सांसदों की रिश्वत काण्ड में मीडिया वार, फुसफसा रही है चम्बल की जनता : यह सांसद की फर्जी नौटंकी
रूस्तम सिंह के खिलाफ सी.बी.आई जॉंच की खबरों से मचा हड़कम्प
मुरैना 26 जुलाई 08, सांसदों को रिश्वत दिये लिये जाने को लेकर प्रमुख समाचार पत्र व अन्य मीडिया आमने सामने आ गये हैं । एक तरफ जहॉं भाजपा को निष्कलंक व दोष रहित कर लिखा जा रहा है वहीं, दूसरी ओर सांसद रिश्वत काण्ड के छींटे म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पंचरयत मंत्री रूस्तम सिंह के दामन पर भी पहुँच गये हैं ।
मीडिया का एक पक्ष जहॉं कांग्रेस सपा पर 500 से 600 करोड़ देकर सांसद खरीद कर विश्वास मत प्राप्त करने का दावा की खबरों को फ्रण्ट पेज शीर्षक देकर छाप रहा है, वहीं दूसरा पक्ष राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी के पैसे का और म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का इसे प्रायोजित कार्यक्रम बता रहा है ।
मीडिया में ठने इस युद्ध को जनता बड़े मजे लेकर और चटखारे लेकर सुन पढ़ रही है ।
क्या कहते हैं चम्बलवासी
भाजपा के अधिकांश कार्यकर्ताओं सहित आम जनता की राय है कि सांसद अशोक अर्गल महाभ्रष्ट है, वह सौ पॉंच सौ रूपये छोड़ता नहीं, एक करोड़ पेश करने के बदले जरूर उसे भाजपा के मंत्री और मुख्यमंत्री ने दस करोड़ दिये होंगें तथा विधायक के टिकिट दिलाने का वायदा किया होगा ( मुरैना संसदीय क्षेत्र अब अनारक्षित हो गया है अत: अशोक अर्गल का राजनीतिक कैरियर समाप्त होने जा रहा है, और वह अम्बाह विधानसभा से विधायक बनने के लिये फड़फड़ा रहे हैं, लेकिन वहॉं पहले से ही भाजपा के कद्दावर दावेदार हैं, मुशीलाल पूर्वमंत्री वर्तमान एग्रो अध्यक्ष, संध्याराय दिमनी वर्तमान विधायक यह सीट भी सामान्य हो गयी है इसलिये संध्याराय ने भी अम्बाह विधानसभा पर टिकिट का दावा ठोंका है, बंशीलाल वर्तमान अम्बाह विधायक) सबक पत्ता साफ करने के लिये अशोक अर्गल ने तुरूप का इक्का फेंका है और दस करोड़ मिले सो अलग ।
मजे की बात यह है कि यह खबर और कोई नहीं भाजपा के ही कार्यकर्ता जनता में फैलाने में लगे हैं और अशोक अर्गल के धुर विरोधी भाजपा नेता खुलकर सामने आ गये हैं । दूसरी ओर पंचायत मंत्री रूस्तम सिंह के विरूद्ध रोजगार गारण्टी योजना और पीएमजीएसवाय में हुये भ्रष्टाचार के मामलों में सी.बी.आई. जॉंच शुरू होने की खबर भी भाजपाईयों द्वारा फैलाने से हड़कम्प मच गया है, उल्लेखनीय है कि स्रूतम सिंह और अशोक अर्गल परम मित्र होकर दॉंत काटी रोटी है, अशोक अर्गल काण्ड में उनका नाम भी इसके चलते लोगों ने घसीट लिया है, दूसरी ओर अशोक अर्गल पर पहले से ही दर्ज अपराधों और न्यायालय से फरारी के मामले भी उछल उछल कर सामने आ रहे हैं । अशोक अर्गल को बाप दादों के जमाने से ही रिश्वतखोर (उल्लेखनीय है कि अशोक अर्गल के पिता स्व. छविराम अर्गल तत्कालीन सांसद ने 1979 में चौधरी चरण सिंह पर भी इसी प्रकार साढ़े चार लाख रूपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया था । ) कहा जा रहा है ।
अमूमन चम्बल की जनता में अशोक अर्गल के खिलाफ भारी गुस्सा और आक्रोश है, खेतों से खलिहान तक, चौराहों से चौपाल तक इस समय अशोक अर्गल को गरियाया जा रहा है । लोग मानने को तैयार नहीं हैं कि अशोक अर्गल ईमानदार है और फर्जी नौटंकी नहीं रच सकते । ससंदीय घटनाक्रम को लोगों की नजर में टिकिट और पैसे के लिये की गयी फर्जी नौटंकी कहा जा रहा है । उल्लेखनीय है अशोक अर्गल अम्बाह विध्धनसभा के अतिरिक्त भिण्ड दतिया संसदीय सीट से भी टिकिट पाने के इच्छुक हैं ।