सोमवार, 8 जून 2009

चम्बल बस हादसे के बाद जागा परिवहन महकमा -परिवहन विभाग ने बसों के परिमिट की जांच शुरू की (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

चम्बल बस हादसे के बाद जागा परिवहन महकमा -परिवहन विभाग ने बसों के परिमिट की जांच शुरू की

हमें खेद है मुरैना में भारी बिजली कटौती के कारण इस समाचार के प्रकाशन में विलम्‍ब हुआ

मुरैना-चम्बल राजघाट के पुल से जनवेद ट्रेवल्स बस हादसे के बाद परिवहन विभाग की कुंम्भकरणी नींद अब टुट गयी है। उक्त बस हादसे में 35 यात्री असमय काल कलवित हो गये थे। बस हादसे के बाद जब जानकारी ली गयी तब पता लगा की उक्त  बस मुरैना से धौलपुर के लिये बगैर परमिट के ही चलती आ रही थी। जो परिवहन विभाग लापरवाही एवं चैक पोस्टो पर तैनात कर्मचारी अधिकारियों की लापरवाही को  उजागर करती है। जो यह साबित करती है कि किस प्रकार से प्राइवेट वाहन ओपरेटर परिवहन विभाग को चूना लगा ते है। जानकारी के मुताबिक उक्त बस  प्रतिदिन मुरैना धौलपुर के कई चक्कर लगाती थी। लेकिन उसके परमिट को लेकर परिवहन विभाग ने कभी जांच नही की। और बगैर परमिट के बस संचालित हो रही। अगर चम्बल राजघाट पुल पर उक्त बस के साथ हादसा घटित नहीं होता तो अब भी परिवहन विभाग से जुडे कर्मचारियों की लापरवाही उजागर नही हो पाती। यह मामला सीधा-सीधा भ्रष्ट्राचार की चुगली करता प्रतीत होता है। खैर चम्बल बस हादसे में परिवहन विभाग को अपनी कमियों पर निगाह डालने के लिये जगादिया है। और आरटीओं ने बस स्टेण्ड पर जाकर बसों को चैक करना शुरू कर दिया है। जिससे डग्गा मार वाहन चालकों ने अपने बगैर परमिट बाहनो को बस स्टेण्ड से हटना शुरू कर दिया है।

इन डग्गा मार वाहनों की निरंतर चैकिंग चलती रहे। तो राजस्व की हानि भी रोकी जा सकती है एवं चम्बल बस हादसों जैसी दुर्घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलसकती है।

 

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