सोमवार, 5 मई 2008

प्रदेश के श्रमिकों के लिये न्यूनतम वेतन दरों का पुनर्निर्धारण विभिन्न 33 नियोजनों में कार्यरत श्रमिक लाभान्वित होंगे

प्रदेश के श्रमिकों के लिये न्यूनतम वेतन दरों का पुनर्निर्धारण विभिन्न 33 नियोजनों में कार्यरत श्रमिक लाभान्वित होंगे

भोपाल : तीन मई, 2008

राज्य शासन द्वारा प्रदेश के श्रमिकों के लिये न्यूनतम वेतन दरों का निर्धारण किया गया है। शासन ने विभिन्न प्रकार के 33 नियोजनों में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिये न्यूनतम वेतन दरें तय की हैं। अब अकुशल श्रमिकों 3070 रूपए मासिक तथा 118 रूपए दैनिक, अर्ध्दकुशल श्रमिक को 3200 रूपए मासिक तथा 123 रूपए दैनिक और कुशल श्रमिक को 3350 रूपए मासिक तथा 129 रूपए दैनिक न्यूनतम वेतन प्राप्त होगा। विभिन्न प्रकार के 33 नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों/कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन दरें वर्ष 1997 के बाद पुनर्निर्धारित हुई हैं।

राज्य शासन द्वारा इसी प्रकार कृषि कार्य करने वाले श्रमिकों की मजदूरी का भी पुनर्निर्धारण किया गया है। दैनिक मजदूरी में 16 रूपये की बढ़ोतरी की गई है। अब इन्हें 85 रूपये दैनिक मजदूरी प्राप्त होगी। कृषि श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी वर्ष 1989 के बाद अब पुनर्निधारित हुई है।

निजी शैक्षणिक संस्थानों और निजी चिकित्सालयों/पैथालाजी लेब आदि चिकित्सा संस्थानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों के लिये अभी तक न्यूनतम वेतन की दरें निर्धारित नहीं थीं। सरकार ने पहली बार इन दोनों नियोजनों के लिये भी न्यूनतम वेतन की दरों का निर्धारण किया है।

राज्य शासन द्वारा इन नियोजनों में नियोजित श्रमिकों/कर्मचारियों के वर्गों के लिये न्यूनतम वेतन दरों के साथ परिवर्तनशील मंहगाई भत्ते की दरों का भी पुनर्निर्धारण किया गया है। यह दरें इस अधिसूचना के प्रकाशित होने की तिथि (30 अप्रैल 2008) से प्रभावशील होंगी।

निर्धारित वेतन दर लेबर ब्यूरो शिमला द्वारा निर्मित औद्योगिक श्रमिकों के लिये अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 28 जनवरी, 2007 से जून 2007 के आधार आंकड़ों के औसत के पर आधारित है। इस सूचकांक 128 के ऊपर प्रति 6 माह में जो औसत वृध्दि होगी, उसी अनुपात में वेतन दरों में वृध्दि एक अप्रैल अथवा एक अक्टूबर जैसी की स्थिति हो, प्रति बिन्दू प्रतिमाह 10 रूपये के हिसाब से की जायेगी। वेतन दरों में हुई यह वृध्दि परिवर्तनशील महंगाई भत्ता होगी। परिवर्तनशील महंगाई भत्ते में वृध्दि की गणना की घोषणा सक्षम प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर की जायेगी।

विभिन्न नियोजनों में जिनमें नियोजित श्रमिकों/कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन दरों पुनर्निर्धारित की गई हैं, वे इस प्रकार हैं:- कपास जिनिंग एवं प्रेसिंग कारखाने, वन लगाने तथा वन उपज में नियोजन, मार्गों के निर्माण तथा अनुरक्षण या भवन निर्माण कार्य, लोक मोटर परिवहन, इंजीनियरिंग उद्योग, सिंचाई कार्यों के निर्माण तथा संधारण कार्य, केमिकल्स तथा फार्मास्युटिकल्स में नियोजन, आरा मिल, तेल मिल, चावल मिल, आटा मिल, दाल मिल, मुर्रापोहा निर्माणी में नियोजन, खाद्य पदार्थ (जिसमें केक्स, बिस्किटस, कन्फेक्शनरी, आईस्क्रीम, आईसकेंडी सम्मिलित है) एवं पेय का निर्माण, पत्थर तोड़ने या पत्थर पीसने के कार्य, दुकान, वाणिज्यिक संस्थान, आवासीय होटल, रेस्टोरेंट तथा नाटय गृह, मुद्रणालय, सीमेंट पोल अथवा सीमेंट से निर्मित उत्पादन में नियोजन, प्लास्टिक उद्योग, फ्यूएल कोक में नियोजन, चूना भट्टा, ईंट भट्टा, पावरलूम उद्योग जिसमें सायजिंग एवं प्रोसेसिंग भी सम्मिलित है, स्थानीय प्राधिकरण में नियोजन, कोसा उद्योग, खांडसारी उद्योग, पाटरिज जिसमें रिफैक्ट्री समान फायरब्रिक्स सेनेटरी वेअर्स इन्सूलेटर्स, टाईल्स, (सीमेंट से निर्मित टाईल्स को छोड़कर) स्टोन वेअर्स पाईप्स, फरनेस लाइनिंग, ब्रिक्स तथा अन्य सिरेमिक्स समान सम्मिलित है, कंबल निर्माण कार्य, स्लेट पेंसिल निर्माण शाला, कत्था उद्योग, रामरज या गेरू का निर्माण, हाथकरघा उद्योग, बोन मिल, टाईल्स जिसमें मेंगलोर टाईल्स अलाहाबाद टाईल्स तथा अन्य स्थानीय नाम से प्रचलित टाईल्स सम्मिलित है परन्तु सीमेंट से निर्मित टाईल्स सम्मिलित नहीं है, के निर्माण और कारखाना अधिनियम में परिभाषित अन्य विनिर्माणी प्रक्रियाओं में नियोजन।

वर्ष 1997 में निर्धारित न्यूनतम वेतन दरों के पुनरीक्षण के प्रस्ताव के संबंध में इस वर्ष जनवरी में सुझाव आमंत्रित किये गये थे। इस संबंध में प्राप्त सुझावों पर विचार करने और मध्यप्रदेश न्यूनतम वेतन सलाहकार परिषद से परामर्श करने के बाद राज्य शासन द्वारा इन दरों को पुनरीक्षित करने की अधिसूचना मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में 30 अप्रैल, 2008 को प्रकाशित की गई हैं।

 

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