी बैठक को देखना।

¯ यह निगरानी करना कि अधिकृत अधिकारी अपने कार्य को प्रभावी रूप ढंग ये कर रहे है या नहीं।

/ जिला और स्थानीय स्तर समितियों को सुझाव और दिशा -निर्देश देना

¯ जिला तथा स्थानीय स्तर की समितियों के द्वारा इसको भेजे गये मामलों पर निर्णय लेना।

¯ विज्ञापन एवं कार्यक्रम संहिता पर भारत सरकार के आदेशों के उल्लंघन के मामलों में राज्य के मुख्य सचिव के जरिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय को उपग्रह चैनलों के खिलाफ शिकायत और कार्यवाही करने की सिफारिश करना।

यह महसूस किया गया है कि देश के अनेक भागों में उपरोक्त अधिनियम को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है जिसका कारण या तो जिला निगरानी समितियों की भूमिकाओं को ठीक से ना समझ पाना या अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए उचित व्यवस्था का न होना है। जम्मू और कश्मीर के अलावा अन्य किसी राज्य में राज्य स्तरीय समिति के गठन की सूचना नहीं दी है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय को लोगों के चैनलों और केबल संचालकों के खिलाफ अनचाहे कार्यक्रमों के विरूद्व प्राप्त होने वाली याचिकाओं में भी वृद्वि हो रही है।

 

 

बेहद जागरूक हैं प्रदेश के किसान

बेहद जागरूक हैं प्रदेश के किसान

किसान महापंचायत में आए किसानों ने दर्शाई विकास के प्रति ललक

मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती साक्षरता तथा दूर-दराज सड़कों और आवागमन के साधनों के विस्तार के साथ-साथ विकास और समृध्दि ने भी गांवों की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए हैं। संचार साधनों रेडियो, टी.व्ही, पत्र-पत्रिकाओं के जरिये किसान अब खेती-किसानी के साथ साथ नए जमाने की हर बात को जानने के लिये उत्सुक रहते हैं।

राज्य के किसान विकास के प्रति जागरूक तो हैं ही उनमें आधुनिक कृषि और सरकार की नई योजनाओं को जानने-समझने की ललक भी है। प्रदेश में किसानों के कल्याण के प्रति सरकार की सजगता और उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने की निष्ठा भी किसानों की इस जागरूकता का एक महत्वपूर्ण कारण है।

राजधानी भोपाल के विशाल जम्बूरी मैदान में आयोजित किसान महापंचायत में आए हजारों किसानों ने जहां इस आयोजन में उत्साह के साथ भागीदारी की वहीं उन्होंने विभिन्न शासकीय विभागों, केन्द्र और राज्य सरकार के उपक्रमों और कृषि क्षेत्र के निजी संस्थानों के द्वारा आयोजित प्रदर्शनियों को भी उत्साहपूर्वक देखा। यहां लगे प्रदर्शनी स्टॉलों पर किसानों को वितरण के लिए लाखों की संख्या में प्रचार पुस्तिकाएं, पैम्पलेट्स लाए गए थे। यह सारा साहित्य शुरूआती दो-तीन घंटों में ही बंट गया। किसानों की भारी मांग पर कई स्टॉल पर इस तरह का अतिरिक्त साहित्य तुरंत लाया गया1 प्रदर्शनी स्थल पर आधुनिक कृषि यंत्रों, कीटनाशक दवाओं, उन्नत बीज तथा ग्रामीण उद्योग से संबंधित स्टॉलों पर किसानों की भारी भीड़ जुटी रही।

किसान महापंचायत के अवसर पर जनसंपर्क संचालनालय द्वारा भी प्रदेश के चहुमुखी विकास पर आधारित भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसके अलावा यहां प्लाज्मा टी.व्ही के जरिये प्रदेश के विकास की झलक प्रदर्शित की गई। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की तादाद में आए किसानों ने इस प्रदर्शनी के जरिये ग्रामीण अंचलों और कृषि विकास के लिए सरकार के प्रयासों और उपलब्धियों को आसानी से जाना। इसी तरह कृषि, ग्रामोद्योग और वन विभाग के प्रदर्शनी स्टॉल भी किसानों के आकर्षण का केन्द्र बने रहे।

 

किसानों की लंबित विद्युत पेनाल्टी माफ-आधी देयक राशि शासन वहन करेगा - मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

किसानों की लंबित विद्युत पेनाल्टी माफ-आधी देयक राशि शासन वहन करेगा - मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

सहकारी कृषि ऋण की दर पांच प्रतिशत, गेहूं पर 100 रूपये बोनस, मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा किसान महापंचायत में 5600 करोड़ रूपये की घोषणाएं, 60 वर्षों में किसानों की उपेक्षा से हालत बिगड़ी - श्री राजनाथसिंह

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज किसानों के विद्युत देयकों पर लंबित पेनाल्टी माफ करने तथा लंबित देयकों की आधी राशि शासन द्वारा वहन करने, किसानों को साल में केवल दो बार बिजली का बिल देने, एक हैक्टेयर तक के किसानों को दीनदयाल उपचार योजना का लाभ देने तथा इस वर्ष गेहूं के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त सौ रूपये प्रति क्विंटल उपार्जन बोनस देने की घोषणा की। श्री चौहान ने कहा कि आगामी एक अप्रैल से सहकारी कृषि ऋणों की ब्याज दर सात प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत की जायेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहां जंबूरी मैदान में आयोजित पहली किसान महापंचायत में पूरे प्रदेश से आए एक लाख से अधिक किसानों को सम्बोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने आज किसानों के हित में अनेक घोषणाएं की जिनपर कुल लगभग 5600 करोड़ रूपये व्यय होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा की गई घोषणाएं इस प्रकार हैं :-

- कृषि पंप उपभोक्ताओं के बकाया बिलों के ऊर्जा प्रभार की 50 प्रतिशत राशि की भरपाई शासन करेगा। 10 अश्वशक्ति तक के कृषि उपभोक्ताओं की सरचार्ज की राशि का वहन विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा किया जावेगा।

- अप्रैल 2008 से कृषकों को साल में दो बार 6 माह की बिलों की राशि के अग्रिम भुगतान की सुविधा दी जावेगी।

- अप्रैल 2008 से 500 यूनिट (5 अश्वशक्ति) तक के कृषि पंप उपभोक्ताओं को 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा। वर्तमान में यह दर 120 पैसा प्रति यूनिट 300 यूनिट खपत (3 हार्स पॉवर) तक एवं 170 पैसा प्रति यूनिट उससे ऊपर की खपत पर है। इसी तरह 5 अश्वशक्ति से अधिक पर यह दरें 110 पैसा प्रति यूनिट होंगी जबकि वर्तमान में यह दर 170 पैसा प्रति यूनिट है। दरें कम करने से सभी श्रेणी के स्थाई कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 40 से 50 प्रतिशत तक की बिजली भुगतान में राहत प्राप्त होगी।

- बिजली बिलों से संबंधित विवादित प्रकरणों के समयबध्द निपटारे हेतु शिविरों का आयोजन किया जावेगा।

- कृषि सिंचाई पंपों एवं बसाहटों में घरेलू उपभोक्ताओं को ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय कर रहे फीडरों को अलग-अलग किया जावेगा।

- सिंचाई पंप के कृषि उपभोक्ताओं को नये पंप कनेक्शनों हेतु स्थाई विद्युतीकरण की योजना प्रारंभ की जावेगी। इसके अंतर्गत खंबों के साथ लाईन बिछाई जाएगी।

- कृषकों के खेत पर सिंचाई सुविधा विकसित करने हेतु बलराम तालाब योजना के तहत अनुदान की राशि रूपये 50 हजार से बढ़ाकर रूपये 80 हजार की जायेगी।

- सभी वर्गों के कृषकों को नलकूप खनन एवं नलकूप में पंप स्थापित करने हेतु अधिकतम रूपये 24 हजार की सहायता दी जायेगी।

- कृषि उद्यानिकी तथा मत्स्यपालन हेतु लघु एवं सीमांत कृषकों को डीजल अथवा विद्युत पंप सेट क्रय करने हेतु 50 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम रूपये 10000 की सहायता दी जायेगी।

- प्रत्येक जिले में सभी प्रमुख नालों पर श्रंखलाबध्द स्टाप-डेम#चेक डेम का निर्माण कार्य कराया जायेगा।

- इस वर्ष भारत सरकार द्वारा घोषित गेहूं के समर्थन मूल्य 1000 रूपये प्रति क्विंटल पर राज्य शासन द्वारा 100 रूपये प्रति क्विंटल उपार्जन बोनस दिया जायेगा।

- सिंचाई में लाये जाने वाले उपकरणों जैसे स्ंप्रिकलर, ड्रिप सिस्टम, रेनगन आदि पर राज्य शासन द्वारा 30 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।

- राज्य के सभी 313 विकासखंडों में एक-एक किसान ज्ञान केन्द्र स्थापित किया जयेगा जहां कम्प्यूटर व इंटरनेट के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

- राज्य स्तर पर किसानों को कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन व मत्स्यपालन की आधुनिक सलाह एवं समस्या निवारण हेतु एक टोल फ्री दूरभाष प्रणाली स्थापित की जायेगी।

- पांच घनमीटर तक बायोगैस संयंत्रों की स्थापना हेतु भारत सरकार द्वारा दिये जाने वाली अनुदान राशि के अतिरिक्त राज्य शासन की ओर से 2500 रूपये का अतिरिक्त अनुदान दिया जायेगा।

- शत-प्रतिशत बीजोपचार हेतु प्रदेश के कृषकों को बीजोपचार सामग्री पर अनुदान दिया जायेगा।

- प्रदेश की अ श्रेणी मंडियों में प्रतिवर्ष एक उत्कृष्ठ किसान को 35 हार्स पावर का ट्रेक्टर पुरस्कार के रूप में प्रदान किया जायेगा। अन्य वर्ग की मंडियों में भी एक उत्कृष्ठ किसान को 50 हजार रूपये राशि के उपकरण पुरस्कार स्वरूप दिये जायेंगे।

- प्रदेश के पान उत्पादक कृषकों के लिये आधुनिक तकनीक से पान उत्पादन की विशेष योजना तैयार कर 75 प्रतिशत तक अनुदान सहायता दी जायेगी।

- उद्यानिकी फसलों का मूल्य संवर्धन किया जायेगा एवं इसमें लगने वाली अधोसंरचनाओं जैसे शीतगृह, वाशिंग, शार्टिंग, पैकिंग शेड का निर्माण कराया जायेगा।

उद्यानिकी फसलों में सिंचाई हेतु लगने वाले ड्रिप एवं स्ंप्रिकलर की स्थापना के लिये दी जाने वाली शासकीय सहायता को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर सामान्य वर्ग के कृषकों के वर्ग के लिये 70 प्रतिशत और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों के लिये 80 प्रतिशत तक किया जायेगा।

- प्रदेश के जो जिले राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के अंतर्गत स्वीकृत नहीं हैं उनके लिये 3 किसान प्रशिक्षण केन्द्र, अन्य राज्यों में किसानों का भ्रमण, उच्च तकनीक के फलोद्यानों का विकास (हाईटेक आर्चड), जैविक खेती को बढ़ावा देना, उद्यानिकी उत्पादों के रख-रखाव हेतु प्लास्टिक क्रेट का वितरण आदि की व्यवस्था की जायेगी।

- बकरी पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिये नंदीशाला के अनुरूप उन्नत नस्ल के बकरे प्रदान किये जायेंगे।

- लघु एवं सीमांत पशुपालकों के पास उपलब्ध उन्नत किस्म के दुधारू पशुओं के पशुधन बीमा हेतु राज्य शासन द्वारा 25 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।

- मध्यप्रदेश सिंचाई अधिनियम के तहत 400 हैक्टेयर या अधिक सैंच्य क्षेत्र वाली सिंचाई योजनाओं से लाभान्वित होने वाले कृषकों से वसूल किये जाने वाले प्रोन्नति अंशदान के प्रावधान को समाप्त किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर केन्द्र सरकार के किसानों के कर्ज माफ करने, विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में विलंब नहीं करने, राज्य का ए.पी.एल. खाद्यान्न कोटा बढ़ाने तथा राज्य सरकार द्वारा रीवां तथा सागर संभागों के जिलों के लिये मांगे गए 24000 करोड़ रूपये के विशेष पैकेज को स्वीकृति करने की मांग की।

श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार जिसे कर्ज विरासत में मिला था, सीमित संसाधनों के बावजूद किसानों के हित में लगातार प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य से पहले मुख्यमंत्री निवास में किसान पंचायत आयोजित की गई थी तथा अब यह किसान महापंचायत आयोजित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शक्कर मिल से किसानों की लंबित राशि का भुगतान एक माह के भीतर सुनिश्चित किया जायेगा।

श्री चौहान ने राज्य के जिन जिलों में तेज ठंड ''पाला'' के कारण फसल क्षतिग्रस्त हुई है उनका सर्वे कराकर पात्र किसानों को राहत राशि वितरित की जायेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, छोटी सिंचाई योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। वर्षों से लंबित बाणसागर जैसी सिंचाई-बिजली योजनाओं को पूरा किया गया है। कमी के बावजूद किसानों को राज्य के बाहर से महंगी बिजली खरीदकर रियायती दर पर दी जा रही है। किसानों को उनके निवास पर पटवारी के माध्यम से अब नि:शुल्क खसरे की नकल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

श्री चौहान ने कहा कि एक हैक्टेयर की जोत वाले किसानों के परिवारों को अब दीनदयाल उपचार योजना के तहत प्रति वर्ष 20,000 रूपये की चिकित्सा की पात्रता होगी। गंभीर बीमारी की स्थिति में राज्य सहायता कोष में 1.5 लाख रूपये तक की पात्रता होगी। कृषि यंत्रों से विकलांग होने अथवा विद्युत करंट से क्षति पहुंचने पर भी आर्थिक सहायता दी जायेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को आवासीय संपत्ति के अधिकार पत्र देने की व्यवस्था की जा रही है जिसके आधार पर किसान कर्ज तथा जमानत आदि ले सकेंगे।

श्री चौहान ने कहा कि किसानों की समृध्दि से प्रदेश भी समृध्द होगा।

इसके पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की 70 प्रतिशत आबादी आजीविका के लिये कृषि अथवा सहयोगी व्यवसायों पर आश्रित हैं। स्वतंत्रता के बाद पिछले साठ वर्षों में यदि किसानों की हालत सुधारने की कोशिश की गई होती तो किसानों के साथ-साथ देश भी समृध्द हो गया होता। खेती तथा किसानों की उपेक्षा के कारण वर्तमान स्थिति उत्पन्न हुई है कि कुछ राज्यों में किसानों को आत्महत्या करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को कृषि आमदनी बीमा योजना लागू करना चाहिये जिससे किसानों को बाढ़, सूखा आदि से फसल क्षतिग्रस्त होने पर राहत मिल सके।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की किसान हितैषी सरकार किसानों तथा खेती के हित में प्रशंसनीय कार्य कर रही है

 

खेती की तरक्की के लिए क्रान्ति मैदान बनी जम्बूरी

खेती की तरक्की के लिए क्रान्ति मैदान बनी जम्बूरी

खुशी से दमके किसानों के चेहरे

राजधानी का जम्बूरी मैदान आज एक ऐसे क्रान्ति मैदान में तब्दील था जहाँ खेती और किसानों की तरक्की के लिए आवाज़ बुलंद की गई। यह किसानों के किसी एकतरफा आंदोलन का मौका नहीं था, बल्कि किसानों के साथ एकजुट होकर प्रदेश की सरकार के खेती में खुशहाली लाने के सामूहिक संकल्प का इज़हार बना। प्रदेश में इस क्रान्ति का सूत्रपात करने के प्रणेता बने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान कल्याण की ऐसी अनेक नई इबारतें इस मौके पर लिखीं जिन्हें समझने के बाद किसानों के चेहरे खुशी से दमक उठे थे। इस ऐतिहासिक आयोजन को किसान महापंचायत का नाम दिया गया था।

कभी नहीं देखी ऐसी पंचायत

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह जो इस मौके पर खास मेहमान थे, खुद को यह कहने से रोक नहीं पाए कि मैने कभी नहीं देखी ऐसी पंचायत। श्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश का सी.एम. रहने के दौरान उन्होंने भी एक बार किसान पंचायत बुलाई थी लेकिन उसका स्वरुप इतना विशाल नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि अपने जीवन में और भी कई पंचायतें देखीं लेकिन इसके जैसी कोई नहीं थी।

अतिथि के लिए पहले भाषण और भोजन

भाजपा अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने आज किसान महापंचायत में मुख्यमंत्री श्री चौहान के एक विनम्र आग्रह को नकार दिया। मुख्यमंत्री शिष्टाचार की आदर्श परंपरा के अनुसरण में यह चाहते थे कि श्री सिंह अपना भाषण उनके बाद दें। दूसरी ओर श्री सिंह इस ऐतिहासिक और भव्य आयोजन से इतने अभिभूत थे कि वे इसका श्रेय मुख्यमंत्री को देने और उन्हें किसानों से भरपूर संवाद का मौका देने के लिए उनके पहले अपना भाषण देने का मन बना चुके थे। यद्यपि प्रत्यक्ष में उन्होंने दलील यह दी कि मैं आज यहाँ अतिथि हूँ इसलिए भाषण और भोजन मुझे ही पहले करना चाहिए।

किसान पंचायत सी.एम. की परिकल्पना

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों के समक्ष इस आयोजन का राज खोलते हुए बताया कि इस तरह प्रभावी और सशक्त संवाद किसानों से करने की परिकल्पना मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की ही थी। वे खेत और किसानों से अपने लगाव तथा इस क्षेत्र के अनुभवों को यथार्थ की ज़मीन देकर कृषि विकास को अंजाम देना चाहते थे।

मीडिया को डिस्टर्ब न करें

इस मौके पर उम्मीद से ज्यादा एक लाख के ऊपर जा पहुँची किसानों की मौजूदगी कहीं-कहीं रेलमपेल में भी तब्दील हो रही थी। मंच के करीब बैठे मीडिया कर्मियों को लोगों की आवाजाही से कोई व्यवधान न हो इसके प्रति मुख्यमंत्री श्री चौहान सचेत थे। उन्होंने मंच से किसानों से आग्रह किया कि मीडिया को कृपया डिस्टर्ब न करें क्योंकि उनके माध्यम से ही इस आयोजन की जानकारी उन और लाखों किसानों तक पहुँचना है जो यहाँ उपस्थित नहीं है।

सुझाव पेटियाँ कई बार खाली हुई

किसान महापंचायत स्थल पर किसानों के लिखित सुझाव प्राप्त करने के लिए लगाई गई पेटियाँ (बॉक्स) जब ठसाठस भर जाती थीं तो उन्हें फिर से तत्काल खाली कर लगाया जाता था। यह सिलसिला लगातार चलता रहा। इन सुझाव पेटियों की महत्ता बताते हुए मंच से कहा गया कि प्रत्येक सुझाव की संबंधित किसान को पावती (रिसीट) तो भेजी जाएगी ही, इन पर मुख्यमंत्री खुद ही गौर करेंगे और इनके निराकरण का जिम्मा भी उठाएंगे।

अतिथियों का स्वागत 100 किलो की माला से

किसान महापंचायत के साक्षी बने सभामंच पर उपस्थित सभी अतिथियों को प्रदेश के किसानों की ओर से 100 किलो वजन की फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया। सम्मान के पारंपरिक निर्वाह में उनके सिर पर रंगीन पगड़ियाँ भी बाँधी गई जिन्हें पहनाने के लिए विशेषज्ञ को लाया गया।

किसानों के हाथों में ब्रोशर, पेम्फलेट्स

किसान महापंचायत में सूचनाप्रद प्रदर्शनियाँ भी लगाई थीं। किसानों ने न सिर्फ इन्हें देखने में दिलचस्पी दिखाई, बल्कि वहां से उपलब्ध कराए गए साहित्य को अपने हाथों से सहेजने की तत्परता भी प्रदर्शित की। हर किसान के हाथ में कोई ब्रोशर या पेम्फलेट था ही।

गेहूँ की बालियाँ न दिखाएं

सभा मंच के सामने बैठे कुछ किसानों ने हाल ही में पड़ी ठंड से तुषार में जकड़ गई फसलों का हाल बताने के लिए इस मौके पर गेहूँ की बालियाँ और चने के झाड़ हवा में लहराए। कृषि मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने फौरन खड़े होकर उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस प्रदर्शन की जरुरत नहीं है, यह पंचायत तो बुलाई ही उन ग़मों को बाँटने के लिए गई है जिनका अहसास सरकार को है और तकलीफ दूर करने की मुस्तैदी भी आज इसका इलाज होगा।

 

खेती की तरक्की के लिए क्रान्ति मैदान बनी जम्बूरी

खेती की तरक्की के लिए क्रान्ति मैदान बनी जम्बूरी

खुशी से दमके किसानों के चेहरे

राजधानी का जम्बूरी मैदान आज एक ऐसे क्रान्ति मैदान में तब्दील था जहाँ खेती और किसानों की तरक्की के लिए आवाज़ बुलंद की गई। यह किसानों के किसी एकतरफा आंदोलन का मौका नहीं था, बल्कि किसानों के साथ एकजुट होकर प्रदेश की सरकार के खेती में खुशहाली लाने के सामूहिक संकल्प का इज़हार बना। प्रदेश में इस क्रान्ति का सूत्रपात करने के प्रणेता बने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान कल्याण की ऐसी अनेक नई इबारतें इस मौके पर लिखीं जिन्हें समझने के बाद किसानों के चेहरे खुशी से दमक उठे थे। इस ऐतिहासिक आयोजन को किसान महापंचायत का नाम दिया गया था।

कभी नहीं देखी ऐसी पंचायत

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह जो इस मौके पर खास मेहमान थे, खुद को यह कहने से रोक नहीं पाए कि मैने कभी नहीं देखी ऐसी पंचायत। श्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश का सी.एम. रहने के दौरान उन्होंने भी एक बार किसान पंचायत बुलाई थी लेकिन उसका स्वरुप इतना विशाल नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि अपने जीवन में और भी कई पंचायतें देखीं लेकिन इसके जैसी कोई नहीं थी।

अतिथि के लिए पहले भाषण और भोजन

भाजपा अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने आज किसान महापंचायत में मुख्यमंत्री श्री चौहान के एक विनम्र आग्रह को नकार दिया। मुख्यमंत्री शिष्टाचार की आदर्श परंपरा के अनुसरण में यह चाहते थे कि श्री सिंह अपना भाषण उनके बाद दें। दूसरी ओर श्री सिंह इस ऐतिहासिक और भव्य आयोजन से इतने अभिभूत थे कि वे इसका श्रेय मुख्यमंत्री को देने और उन्हें किसानों से भरपूर संवाद का मौका देने के लिए उनके पहले अपना भाषण देने का मन बना चुके थे। यद्यपि प्रत्यक्ष में उन्होंने दलील यह दी कि मैं आज यहाँ अतिथि हूँ इसलिए भाषण और भोजन मुझे ही पहले करना चाहिए।

किसान पंचायत सी.एम. की परिकल्पना

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों के समक्ष इस आयोजन का राज खोलते हुए बताया कि इस तरह प्रभावी और सशक्त संवाद किसानों से करने की परिकल्पना मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की ही थी। वे खेत और किसानों से अपने लगाव तथा इस क्षेत्र के अनुभवों को यथार्थ की ज़मीन देकर कृषि विकास को अंजाम देना चाहते थे।

मीडिया को डिस्टर्ब न करें

इस मौके पर उम्मीद से ज्यादा एक लाख के ऊपर जा पहुँची किसानों की मौजूदगी कहीं-कहीं रेलमपेल में भी तब्दील हो रही थी। मंच के करीब बैठे मीडिया कर्मियों को लोगों की आवाजाही से कोई व्यवधान न हो इसके प्रति मुख्यमंत्री श्री चौहान सचेत थे। उन्होंने मंच से किसानों से आग्रह किया कि मीडिया को कृपया डिस्टर्ब न करें क्योंकि उनके माध्यम से ही इस आयोजन की जानकारी उन और लाखों किसानों तक पहुँचना है जो यहाँ उपस्थित नहीं है।

सुझाव पेटियाँ कई बार खाली हुई

किसान महापंचायत स्थल पर किसानों के लिखित सुझाव प्राप्त करने के लिए लगाई गई पेटियाँ (बॉक्स) जब ठसाठस भर जाती थीं तो उन्हें फिर से तत्काल खाली कर लगाया जाता था। यह सिलसिला लगातार चलता रहा। इन सुझाव पेटियों की महत्ता बताते हुए मंच से कहा गया कि प्रत्येक सुझाव की संबंधित किसान को पावती (रिसीट) तो भेजी जाएगी ही, इन पर मुख्यमंत्री खुद ही गौर करेंगे और इनके निराकरण का जिम्मा भी उठाएंगे।

अतिथियों का स्वागत 100 किलो की माला से

किसान महापंचायत के साक्षी बने सभामंच पर उपस्थित सभी अतिथियों को प्रदेश के किसानों की ओर से 100 किलो वजन की फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया। सम्मान के पारंपरिक निर्वाह में उनके सिर पर रंगीन पगड़ियाँ भी बाँधी गई जिन्हें पहनाने के लिए विशेषज्ञ को लाया गया।

किसानों के हाथों में ब्रोशर, पेम्फलेट्स

किसान महापंचायत में सूचनाप्रद प्रदर्शनियाँ भी लगाई थीं। किसानों ने न सिर्फ इन्हें देखने में दिलचस्पी दिखाई, बल्कि वहां से उपलब्ध कराए गए साहित्य को अपने हाथों से सहेजने की तत्परता भी प्रदर्शित की। हर किसान के हाथ में कोई ब्रोशर या पेम्फलेट था ही।

गेहूँ की बालियाँ न दिखाएं

सभा मंच के सामने बैठे कुछ किसानों ने हाल ही में पड़ी ठंड से तुषार में जकड़ गई फसलों का हाल बताने के लिए इस मौके पर गेहूँ की बालियाँ और चने के झाड़ हवा में लहराए। कृषि मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने फौरन खड़े होकर उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस प्रदर्शन की जरुरत नहीं है, यह पंचायत तो बुलाई ही उन ग़मों को बाँटने के लिए गई है जिनका अहसास सरकार को है और तकलीफ दूर करने की मुस्तैदी भी आज इसका इलाज होगा।