सोमवार, 11 अप्रैल 2011

भाजपा वामदल और अन्य समर्थक दल खुद पेश करें संसद में अन्ना का जन लोकपाल बिल – नरेन्द्र सिंह तोमर

नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि जो जो नेता और जो जो राजनीतिक दल अन्ना हजारे द्वारा पेशकश किये गये जन लोकपाल बिल को खुद संसद में ज्यों का त्यों पेश करें बजाय संसद में केवल समर्थन करने इसे यथावत खुद ही वे संसद में गैर सरकारी विधेयक के तौर पर पेश करें ।

भाजपा वामदल और अन्य समर्थक दल खुद पेश करें संसद में अन्ना का जन लोकपाल बिल नरेन्द्र सिंह तोमर

Part- 1

मुरैना 12 अप्रेल 2011 , जानी मानी राष्ट्रीय महत्व की स्वयंसेवी संस्था नेशनल नोबल यूथ अकादमी के महानिदेशक नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि जो जो नेता और जो जो राजनीतिक दल अन्ना हजारे द्वारा पेशकश किये गये जन लोकपाल बिल को खुद संसद में ज्यों का त्यों पेश करें बजाय संसद में केवल समर्थन करने इसे यथावत खुद ही वे संसद में गैर सरकारी विधेयक के तौर पर पेश करें ।

ज्ञातव्य है कि कोई भी सांसद किसी भी दल का या कोई निर्दलीय सांसद भी संसद में किसी भी बिल यानि विधेयक को या अधिनियम को पेश करता है , उसे केवल सदन के सभापति यानि की अध्यक्ष की अनुमति मात्र लेना होती है ।

तोमर ने इस बात पर बेहद आश्‍चर्य और अफसोस किया कि बाहर से सभी लोग समर्थन की बात कर रहे हैं चाहे वामदल हों या भाजपा लेकिन हैरत की बात ये है कि इनमें से किसी ने भी इसे संसद में खुद पेश करने की बात अभी तक नहीं कही जबकि वे इसे संसद में पेश कर सकते हैं और इसे पेश करने का उन्हें अधिकार भी है ।

तोमर ने कहा कि राजनीतिक दल और राजनेता इस मुद्दे पर दोगला व्यवहार कर रहे हैं जो कि आम जनता के समझ से परे है , अन्ना के बिल के और आंदोलन के सभी समर्थन कर्ता या तो खुद इस बिल को ज्यों का त्यों बिना किसी रद्दोबदल या फेरबदल के संसद में खुद पेश करें और देश को 100 फीसदी देश से भ्रष्टाचार खत्म हो जाने की तय एवं घोषित सीमावधि के भीतर गारण्टी दें ।

केवल समर्थन करने की बात किसी की भी सहज सुपाच्य नहीं हैं । और यही दोगलापन इस देश में भ्रष्टाचार का प्रमुख हेतु है कि हमारे सांसद एवं नेता दोगली बात करते हैं दोगला चरित्र जीते हैं ।

प्रतावित बिल में टाइप ऑफ करप्शन परिभाषित किये जाने चाहिये और टाइप आफ करप्शन एवं इन्‍वोल्वमेण्ट इन करप्शन के अनुसार दण्‍ड भी तय किया जाना चाहिये और भ्रष्टाचार के दायरे में  सुनवाई न किया जाना, कार्यवाही न करना, कार्यवाही में विलंब, सुनवाई में विलंब, लापरवाही, लेतलाली, टरकाना, टालना, अनसुनापन, बिना सुने कार्यवाही निष्पादन , बिना सुने खारिजी, सिफारिश करना या मानना, किसी भी सरकारी विभाग से ठेके , संविदा, लायसेंस, अनुबंध, नियुक्‍ति आदि में होने वाली धांधलीयों आदि के रोके जाने के भी पुख्ता बंदोबस्त बिल में किये जाना चाहिये ।

क्रमश:        

 

Up coming …. An interview with Narendra Singh Tomar …. Successor of great Pandavas Arjun

Shri Narendra Singh Tomar "Anand" …will be with us, meet with us, know with us, what he think about present scenario of India and what they want in democratic environment socially and Politically

Up coming …. An interview with Narendra Singh Tomar …. Successor of great Pandavas Arjun

Please read here one nice interview with successor of Great Pandavas Arjun & Subhadra (Sister of Bhagwan Shri Krishna) and Last Hindu Dynasty ruled on India and Ruled at Delhi, GWALIOR also. Successor of great Tomar Dynasty also successor of Maharaja Anang Pal Singh Tomar King of Delhi (Mahabharata country) and Aisah … Shri Narendra Singh Tomar "Anand" …will be with us, meet with us, know with us, what he think about present scenario of India and what they want in democratic environment socially and Politically …….  Interview will publish here soon in after Chaitra Navdurga.