सोमवार, 7 दिसंबर 2009

ध्वनि प्रदूषण से लोग परेशान - सरेआम आचार सहिता का उल्लंघन - दैनिक मध्‍यराज्‍य

ध्वनि प्रदूषण से लोग परेशान - सरेआम आचार सहिता का उल्लंघन

मुरैना..नगरीनिकाय चुनाव के चलते शहर में उम्मीदवारों ने अपने अपने पक्ष में ध्वनिविस्तारक यंत्रों का प्रयोग कर शहर में ध्वनिप्रदूषण में वृद्धि करदी है। इस कारण शहर के नागरिकों को परस्पर बातचीत करने में भी मुश्किल आ रही है। ध्वनिविस्तारक यंत्रों की पूरी रेंज खुली होने से लोगो के सुनने की शक्ति प्रभावित हो रही है। चुनाव प्रचार के शोर में लोग अपने काम काज की बात करने में भी दिक्कत महशूस कर रहे है। चुनाव प्रचार में लगे नगरीय निकाय के अध्यक्ष व पार्षद एक दूसरे बढ़चढ़कर अपने अपने प्रचार को साबित करने की होड़ में चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित चुनावी खर्च की सीमा को भी लांघ रहे है। अभी पांच दिन चुनाव प्रचार किया जाना शेष है। लेकिन अभी चुनाव खर्चे की निगरानी की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। चुनाव प्रचार से अत्यधिक शोर न हो और ध्वनि विस्तारक यंत्र को हलकी आवाज में बजाया जाये। तो लोग परस्पर अपने काम काज भी निपटासकते है और ध्वनि प्रदूषण से राहत पा सकते है। एक ओर जहॉ ध्वनिविस्तारक यंत्रों की खुली पूरी रेंज से लोग परेशान हो रहे है। वही दूसरी और उनके भवनों का विरूपण हो रहा है। नागरिक संपत्ति विरूपण अधिनियम की प्रत्याशियों द्वारा धाीयॉ उढ़ाई जा रही है। बिना किसी भवन स्वामी की अनुमती के, प्रत्याशियों द्वारा शहरी नागरिकों के भवनों पर बैनर तथा झण्डे टॉगे जा रहे है। एवं दिवालों पर पोस्टर व पैम्पलेट चिपकायें जाकर दिवाली पर पुताई गयी दिवालों को बिगाढ़ा जा रहा है। प्रत्याशियों की यह कार्यवाही आदर्श  आचार सहिता का खुल्ला उल्लंघन तो ही है साथ ही साथ शहरी नागरिको कों परेशानी पैदाकरना भी है। प्रत्याशियों के समर्थक बलपूर्वक समूह के साथ ऐसी कार्यवाहीयॉ करते देखे जा सकते है। भवन स्वामी किसी प्रकार का झगड़ा ना हो यह सोच कर मन मसोस कर चुप रह जाते है कही कही आपसी विवाद भी होता देखा जा सकता है। किन्तु प्रत्याशीगण अपने चुनाव प्रचार में मद मस्त है, उन्हें आदर्श आचार सहिता के उल्लंघन होने का कोई भान नहीं है। उनके ऐसे आचरण से कभी भी किसी भवन स्वामी के साथ झगड़े की स्थिति निर्मित हो सकती है।

 

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