गुरुवार, 9 अगस्त 2012

भाजपा की थुक्का फजीहत, शिवराज सिंह की चोंचलेबाजी ध्वस्त चम्बल में शर्मनाक हार के कगार पर बीजेपी, कांग्रेस में होगा भारी फेरबदल

भाजपा की थुक्का फजीहत, शिवराज सिंह की चोंचलेबाजी ध्वस्त चम्बल में शर्मनाक हार के कगार पर बीजेपी, कांग्रेस में होगा भारी फेरबदल
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद''
मुरैना डायरी
नेताओं की पिटाई के आसार
चंबल में नेताओं की पिटाई की जाना या उन्हें अपमानित किया जाना वैसे तो कोई नई बात नहीं है । काफी समय पूर्व स्व. माधव राव सिंधिया को अम्बाह में बालों में व चेहरे पर धूल भरकर और फेंक कर, भाजपा नेता व पूर्व भाजपा सरकार के मंत्री मुंशीलाल के कपड़े फाड़ कर और रस्सी से बांध कर कुँयें में लटका कर उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र में ही जनता द्वारा पिटाई की जा चुकी है , वहीं भाजपा के टिकिट पर अम्बाह विधानसभा चुनाव से लड़ चुके स्व. वृषभान वर्मा की भी पिटाई कर अंबाह में कपड़े फाड़ दिये गये थे , वैसे ही आसार अब नजर आ रहे हैं । जनता में भाजपा की शिवराज सरकार के प्रति जहॉं विकट व भयंकर आक्रोश व्याप्त है वहीं अपने जन प्रतिनिधियों से भी जनता संतुष्ट नहीं है । कोई शक नहीं किसी दिन किसी नेता या जनप्रतिनिधि की बुरी तरह पिटाई जनता कर दे । ऐसा नहीं है कि जन प्रतिनिधि इस आशंका से अनभिज्ञ हों, पर्याप्त जन खौफ के चलते जन प्रतिनिधियों की यह हालत है कि वे हरदम मुकम्मल संगीनों के सायें में संभावित पिटाई के चलते चला करते हैं ।
रामदेव के बारे में कहना अप्रासंगिक नहीं होगा कि जनता के खौफ से बुरी तरह खौफजदा शिवराज सरकार ने चम्बल क्षेत्र से रामदेव की यात्रा निकलते वक्त संगीनों के जाल बिछा दिये थे तब जाकर बमुश्किल रामदेव चम्बल से गुजर पाये थे ।
शिवराज सरकार की फेलुअरिटी का सबसे बुरा असर भारतीय जनता पार्टी पर पड़ा है , शिवराज सरकार की नाकामियों और लचरपने के कारण केवल मध्यप्रदेश में ही भाजपा नुकसान उठाने जा रही हो ऐसा नहीं है, बल्कि हालिया यू.पी. चुनावों में और आसन्न गुजरात व अन्य राज्यों के चुनावों में भी भाजपा शिवराज सिंह के पापों का दण्ड भोगेगी ।
मूल वजह यह है कि म.प्र. में हो रही प्रत्येक घटना आजकल फेसबुक, टिवटर और इंटरनेट के कारण तुरंत देश व्यापी बन जाती है और गॉंव कस्बों तक पहुँच जाती है यहॉं उल्लेखनीय है कि चंबल के करीब 20 हजार स्थानीय लोग  अकेले फेसबुक पर ही मौजूद हैं ,जो कि त्वरित प्रतिक्रियावादी हैं ।  फेसबुक पर टिवटर पर या इंटरनेट पर जो भी चल रहा है उसमें शिवराज सिंह और भाजपा की भूमिका महज एक विदूषक या मसखरे जैसी हो कर रह गई है । शिवराज सिंह और भाजपा दोनों ही फेसबुक, टिवटर और इंटरनेट की दुनियॉं में मसखरे खलनायक मात्र बन कर रह गये हैं ।
भाजपा के मुरैना सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की जमीनी हालत बहुत ज्यादा खराब है  और जैसा कि सुनने में आ रहा है कि अबकी बार कांग्रेस भी मुरैना लोकसभा सीट से किसी तोमर राजपूत को ही मैदान में उतारेगी ऐसी दशा में भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री और मुरैना सांसद की जमानत जप्त हो जाना लाजमी है । यहॉं स्मरणीय है कि राजपूत बाहुल्य इस लोकसभा सीअ पर पिछले चुनावों में नरेन्द्र सिंह तोमर के विरूद्ध किसी भी राजपूत ने चुनाव नहीं लड़ा था और कांग्रेस ने राम निवास रावत को टिकिट देकर तथा बसपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी बलवीर सिंह डण्डोतिया को टिकिट देकर मुरैना लोकसभा सीट सहज ही थाली में परोस कर भाजपा के नरेन्द्र सिंह तोमर को उपहार में दे दी थी । आज स्थति उलट हो गयी है , नरेन्द्र सिंह तोमर जहॉं चम्बल अंचल में एक दुष्ट खलनायक बन गये हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी किसी तोमर के आने से सन 2014 के लोकसभा चुनावों में या तो नरेन्द्र सिंह तोमर को मुरैना से भागना पड़ेगा या जमानत जप्त करानी होगी । स्मरणीय व उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र सिंह तोमर ग्वालियर से संभावित हार के चलते भाग कर मुरैना आये थे और मुरैना में कांग्रेस से या अन्य किसी पार्टी से मुकाबला नहीं मिलने के कारण भाग्यवश मुरैना सांसद बन बैठे थे लेकिन कांग्रेस की गर्मजोश सक्रियता और जनता का उनके खिलाफ रोष व आक्रोश के कारण सन 2014 में मुरैना लोकसभा के परिणाम लगभग साफ साफ तय हैं कि भाजपा के खिलाफ जायेंगें । सन 2013 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में भी चम्बल में भाजपा को सीट मिलना लगभग नामुमकिन है जबकि एक समय में चम्बल भाजपा का आधारभूत व ठोस गढ़ थी जिसकी विरासत को भाजपा नेताओं लुच्चेपन व छिछोरी हरकतों ने तबाह कर इस मुकाम पर पहुँचा दिया कि अब आने वाले वक्त में चंबल में भाजपा के नाम लेवा और पानी देवा बड़ी मुश्किल से मिलेंगें ।
कांग्रेस में तगड़े फेरबदल होंगें
चम्बल में अक्टूबर या नवंबर में कांग्रेस के पइदाधिकारियों में बहुत बड़े फेरबदल होंगें , विश्वसनीय सूत्रों से प्राइज़ जानकारी के अनुसार म.प्र. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल की ग्वालियर चम्बल यात्रा सितम्बर के महीने में प्रस्तावित है , चर्चाओं के मुताबिक यह यात्रा दतिया पीताम्बरा पीठ से अगस्त के आखरी हफ्ते में शुरू होगी और सितम्बर के महीने में चम्बल से गुजरेगी जिसमें हर जिले में  8 या 10 से 12 या 13 दिन यात्रा भ्रमण करेगी इसके साथ ही दो या तीन दिन का रात्रि कालीन विश्राम भी  नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल हर जिले में करेंगें जिसमें छोटी तहसील या कस्बे में भी रात्रि विश्राम शामिल है । इसी यात्रा के इरम्यान कुछ युवा व प्रभावशाली लोग कांग्रेस में जुड़ेंगें और उसके बाद कांग्रेस में सक्रिय व सशक्त सक्षम प्रभावी लोगों को कांग्रेस पदाधिकारियों में स्थान व तरजीह दी जायेगी । उल्लेखनीय है कि चम्बल में वर्तमान कांग्रेस पदाधिकारियों के क्रियाकलापों व क्रियाशीलता से कांग्रेस आलाकमान संतुष्ट नहीं हैं वहीं कांग्रेस पदाधिकारियों के भाजपा से सांठगांठ एवं बिके होने के आरोप मुखर होकर दिल्ली तक पहुँच चुके हैं ।
हाल ही में भोपाल में घटित रश्मि पंवार एवं भिण्ड विधायक राकेश चतुर्वेदी व कल्पना पारूलेकर कांड व एपिसोड को लेकर भी कांग्रेस आलाकमान व राहुल गांधी टीम में भारी नाराजगी है । आने वाले वक्त इन कांडों व एपिसोड के हानि लाभ का प्रभाव भी कांग्रेस में होने वाले आगामी फेर बदल पर व्यापक रूप से पड़ेगा । रश्मि पंवार को पुरूस्कृत करने व राकेश चौधरी व कल्पना पारूलेकर का नुकसान उठाना लगभग तय है । 
अगले अंक में जारी .....

बुधवार, 8 अगस्त 2012

Non breaking Power cut at Morena since last two days continued. BJP & Shivraj both are now means of enjoy on Facebook.

बिजली कटौती को लेकर बीजेपी और शिवराज की फेसबुक पर उडी जमकर खिल्ली
मुरैना 8 अगस्त 2012, इससे पूर्व यह समाचार 30 जुलाई 2012, 21 फरवरी 2011, 18 अक्टूबर, 15 अक्टूबर, 14 अक्टूबर, 1 अक्टूबर 23 सितम्बर , 20 सितम्बर एवं 8 एवं 6 सितम्बर (को प्रकाशित ) , 18 अगस्त से पॉवर शट डाउन से लगातार पल पल अंधकार में डूबा चम्बल संभाग का संभागीय मुख्यालय शहर मुरैना में 18 अगस्त 2010 सुबह 6 बजे से गुल बिजली आज 2 साल बाद भी बिजली सप्लाई सुचारू रूप से चालू नहीं हो सकी है । खबर लिखे और प्रकाशित किये जाने के वक्त तक समूचे शहर में कल रात 2 बजे से लगातार पावर शट डाउन चल रहा है । बिजलीघर शिकायत का तथा अधिकारीयों के फोन इस दरम्यान बंद थे । जे.ई.सिद्दिकी का कहना था कि उसके यहाँ शिकायत दर्ज कराने की कोई व्यवस्था नहीं है तथा शिकायतें सुनना या उन्हें हल करना उसकी ड्यूटी में नहीं आता वह भोपाल मँत्रालय में पैसे देकर आता है आखिर कहीं से तो निकालेगा यह पैसे (यह वार्ता 6 सितम्बर 2010 को रात साढे बारह बजे के बाद की गयी ) । इसके अलावा सिद्दिकी का कहना था कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड सकता वह सीधे मंत्री को पैसा देकर आता है ।