फेसबुक के तोमर राजवंश के पेज ने ग्वालियर
चम्बल की विधानसभाओं के उपचुनावों के लिये कुछ प्रत्याशीयों को समर्थन दिये
जाने की एक सूची अभी कुछ दिनों पहले प्रकाशित की थी , जिसमें मुरैना जिला
की दिमनी विधानसभा से अनार सिंह तोमर को तोमर राजवंश के फेसबुक पेज ने अपना
समर्थन दिया था ।
तोमर राजवंश की इस पोस्ट पर दिमनी के कांग्रेस प्रत्याशी रवीन्द्र सिंह
तोमर के कतिपय समर्थकों द्वारा कमेंट पोस्ट किये गये । जिसके जवाब में तोमर
राजवंश के फेसबुक पेज ने अपना जवाब देते हुये साफ किया है कि - इसलिये
समर्थन नहीं दिया रवीन्द्र सिंह तोमर को और इसलिये समर्थन दिया अनार सिंह
तोमर को , दिया गया जवाब निम्न प्रकार है -
स्थानीय और वरिष्ठ प्रभावशाली कांग्रेसी रहे हैं अनार सिंह तोमर ….
रवीन्द्र सिंह तोमर को ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में टिकिट देने के
लिये एक घंटे पहले कांग्रेस में लाये थे और एक घंटे बाद ही टिकिट दे दिया
था , रवीन्द्र सिंह तोमर ने मात्र चार छह लाख रूपये में कांग्रेस का टिकिट
उस समय सिंधिया से खरीदा था , उस समय जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय मुरैना
पर दिमनी विधानसभा के सभी पुराने काग्रेसियों ने प्रदर्शन किया था और
सिंधिया तथा रवीन्द्र सिंह तोमर ( उ प्र निवासी ठेकेदार ) के पुतले फूंके
गये , तथा देश का गद्दार , कांग्रेस का गद्दार सिंधिया …… और रवीन्द्र
विदेशी वापस जाओ के नारेबाजी हुई थी , और वरिष्ठ कांग्रेसियों ने इस्तीफे
दे दिये थे , जिसमें माफल का पुरा ( अम्बाह ) के वरिष्ठतम कांग्रेसी नेता
केशव सिंह तोमर ने भी इस्तीफा दे दिया था कांग्रेस से ….. बाद में केशव
सिंह तोमर मुरैना नगर निगम का चुनाव लड़े और पार्षद बन गये ।
रवीन्द्र सिंह तोमर बसपा का टिकट लेकर ( उ प्र के ठेकेदार थे ) उस समय उ
प्र के बसपा के मंत्री बादशाह सिंह से सेटिंग और रेट पेठ रखते थे , उस
जरिये बसपा का टिकिट लेकर दिमनी से बसपा के टिकिट पर चुनाव लड़े मगर
तोमरघार ने उन्हें ठुकरा दिया और वे चुनाव बुरी तरह से हार गये । सब जानते
हैं कि बसपा में टिकट बगैर पैसा दिये नहीं मिलता कभी ।
उसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गये और भाजपा के टिकिट के लिये जुगाड़
लगाते रहे और पैसे की दम पर टिकिट खरीदने की कोशिशें कीं , मगर भाजपा का
टिकिट नहीं मिला , उस समय हमारी बात भाजपा के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय
मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बेटे से हुई और हमने पूछा कि तुम लोगों ने
रवीन्द्र तोमर को टिकिट क्यों नहीं दिया , उसमें क्या कमी थी , भाजपा की ओर
से साफ किया गया कि एक तो वह कहता जरूर है कि भिड़ोसा का खुद को लेकिन
उसका कुछ है नहीं भिड़ौसा में , उसके दादा परदादा के जमाने से ही वह
भिड़ोसा छोड़ कर यू पी में बस गये थे , पान सिंह तोमर से दुश्मनी थी इसलिये
गांव छोड़ कर भाग गये थे । तब से अब तक यू पी में ही बस रहे हैं । दूसरी
बात उसका चाल चलन उठक बैठक चरित्र ठीक नहीं है , भड़ियाई भी कराता है ,
तीसरी बात वह पैसे से टिकट लेना चाह रहा था , और पैसे को ही अपनी सबसे बड़ी
पावर समझता है । इसलिये उसे उसकी पावर समझा दी है और हम लोगों ने टिकट
नहीं दिया , बीजेपी के हिसाब से वह राजनीति के चौखटे में फिट नहीं बैठता ,
वह केवल चुनाव लड़ने के लिये नेता है , बाद बाकी जनता से या उसकी समस्याओं
से उसे कुछ लेना देना नहीं है । वह केवल चुनाव के टाइम ही दो महीने का नेता
बन जाता है , बाद बाकी चार साल दस महीने उसका कहीं अता पता नहीं रहता । ……
ये बातें उस समय ….. हमसे उनने कहीं । उसके बाद रवीन्द्र तोमर सिंधिया के
चरण शरण में तलवे चाटने पहुंच गये और चार छह लाख में कांग्रेस का टिकट ले
आये और फिर तोमरघार ने उन्हें जमीन सुंघा कर धूल चटा दी , केशव सिंह तोमर
पार्षद बन गये ।
अब पुराने और अपने जमीन के पैदायशी लोगों का ही सपोर्ट यहां से किया जायेगा
न कि किसी ऐसे आदमी का जो इस जमीन की उपज ही नहीं है और हर बात में हर
टिकट के लिये नोटों की गठरी लेकर टिकिट खरीदता घूमता है , चार साल दस महीने
जिसके अते पते लापते रहते हैं और चुनाव पर दारू रोटी बांटता फिरता है ।
साफ बात है , उपरोक्त कारणों से अनार सिंह तोमर को यहां से समर्थन दिया गया
है , और अनार सिंह तोमर को ही हमारा और अन्य सभी तोमरघार का समर्थन जारी
रहेगा ….. अन्य किसी को नहीं ….. रवीन्द्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य
सिंधिया और राकेश मावई , भगवान सिंह तोमर ये सब सिंधिया के पुराने अंधे
साथी और विश्वसनीय चमचे हैं , इन लोगों को हमारा और तोमरघार का समर्थन न
अभी है और न कभी मिलेगा …. इन लोगों के माथे पर ही गद्दार लिखा है , अमिट
है , कभी ये दाग और कलंक मिटेगा नहीं ।
शनिवार, 24 अक्तूबर 2020
मुरैना की दिमनी विधानसभा से इसलिये समर्थन नहीं किया तोमर राजवंश के फेसबुक पेज ने रवीन्द्र सिंह तोमर का
शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2020
सात बदमाश आदतन अपराधियों को किया जिला बदर
जिला मजिस्ट्रेट मुरैना श्री अनुराग वर्मा ने पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग
सुजानिया के प्रस्ताव पर 7 आदतन अपराधियों को जिला बदर किया है। इन सातों
आदतन अपराधियों पर विभिन्न थानों में विभिन्न अपराधों के मामले पंजीवद्ध
है। जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुराग वर्मा ने मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा
अधिनियम 1990 की धारा 3 सहपठित धारा 5,6 के प्रावधानों के अंतर्गत यह
कार्यवाही की है।
जिन 7 आदतन अपराधियों को जिला
बदर किया है, उनमें ग्राम पिपरई थाना सरायछोला के ऐदल सिंह पुत्र द्वारिका
सिंह गुर्जर, ग्राम मेवदा थाना सिविल लाइन के सभाराम पुत्र विजय सिंह
गुर्जर, ग्राम जगन्नाथ का पुरा पिडावली थाना सिविल लाइन के टीकाराम पुत्र
नकटू सिंह गुर्जर, ग्राम गडौरा थाना सरायछोला के बंटी उर्फ धर्मवीर सिंह
गुर्जर, ग्राम कैमरा थाना सरायछोला के करूआ उर्फ राकेश पुत्र बैजनाथ
गुर्जर, दीक्षित वाली गली रामनगर मुरैना के कान्हा पंडित पुत्र भगवती
प्रसाद शर्मा, प्रेमनगर मुरैना थाना सिविल लाइन के भूपसिंह पुत्र भूरी सिंह
जाटव के नाम शामिल है। इन सातों आदतन अपराधियों कि आपराधिक, असामाजिक
गतिविधियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लोक व्यवस्था एवं जनसाधारण के
हित में शान्ति व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट श्री अनुराग
वर्मा ने इन 7 आदतन अपराधियों को आदेशित किया है, कि वे जिला मुरैना एवं
उसके निकटवर्ती जिले ग्वालियर, भिण्ड, श्योपुर एवं शिवपुरी की सीमा से एक
वर्ष की अवधि के लिए बाहर चले जाये। आदेश में कहा है कि यह सातों अपराधी
बिना पूर्व स्वीकृति के मुरैना, ग्वालियर, भिण्ड, श्योपुर और शिवपुरी जिलों
की सीमा में प्रवेश नहीं करें।
80 आयु वाले बुजुर्ग मतदाताओं को आज से घर पर मत देने के लिये सुविधा मिलेगी
28 दल ईव्हीएम, वोटिंग कम्पाउंट लेकर आज से पहुंचेगे घर-घर
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को घर पर ही
मतदान की सुविधा प्रदान की है। इसके तहत 13 अक्टूबर तक जिले की पांचों
विधानसभा क्षेत्रों में प्रपत्र 12डी बीएलओ के माध्यम से भरवाये गये थे।
ऐसे 80 से अधिक वाले मतदाताओं को 24 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक घर पर ही वोट
करने की सुविधा प्रदान होगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने पांचों
विधानसभा क्षेत्रों के लिये 28 टीमों का गठन कर दिया है। यह टीमें शनिवार
से ईव्हीएम एवं वोटिंग कम्पाउंट लेकर ऐसे मतदाताओं के घर पहुंचेगी,
जिन्होंने घर पर ही मतदान करने का आवेदन भरा था।
जानकारी के अनुराग
जौरा विधानसभा क्षेत्र में 6, सुमावली में 4, मुरैना में 5, दिमनी में 9
और अंबाह में 4 मतदान दल गठित किये है। जो प्रातः 10 बजे से ऐसे मतदाताओं
के घर पहुंचेगे, जिन्होंने मतदान केन्द्र तक पहुंचने में असमर्थता बताई है।
जिसमें 80 वर्ष से अधिक आयु वाले और कई दिव्यांग ऐसे मतदाता है जो मतदान
केन्द्र तक मत देने से वंचित रहते थे, उन्हें घर पर ही सुविधा मिलेगी।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मतदान कर्मियों के लिये डाक मतपत्र रहेंगे उपलब्ध
जिला सीईओ ने पांचों विधानसभा क्षेत्रों के लिये बनाये गये वोटिंग फैस्लिटिटेशन सेन्टर का किया निरीक्षण
विधानसभा उपनिर्वाचन 2020 के लिये पांचो विधानसभा क्षेत्रों के लिये मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण 23 से 29 अक्टूबर तक शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में आने वाले कर्मियों को प्रशिक्षण उपरान्त शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.विद्यालय के पिछले हिस्से में डाक मतपत्र की सुविधा रहेगी। जिसमें फैस्लिटेशन सेन्टर में पहुंचकर कर्मी अपना डाक मतपत्र प्राप्त कर वहीं पेटी में डाल सकेंगे। वोटिंग फैस्लिटेशन का जिला सीईओ श्री तरूण भटनागर ने शुक्रवार को सभी विधानसभा क्षेत्रों के कक्षों का निरीक्षण किया। जिसमें जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह के कर्मचारियों के डाक मतपत्रों की सुविधा मिलेगी। वे आसानी से अपना मत दे सकेंगे।
मतदान कर्मी निष्पक्ष होकर मतदान करायें- कलेक्टर , मतदान दल प्रशिक्षण प्राप्त करने में कोताही न बरतें - जिला सीईओ
विधानसभा उपनिर्वाचन 2020 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण सम्पन्न
कराने के लिये मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मतदान कर्मी
निष्पक्ष होकर मतदान करायें। मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की त्रुटि न
हो, इसलिये प्रशिक्षण के हर बिन्दुओं को गंभीरता से समझे, समझ में नहीं आये
तो उसे बार-बार पूछे। यह निर्देश शुक्रवार को पीठासीन, मतदान अधिकारी
पी-1, पी-2, पी-3 को प्रशिक्षण के दौरान कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन श्री
अनुराग वर्मा ने दिये। प्रशिक्षण का आयोजन शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय क्रमांक-1 मुरैना में दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण बतौर
जिला पंचायत के सीईओ श्री तरूण भटनागर ने कहा कि प्रशिक्षण ऐसा प्राप्त
करें कि निर्वाचन के दौरान गलती न हो। उन्होने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त
करने मे जो समझ में नहीं आये उसे द्वारा पूछ लें। ताकि मन में कोई शंका न
रहे और मतदान के दौरान असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होने कहा
कि 1726 मतदान केन्द्रों मे से अधिकतर बेवकास्टिंग द्वारा मतदान केन्द्रों
को जोड़ा जायेगा। जिसकी लिंक राज्य निर्वाचन आयोग सहित जिला निर्वाचन
अधिकारी एवं राजनैतिक लोग भी देख सकेगें। इसके लिये मतदान केन्द्र पर
सीसीटीव्ही कैमरा लगाये गये है। उसके नीचे वोटिंग कम्पार्ट नहीं बनाये।
क्योंकि मतदान कर्मी अपने मत का उपयोग करेगा, तो मतदान करने की गोपनीयता
भंग होने का डर रहेगा। उन्होने कहा कि पोलिंग एजेन्ट एवं पीठासीन अधिकारी
वोटिंग कम्पार्ट के अन्दर नहीं जाये। जब मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर
रहा हो। ई.व्ही.एम एवं व्ही.व्हीपैट एवं निर्वाचन सामग्री प्राप्त करने के
बाद मतदान दल सुरक्षा के अधीन अपने निर्दिष्ट मतदान केन्द्र के लिये
प्रस्थान कर जाते है। मतदान दलों को कड़ाई से निर्देश दिया जाता है कि वे
विवरण के समय से मतदान केन्द्र में मॉकपोल के पूर्व किसी भी परिस्थिति में
व्हीव्हीपैट का परीक्षण न करें, क्योंकि उन्हे जो व्ही.व्ही.पैट प्रदान
किये गये है, उनका परीक्षण पहले से ही हो चुका है। वास्तविक मतदान से पहले,
मतदान केन्द्र में निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों के मतदान अभिकर्ताओं की
उपस्थिति में मॉकपोल संचालित किया जाता है। मॉकपोल के बाद, मॉक पोल के
आंकड़ो को हटा दिया जाता है और रिजक्ट सेक्शन को ग्रीन पेपर सील, स्पेशल
टेग, एड्रेस टेग तथा स्ट्रिप सील से सीलबंद कर दिया जाता है। मतदान के बाद
क्लोज बटन दबाना न भूलें।
मॉकपोल के समय कम से कम दो अभ्यर्थियों के मतदान अभिकर्ता होना चाहिए। यदि मतदान अभिकर्ता समय पर नहीं आते है तो 15 मिनट पीठासीन अधिकारी इंतजार करेंगे। ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपैट कनेक्शन के समय सीयू का स्विच ऑफ होना अनिवार्य है। वोटिंग कम्पार्टमेन्ट में बीयू को राइट साइड में ओर, व्हीव्हीपैट को लेफ्ट साइड में रखे। उपस्थित प्रत्येक मतदान अभिकर्ता को उसके पसंद के अभ्यर्थी को वोट देना है। ईव्हीएम में वोट देनें के लिये नीला बटन दबाने के बाद एक लंबी बीप की आवाज सुनाई देगी और रेड बटन जलेगा। व्हीव्हीपैट में जिस पर एक पर्ची प्रत्याशी का सरल क्रमांक, नाम एवं उसका चुनाव चिन्ह होगा, 7 सेकेण्ड तक दिखाई देगी, तत्पश्चात पर्ची ड्राप बॉक्स में अंदर गिर जायेगी। प्रशिक्षण के दौरान अपर कलेक्टर श्री उमेश प्रकाश शुक्ला, जिला शिक्षाधिकारी श्री सुभाष शर्मा, राज्य स्तरीय मास्टर टेªनर्स श्री व्योमेश शर्मा, श्री एसपी सारस्वत सहित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पीठासीन अधिकारी, पी-1, पी-2, पी-3 उपस्थित थे।
अपर कलेक्टर श्री उमेश प्रकाश शुक्ला ने बताया कि उत्कृष्ट विद्यालय में 19 कक्षों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें यह प्रशिक्षण दो पालियों में हो रहा है। प्रथम पाली प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक और द्वितीय पाली 2 से 5 बजे तक है। उन्होंने बताया कि प्रथम पाली में 166 कर्मचारी और द्वितीय पाली में 166 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण 23 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक दो पालियों में दिया जायेगा। जिसमें 2 हजार 246 कर्मचारी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस बार 1055 मतदान कर्मी श्योपुर जिले के भी बुलाये जा रहे है।
सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार ऐसा कोई संदेश न डाला जाए जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हो, उम्मीदवार 10 हजार तक की राशि नगद व्यय कर सकेंगे
सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार ऐसा कोई संदेश न डाला जाए जिससे आचार संहिता का उल्लंघन हो। सभी उम्मीदवारों को निर्वाचन व्यय हेतु पृथक से बैंक अकाउंट खोला गया है। 10 हजार तक राशि नगद और इससे अधिक की राशि चौक के माध्यम से खर्च करनी होगी। उम्मीदवारों को दिए गए व्यय रजिस्टर में प्रतिदिन के खर्चे का संघारण करना होगा। शैडो रजिस्टर, अभ्यर्थी व्यय रजिस्टर का मिलान किया जायेगा। जिस पर व्यय प्रेक्षक हसताक्षर करेंगे।
चुनाव के दौरान मीडिया कव्हरेज के लिये निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश
भारत निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा
उपचुनाव 2020 के दौरान जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत
मीडिया कव्हरेज के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। आयोग ने निर्वाचन
क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया के निर्धारित समय के समाप्ति के 48 घंटे पहले
की अवधि के दौरान टी.व्ही. तथा अन्य यंत्रों पर चुनाव संबंधी किसी भी विषय
के प्रसारण आदि को प्रतिबंधित किया है। इसकी अवहेलना करने पर दो साल की
जेल या जुर्माना या दोनों दिये जा सकेंगे।
आयोग को निर्वाचन
प्रक्रिया के दौरान टी.व्ही. चैनलों द्वारा प्रसारित किये जाने वाले पैनल
परिचर्चाओं/वाद-विवाद तथा अन्य समाचारों और ताजा स्थिति पर आधारित
कार्यक्रमों में अधिनियम के प्रावधानों की अवहेलना की शिकायतें प्राप्त
होती रही हैं। निर्वाचन आयोग ने पहले भी स्पष्ट किया है कि चुनाव संबंधी
किसी भी विषय को चुनावी क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया के निर्धारित समय की
समाप्ति से 48 घंटे की अवधि के दौरान टी.व्ही. आदि पर प्रदर्शन प्रतिबंधित
है। आयोग ने इस बात को पुनरू दोहराया है कि टी.व्ही/रेडियो चैनल एवं केबल
नेटवर्क 48 घंटे की अवधि के दौरान परिचर्चाओं में शामिल पैनलिस्ट/भागीदारों
के विचारों सहित ऐसी कोई बात प्रसारित नहीं करेंगे, जिससे यह आभास हो कि
किसी राजनैतिक दल या उम्मीदवार की जीत की संभावना को
प्रोत्साहित/पूर्वाग्रहित अथवा निर्वाचन को प्रभावित किया जा रहा है।
आयोग ने सभी प्रचार माध्यमों का ध्यान प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा
जारी निर्देशों की ओर दिलाया है, जिसके अनुसार प्रेस का दायित्व होगा कि वह
निर्वाचन एवं उम्मीदवारों से संबंधित वस्तुपरक जानकारियाँ दें।
निर्वाचन प्रावधानों के अंतर्गत साम्प्रदायिक अथवा जाति आधारित चुनाव
अभियान प्रतिबंधित है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने निर्देश दिये हैं कि
प्रेस को ऐसे समाचार प्रसारित करने से बचना चाहिए, जिनसे लोगों के मध्य
धर्म, जाति, नस्ल, सम्प्रदाय या भाषा को लेकर वैमनस्यता उत्पन्न हो।
प्रेस काउंसिल के अनुसार प्रेस को असभ्य समाचार अथवा आलोचनात्मक बयान
प्रकाशित करने से बचना चाहिए, जिनसे किसी उम्मीदवार के व्यक्तित्व व आचरण
या उम्मीदवारी अथवा नाम वापसी को लेकर उसके निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव
पड़ता हो। प्रेस को उम्मीदवार/राजनैतिक दल के विरूद्ध असत्यापित समाचार
प्रकाशित नहीं करना चाहिए। प्रेस को किसी उम्मीदवार/राजनैतिक दल की छवि
निर्माण के लिये किसी प्रकार का आर्थिक या अन्य प्रलोभन स्वीकार नहीं करना
चाहिए। उसे किसी उम्मीदवार/राजनैतिक दल अथवा उनकी ओर से किसी अन्य द्वारा
लिया गया आतिथ्य या अन्य सुविधाएँ स्वीकार नहीं करना चाहिए। समाचार पत्रों
से यह आशा नहीं की जाती है कि वे किसी विशेष उम्मीदवार/राजनैतिक दल के
प्रति समर्थन जुटाने में लिप्त होंगे। प्रेस को किसी राजनैतिक दल/सत्ताधारी
दल के बारे में कोई ऐसा विज्ञापन स्वीकार/प्रकाशित नहीं करना चाहिए, जिससे
उसकी अदायगी सरकारी खजाने से हो। प्रेस को निर्वाचन आयोग/रिटर्निंग ऑफिसर
या मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों/आदेशों का
पालन करना चाहिए।
पेट्रोल पम्प 24 घण्टें सीसीटीवी की निगरानी में रखे जाए
विधानसभा उप निर्वाचन 2020 हेतु निर्वाचन के दौरान राजनैतिक रैली, जुलूस तथा जनसभा में शामिल वाहनो के संबंध में पेट्रोल पम्प के संचालको को निर्देश दिये है कि यदि किसी अभ्यर्थी या उसके किसी प्रतिनिधि द्वारा राजनैतिक रैली, जुलूस तथा जन सभाओं में शामिल वाहनों में पेट्रोल एवं डीजल भराये जाकर राशि का भुगतान किया जाता है तो उसकी सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला आपूर्ति अधिकारी मुरैना को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। साथ ही पेट्रोल पम्प 24 घण्टें सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाए।
मतदान केंद्र कोरोना वायरस से रहेंगे पूरी तरह सुरक्षित, मतदाता निडर होकर करें मतदान
विधानसभा उपनिर्वाचन-2020 हेतु मतदान 03 नवम्बर को होना है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मुरैना जिले की पांचों विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर कोरोना वायरस से बचाव हेतु पुख्ता इंतजाम किए जाकर, कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी तरह से सुरक्षित रखें जाएंगे। मतदाताओं को किसी प्रकार से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। विधानसभा क्षेत्र के सभी मतदाता अपने मताधिकार प्रयोग उप चुनाव में जरूर करें। मतदान केंद्र के बाहर हाथ धोने के लिए साबुन पानी की व्यवस्था एवं सेनेटाइजर उपलब्ध रहेगा तथा सामाजिक दूरी रखी जायेगी। सुरक्षित मतदान के लिए हाथ में पहनने के दस्ताने दिये जाएंगे एवं बिना मास्क के आने वाले मतदाता को मास्क भी मतदान केन्द्रों पर उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रत्येक मतदाता की थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी। टेम्परेचर अधिक आने पर मतदान के अंतिम 1 घंटे में मतदान करने की अनुमति होगी।
2 व 3 नवम्बर के अखबारों में प्रकाशन से पहले विज्ञापनों का कराना होगा प्रमाणन
भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान के मौके पर विद्वेषपूर्ण अथवा भ्रामक राजनैतिक
विज्ञापनों के प्रकाशन एवं प्रसारण पर रोक लगाने के उद्देश्य से समाचार
पत्रों यथा प्रिंट मीडिया में भी मतदान के दिन और मतदान के 1 दिन पूर्व
प्रकाशित कराये जाने वाले राजनैतिक विज्ञापनों का जिला स्तरीय मीडिया
प्रमाणन समिति से पूर्व प्रमाणन कराना अनिवार्य किया है।
मुरैना
जिले की जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह विधानसभा उप निर्वाचन के
मामले में 2 व 3 नवम्बर के समाचार पत्रों में प्रकाशित होने वाले
विज्ञापनों का प्री सर्टिफिकेशन कराना होगा। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी
निर्देश के मुताबिक कोई भी राजनैतिक दल या उम्मीदवार अथवा अन्य कोई संगठन
या व्यक्ति विधानसभा के लिए होने वाले मतदान के दिन तथा उसके एक दिन पहले
वाले दिन कोई भी विज्ञापन मीडिया प्रमाणन समिति से बिना पूर्व प्रमाणन
कराये प्रकाशित नहीं करा सकेगा। अर्थात ऐसे विज्ञापनों का समाचार पत्रों
यथा प्रिंट मीडिया में प्रकाशन कराने के पूर्व राज्य अथवा जिला स्तरीय
मीडिया प्रमाणन समिति से प्रमाणन कराना अनिर्वाय होगा। निर्वाचन आयोग ने यह
निर्देश पूर्व में सामने आये उन मामलों के संदर्भ में जारी किये हैं, जहां
अंतिम चरण में भ्रामक, भड़काउ या आक्रामक स्वरूप के विज्ञापन प्रकाशित
कराकर चुनावी प्रक्रिया को दूषित करने के प्रयास किये गये थे। आयोग के
मुताबिक चुनाव के अंतिम दौर में ऐसे भ्रमित करने वाले विज्ञापनों के
प्रकाशन के बाद इनसे प्रभावित दल अथवा प्रत्याशी के पास किसी भी प्रकार की
सफाई अथवा खण्डन का अवसर नहीं होता। आयोग के अनुसार ऐसी स्थिति में
स्वतंत्र और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन जरूरी
है।
नेशनल मीडिया अवार्ड के लिये 20 नवम्बर तक प्रविष्टियां आमंत्रित
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नेशनल मीडिया अवार्ड के लिये 4 श्रेणियों में 20
नवम्बर 2020 तक प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं। मीडिया समूह की मतदाता
जागरूकता अभियान की गुणवत्ता, कवरेज, मात्रा की सीमा, जनता पर प्रभाव के
सबूत और कोई अन्य प्रासंगिक कारक संबंधी कार्यो के आधार पर प्रिन्ट,
इलेक्ट्रॉनिक, रेडियो और सोशल मीडिया के क्षेत्र में विशेष कार्य करने पर
यह पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे।
पुरस्कार के लिये प्रविष्टियाँ
श्री पवन दीवान अवर सचिव (संचार) भारत निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन, अशोका
रोड, नई दिल्ली पिन कोड 110001 के पते पर 20 नवम्बर 2020 तक पहुंच जाना
चाहिये। प्रविष्टियों में नाम, पता, फोन, फैक्स नम्बर और ई-मेल एड्रेस
अवश्य लिखा हो। राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी, 2021 को यह पुरस्कार
प्रदान किये जायेंगे।
आबकारी विभाग द्वारा मदिरा जप्त कर 5 प्रकरण दर्ज किये
विधानसभा उपचुनाव 2020 के चलते कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग वर्मा के निर्देश पर जिला आबकारी अधिकारी श्री जावेद अहमद ने जिले में गठित उड़नंदस्तों द्वारा अवैध मदिरा एवं होटल ढ़ाबों के विरुद्ध कार्रवाई की। जिसमे 59.64 बल्क लीटर मदिरा जप्त कर 05 प्रकरण आबकारी अधिनियम के तहत कायम किये। जप्त मदिरा की कुल कीमत 12 हजार 560 रूपये है।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने 12 वाहनों पर 6 हजार रूपये की वसूली
मतदाता जागरूकता संबंधी नारों से गूंजी सुमावली विधानसभा