सोमवार, 7 दिसंबर 2009

राजनैतिक दलों के बागी प्रत्याशी किसी भी कानून को मानने तैयार नही - दैनिक मध्‍यराज्‍य

राजनैतिक दलों के बागी प्रत्याशी किसी भी कानून को मानने तैयार नही

मुरैना.कांग्रेस भाजपा व बसपा के बागी प्रत्याशी राज्यनिर्वाचन आयोग एवं अपने अपने दलों के किसी भी कानून को मानने तैयार नहीं हैं राज्य निर्वाचन आयोग के कानून अनुसार नाम बापसी के दिन तीन बजे तक राजनैतिक दलों की जिला इकाई के प्राधिकृत पदाधिकारी प्रारूप 8  में  जिस प्रत्याशी का नाम निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। वह प्रत्याशी उस राजनैतिक दल का अधिकृत प्रत्याशी कहलायेगा। किन्तु बागी प्रत्याशी निर्वाचन आयोग के इस कानून को मानने को तैयार नहीं है। और अनाधिकृत के रूप मैदान में डटे हुये है। और जन सामान्य में अपने आप को अधिकृत प्रत्याशी बता रहे है। पार्टीयों ने उनके ऐसे आचरण के लिये अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की चेतावनी भी दी है किन्तु इस चेतावनी का भी उनके ऊपर कोई असर नहीं है इससे यह स्पष्ट होता है कि ये बागी प्रत्याशी शासन या पार्टी किसी के भी कानून को कोई मान्यता या सम्मान नही देते है। और अपने निजी स्वार्थ की सोच को ही सहीं ठहराते हुये उसे ही कानून बताते है। सर्वाधिक आश्चर्य श्री जिनेश जैन महामंत्री जिला कांग्रेस कमेटी मुरैना द्वारा दिनांक 3.12.09 को आयोजित प्रेस वार्ता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री सुरेशपचौरी द्वारा दिनांक 2.12.09 को उनकी पत्नी श्रीमती अंजली जैन को लिखा गया पत्र है जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की निजी सोच को कानून ठहराने का प्रयास मात्र है क्यों कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इस सत्य से भलीभॉति परिचित है कि नगरीय निकाय के चुनावों में जिला इकाई के प्राधिकृत पदाधिकारी ही दल के अधिकृत प्रत्याशी की सूची जारी करने हेतु संक्षम है ना की प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष । फिर उन्होंने नाम वापसी की तिथि समाप्त होने के दो दिन बाद श्रीमती अंजली जैन को कांग्रेस का अधिकृत प्रत्याशी होने का पत्र लिखना पूरी तरह आयोग के कानूनों की अनदेखी करना है तथा पार्टी का भी ऐसा कोई कानून नही है कि निर्धारित समय के पश्चात कोई भी पदाधिकारी किसी अन्य को अधिकृत प्रत्याशी ठहराने की कार्यवाहीं करे, इससे यह स्पष्ट है कि वर्तमान में राजनैतिक दल दल के पदाधिकारी एवं दलों के बागी प्रत्याशी निर्वाचन आयोग या पार्टी किसी के कानून को मानने के लिये कतई तैयार नहीं है केवल अपने निजी  स्वार्थ बश अपनी अपनी मनमानी करने में जुटे हुये है और आम मतदाता को भ्रमित कर रहे है।

 

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