सोमवार, 5 मई 2008

गाँव की बेटी योजना में निजी कॉलेजों में प्रवेश पर भी राशि मिलेगी

गाँव की बेटी योजना में निजी कॉलेजों में प्रवेश पर भी राशि मिलेगी

भोपाल : तीन मई, 2008

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गाँव की बेटी योजना में अब निजी कॉलेज में प्रवेश लेने पर भी सरकार पांच हजार रुपये देगी। झाबुआ में महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री कुसुमसिंह महदेले, आदिम जाति कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती रंजना बघेल भी उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक महिलाएं सशक्त नहीं होंगी तब तक प्रदेश आगे नहीं बढ़ेगा, इसलिये राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के लिये अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटी के पैदा होते ही उसके लिये लाड़ली लक्ष्मी योजना है। उसको स्कूल जाने के लिये सरकार साइकिल देती है। अब शासन द्वारा साइकिल खरीदने के लिये लड़कियों को सीधे दो हजार रुपये की राशि दी जायेगी।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही स्कूलों में गणवेश के लिये दी जाने वाली राशि 90 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये कर दी गयी है। गाँव की बैटी योजना में अब लड़कियों को प्रायवेट कॉलेजों में प्रवेश पर भी पांच हजार रुपये सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में संचालित जननी सुरक्षा एवं जननी एक्सप्रेस योजना से महिला प्रसव पर राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं से प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी हुई है। इसी तरह मुख्यमंत्री सुरक्षा योजना के माध्यम से मजदूर महिला को प्रसव होने पर 45 दिन की मुफ्त मजदूरी राशि दी जाती है वहीं उसके पति को भी 15 दिवस की मुफ्त मजदूरी मिल रही है। सरकार ने इससे भी आगे बढ़कर प्रसव होने पर महिला के लिये एक हजार रुपये मातृत्व भत्ता देने का प्रावधान कर दिया है।

वनों में तेंदूपत्ता तुड़ाई में भी अधिकतर कार्य महिलाओं द्वारा किया जाता है इसलिये सरकार ने यहां भी ध्यान देते हुए अब प्रति सौ गड्डी राशि बढ़ाकर 550 रुपये देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि झाबुआ जिले में महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी है। उन्होंने कहा कि सरकार झाबुआ के लड़कों के लिये भी योजना बनायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं के विकास के लिये किसी भी क्षेत्र को सरकार द्वारा अछूता नहीं रखा गया है। अब स्थानीय निकायों के निर्वाचन में 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिये आरक्षित कर दिये गये हैं। संविदा शिक्षक के पदों पर भर्ती में भी 50 प्रतिशत पद महिलाओं से भरे जायेंगे, वहीं पुलिस में भी 10 प्रतिशत पदों पर महिलाओं की भर्ती की जायेगी। इसके साथ महिलाओं के लिये रानी दुर्गावती बटालियन शुरू की गयी है। पुलिस थानों में महिला डेस्क भी रहेंगी। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने झाबुआ जिले की उत्कृष्ट महिला प्रतिभाओं को सम्मानित किया। उन्होंने जिले की गांव की बेटियों से भी भेंट की।

इस अवसर पर महिला बाल विकास मंत्री सुश्री कुसुम सिंह महदेले ने कहा कि प्रदेश सरकार के महिला उत्थान प्रयासों का नतीजा है कि अब राज्य की महिलाएं सिर्फ चूल्हा चक्की तक सीमित नहीं रही हैं बल्कि विकास के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़कर तरक्की के नये आयामों को स्पर्श कर रही हैं और विकास में बराबर की भागीदार बनी हैं।

आदिम जाति कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती रंजना बघेल ने कहा कि शासन के प्रयासों से आज प्रदेश में महिलाओं का सम्मान बढ़ रहा है, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने झाबुआ नगरपालिका को विकास कार्यों के लिये 50 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने झाबुआ स्थित शासकीय कन्या महाविद्यालय में विज्ञान संकाय की कक्षाएं प्रारंभ करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने झाबुआ में 38 लाख 52 हजार रुपये लागत से निर्मित किये जाने वाले चार सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण कार्यों, 10 लाख 40 हजार रुपये लागत के फायर स्टेशन निर्माण तथा 10 लाख 87 हजार रुपये लागत के यात्री प्रतीक्षालय निर्माण कार्य का भूमिपूजन भी किया।

 

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