केवल 53 बालिकायें लाड़ली लक्ष्मी बनी
मुरैना 1 दिसम्बर 07- घटते लिंगानुपात की समस्या से ग्रस्त मुरैना जिले में बालिकाओं के सुखद भविष्य के शुभ संकेत मिले हैं । यहां की 53 बालिकायें लाड़ली लक्ष्मी बनी हैं । इक्कीस बर्ष की आयु पूर्ण होने पर तथा 18 वर्ष के पूर्व विवाह न करने पर और 12 वीं कक्षा की परीक्षा में सम्मिलित होने पर ये बालिकायें लखपति बन जायेगी ।
कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने बताया कि बालिकाओं के शैक्षणिक तथा आर्थिक स्तर में सुधार एवं उनके अच्छे भविष्य की आधार शिला रखने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना में जिले की 120 बालिकाओं को चिन्हित कर प्रकरण शासन को प्रेषित किये गये । अब तक 69 बालिकाओं के प्रकरण स्वीकृत होकर शासन से 4 लाख 14 हजार रूपये की अनुदान राशि प्राप्त हो चुकी है । इनमें से 53 बालिकाओं को 6 हजार रूपये प्रति हितग्राही के मानसे राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदे जा चुके हैं । इन सभी लाडली लक्ष्मी को आगामी चार वर्ष तक 6 हजार रूपये प्रति वर्ष के मान से राष्ट्रीय बचत पत्र क्रय कर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराये जायेगे । इस प्रकार पांच वर्षों में कुल 30 हजार रूपये के राष्ट्रीय बचत पत्र क्रय किये जायेंगे ।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के अन्तर्गत 1 जनवरी 2006 के पश्चात जन्म लेने वाली बालिका को लाडली लक्ष्मी बनाकर लाभान्वित किया जाना है । इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बालिका के माता पिता को दो जीवित बच्चों के रहते हुए परिवार नियोजन अपनाना जरूरी है ।
इस योजना के तहत बालिका को कक्षा छटवीं में प्रवेश पर दो हजार रूपये, कक्षा नौवीं में प्रवेश पर चार हजार रूपये, कक्षा ग्यारहवीं में प्रवेश पर सात हजार पांच सौ रूपये तथा ग्यारहवीं और बारहवीं में पढाई के समय दो वर्ष तक दो सौ रूपये प्रतिमाह दिये जायेंगे । बालिका के 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर एवं 18 वर्ष के पूर्व विवाह नहीं करने पर तथा 12 वीं कक्षा की परीक्षा में सम्मिलित होने पर एक मुश्त राशि का भुगतान किया जायेगा । इस प्रकार भुगतान की गई राशि एक लाख रूपये से अधिक होगी ।
जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के अनुसार एकीकृत बाल विकास परियोजना मुरैना शहरी की दृष्टि पुत्री दिलीप गर्ग, ऋतिका पुत्री हीरालाल गुप्ता, तनिष्का (खुशी) पुत्री पवन बांदिल पूनम पुत्री गुलावसिंह, हिमांशो पुत्री नरेन्द्र बरेलिया अर्पिता पुत्री अमित गुप्ता, परियोजना मुरैना ग्रामीण के अन्तर्गत मदन बसई की मंजू पुत्री सुरेश, खरगपुर की मुस्कान पुत्री विष्णु, हार का पुरा की प्रियंका पुत्री प्रीतमसिंह, जौरा खुर्द की नेहा पुत्री अशोक शर्मा, पीपरीपुरा की प्रिन्सी पुत्री प्रभू विश्वकर्मा और सजना पुत्री श्रीकृष्ण पचौखरा की किरण पुत्री धर्मवीर राठौर, खुर्द की शिवानी पुत्री रामस्वरूप, हिंगोना खुर्द की साक्षी पुत्री कौशलेन्द्र, भटपुरा नदी की दिव्या पुत्री राजेश, छिछावली की गुडिया पुत्री राजकुमार, कीरतपुर की मुस्कान पुत्री बनवारी लाल यादव, हरचन्द्र बसई की लक्ष्मी पुत्री मनोजसिंह, पिढावली की रानी पुत्री राजेन्द्र प्रसाद शर्मा, हुरई का पुरा की शिवानी पुत्री जोगेन्द्र सिंह और बानमोर वार्ड की शान्ती पुत्री विजेन्द्र यादव लाड़ली लक्ष्मी बनी हैं ।
परियोजना अम्बाह के अन्तर्गत खडियाहार की गुड़िया पुत्री नागेन्द्र शर्मा, कटेलापुरा की साक्षी पुत्री रामनरेश तोमर, सिहोनिया की रोशनी पुत्री मनोज जाटव, और पलक पुत्री रमेश सिंह तोमर, किशनपुर की याचिका पुत्री दिनेश सेंगर, सुनावली की शिवी पुत्री मुकेश तोमर, बरेह की प्रियंका पुत्री दलवीर सिंह तोमर तथा वार्ड 11 की नंदिनी पुत्री विश्वनाथ शर्मा , परियोजना पोरसा के अन्तर्गत सती रछेड की शिवानी पुत्री हरेन्द्र सिंह, लुखरियाई की प्रियंका पुत्री रामरूप सिंह करके का पुरा की शिवानी पुत्री अरविन्द्र सिंह, पूठा वनवारिया की शशि पुत्री भूपेन्द्र सिंह और साठों की सरिता पुत्री रवीन्द्र, परियोजना जौरा के अन्तर्गत सिहोरी की दिव्या पुत्री सतेन्द्र सिंह, नंदपुरा की पूनम पुत्री राकेश, देवगढ की तनु पुत्री गनेशसिंह सिकरवार, बार्ड क्रमांक-1 की खुशवू पुत्री राजेश, विलगांव की मिनी पुत्री जीवेन्द्र पाराशर, मैनबसई की ज्योति पुत्री नरोत्तम सिंह, और चचिहा की राधाबाई पुत्री सीताराम सिंह, परियोजना कैलारस के अन्तर्गत खेड़ा तोर की प्राची पुत्री सुनील शर्मा, नेपरी की मोनिका पुत्री प्रमोद धाकड़ महिवा का पुरा की सनीमा पुत्री माखन जाटव और हरलाल का पुरा की शिवानी पुत्री मेघसिंह, परियोजना पहाडगढ के अन्तर्गत निमास की मुस्कान पुत्री सेवाराम जाटव और शालू पुत्री मुकेश अर्गल एवं लहोरीपुरा की रागिनी पुत्री श्यामसिंह तथा परियोजना सबलगढ के अन्तर्गत बोलाज की रूकमनी पुत्री बामराय, हीरापुर की स्नेहा पुत्री रक्षपाल, रामपुर कलां की रानी पुत्री अशोक और डिगवार की वर्षा पुत्री ज्ञानसिंह को लाड़ली लक्ष्मी बनाते हुए 6-6 हजार रूपये के राष्ट्रीय बचत पत्र दिये गये हैं ।
मुरैना जिले में दो बच्चों के बाद दम्पतियों के द्वारा परिवार नियोजन को न अपनाया जाना योजना की प्रगति में बाधा बना हुआ है । प्रारंभिक सर्वेक्षण में अभी तक पांच सौ से अधिक ऐसी बालिकाये चिन्हित की गई है, जिनके माता-पिता यदि परिवार नियोजन अपना लेते हैं तो वे योजना के तहत लाभान्वित हो सकेगी । इन बालिकाओं के माता-पिता से अपील की गई है कि वे अपनी बेटी को लाडली लक्ष्मी बनाने के लिए परिवार नियोजन अपनायें ।