गुरुवार, 16 जुलाई 2009

मुरैना में शातिर चोरों और लुटेरो के कई गिरोह पुलिस ने दबोचे

मुरैना में शातिर चोरों और लुटेरो के कई गिरोह पुलिस ने दबोचे

 

हमें खेद है मुरैना में भारी बिजली कटौती के कारण इस समाचार के प्रकाशन में विलम्ब हुआ

·                     माल मशरूका बरामद, कबूली वारदातें, खुलेंगें और कई मामले

·                     प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स, भारत जनरल स्टोर्स, जिला न्यायालय के न्यायाधीश की चोरीयों का खुलासा

·                     चेन स्नेचिंग के मामले भी खुले, माल बरामद

·                     पुरूस्कृत किये जायेंगें पुलिस कर्मी व अधिकारी

·                     सेट टॉप बाक्स, कैमरे, क्म्प्यूटर एल.सी.डी.मानीटर, भारी संख्या में बहुमूल्य कैमरों सहित भारी आभूषण और माल मशरूका पकड़ा

 

मुरैना 15/16 जुलाई 09, शहर में पिछले कुछ महीनों से सीरियल शैली में हो रही चोरी की वारदातों का खुलासा करते, मय बरामद माल मशरूका सिटी कोतवाली पुलिस और नगर पुलिस अधीक्षक की टीम ने आज दो बड़े चोर लुटेरों के गिरोह के सदस्यों को दबोच लिया !

पुलिस कण्ट्रोल रूम पर आयोजित पत्रकार वार्ता में चम्बल पुलिस महा निरीक्षक श्री एस.के. झा ने मुरैना पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह, भिण्ड पुलिस अधीक्षक डॉ.राजेन्द्र प्रसाद, मुरैना सी.एस.पी. श्री अमृत मीणा, मुरैना सिटी कोतवाली टी.आई. श्री प्रवीण अष्ठाना और उनकी पुलिस टीम की उपस्थिति में विगत कुछ समय से शहर में लगातार हो रही दोहरी तिहरी चोरीयों और चेन स्नेचिंग की वारदातों का पर्दाफाश करते हुये बरामद किये गये माल मशरूका समेत पकड़े गये गिरोह के सदस्यों को पत्रकारों से रूबरू कराते हुये बताया कि शहर मुरैना में पिछले कुछ दिनों से लगातार सीरियल चोरीयाँ हो रहीं थीं जिसमें कई चोरीयॉ ंतो दोहरी तिहरी थीं और चोर बार बार उसी जगह को पखवाड़े भर के भीतर टारगेट कर रहे थे जहाँ पहले चोरी हो जाती थी ! तथा अधिकांश ऐसी घटनायें नगर के हृदय स्थल सदर बाजार में व्यापारीयों के प्रतिष्ठानों में घटित हो रहीं थीं जिस पर व्यापारीयों में भी आक्रोश व्याप्त हो गया था ! पुलिस ने इन वारदातों को चुनौती के रूप में ग्रहण किया और गिरोह को मय माल मशरूका गिरफ्तार करने का निश्चय किया, जिस पर पुलिस के अथक परिश्रम और सूझ बूझ से सीरियल वारदाती चोर न केवल पुलिस के हाथ लग गये बल्कि काफी माल भी बरामद हो गया उम्मीद है कि इनसे और भी कई वारदातों पर से पर्दा हटेगा !

मुरैना पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह ने सारे मामले पर प्रकाश डालते हुये विस्तृत ब्यौरा पत्रकारों को देते हुये बताया कि विगत दिनांक 1 जून 2006 को रात्रि में अज्ञात बदमाशों ने शहर के हनुमान चौराहे पर स्थित प्रकाश स्टूडियो से पीछे की दीवाल में नकब लगाकर 24 कैमरे चोरी कर लिये थे जिस पर फरियादी प्रमोद कुमार की रिपोर्ट पर थाना सिटी कोतवाली मुरैना में अपराध क्रमांक 576/06 धारा 457, 380 आई.पी.सी. कायम कर विवेचना में लिया गया किन्तु माल मुलजिम पता नहीं लगने से दिसम्बर 2006 में प्रकरण में खात्मा कता किया गया ! इसके बाद विगत माह दिनांक 25 जून 2009 को रात्रि में अज्ञात बदमाशों ने प्रकाश इलेैक्ट्रॉनिक्स से ही दूकान के पीछे गंदी गली के सहारे पीछे से छत पर चढ़ कर दरवाजा तोड़ कर डी.वी.डी. प्लेयर्स, हाथघड़ी, सिम, रिचार्ज व्हाउचर्स, नकदी आदि सामान चोरी कर लिया था, इस मामले को फरियादी रामप्रकाश माहेश्वरी की रिपोर्ट से अपराध संख्या 482/09 धारा 457, 380 आई.पी.सी. कायम कर विवेचना में लिया गया, लेकिन दिनांक 10 जुलाई 09 को पुन: प्रकाश स्टूडियो एवं प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स में की दुकान में छत के सहारे घुस कर पिछला दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश कर कम्प्यूटर, कैमरा एवं नकदी चोरी कर ली थी जिस पर फरियादी मोहित माहेश्वरी की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में अपराध संख्या 537/09 धारा 457, 380 आई.पी.सी. कायम कर विवेचना में लिया गया !

एक ही दूकान में लगातार दोहरी तिहरी चोरी होने से शहर के व्यापारीयों में आक्रोश फैल गया था और पुलिस अधीक्षक मुरैना संतोष सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन दिया एवं 14 जुलाई को मुरैना का बाजार बन्द करवाने की चेतावनी दी गयी ! जिस पर पुलिस ने तीन दिन का समय व्यापारीयों से चोरीयाँ ट्रेस करने हेतु मांगा !

पुलिस ने मामले की चुनौती स्वीकारते हुये नगर पुलिस अधीक्षक श्री अमृत मीणा के नेतृत्व में एक त्वरित कार्यवाही टीम गठित की गयी जिसमें थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक श्री प्रवीण अष्ठाना, उप निरीक्षक श्री प्रवीण चौहान, प्रधान आरक्षकगण श्री रामसेवक, श्री इन्द्रदेव पाण्डे, लोकेन्द्र, सर्वेश, एवं विश्वनाथ को शामिल किया गया !

पुलिस के अथक परिश्रम व दिन रात की दौड़धूप एवं सूझ बूझ सक्रिय व सतर्क मुखबिर तंत्र के सहारे न केवल हालिया वारदातों को ट्रेस कर लिया बल्कि 3 साल पहले हुयी अनसुलझीं वारदातों का भी पर्दाफाश कर दिया !

वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश राणाप्रताप पुत्र गंभीरा बाल्मीक, सोनू उर्फ मिटटू पुत्र वीरेन्द्र बाल्मीक, सुभाष पुत्र सरमन धोबी, मनोज जैन पुत्र भगवानदास सभी निवासी मुरैना को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी किया गया सम्पूर्ण माल बरामद कर लिया गया है इस मामले में अन्य आरोपी रामअवतार पुत्र सरमन धोबी अभी फरार है जिसकी गिरफ्तार के प्रयास जारी हैं !

इन बदमाशों द्वारा तीन साल पहले जो कैमरे चोरी किये गये थे उन्हें रामेश्वर राठौर निवासी इस्लामपुरा को बेच दिये थे पुलिस ने चोरी का मशरूका क्रय करने के मामले में रामेश्वर राठौर को भी गिरफ्तार कर लिया है ! पुलिस अभी अन्य मामलों में भी बदमाशों से पूछताछ कर रही है !

मई जून माह में ही भारत जनरल स्टोर्स से लगातार दो बार चोरी की घटनायें होने पर जिसमें 25 हजार रू. का कास्मेटिक सामान चोरी किया गया था पुलिस ने पहले ही प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स की चोरी में पकड़े गये मुख्य आरोपी राणाप्रताप मेहतर का भाई डिस्को पुत्र गंभीरा मेहतर, चचेरा भाई दिनेश पुत्र अल्ली मेहतर एवं गब्बर पुत्र बाबू मेहतर शामिल थे को पकड़ लिया था जो कि इस वक्त जेल में हैं ! पुलिस द्वारा उनके कब्जे से चोरी का माल पहले ही बरामद कर लिया था !

पुलिस अधीक्षक मुरैना ने हनुमान चौराहा परिसर में हुयी उपरोक्त वारदातों को सफलता पूर्वक दस्तयाब करने वाली टीम में शामिल सभी लोगों को पुरूस्कृत करने की घोषणा की है !

प्रकाश इलेक्ट्रानिक्स व स्टूडियो के मालिकों ने संतोष और खुशी जताई, माल मशरूका की पुष्टि

पत्रकारों के समक्ष तिहरी चोरी की वारदात झेलने वाले प्रकाश स्टूडियो और प्रकाश इलेक्ट्रानिक्स के मालिकों ने पुलिस द्वारा बरामद किये गये अपना माल पहचानते हुये पुष्टि की कि हाँ यह बरामद माल मशरूका एकदम सही है और हमारा ही है, उनका कहना था कि हमें संदेह था कि कहीं पुलिस ने अपनी ओर से माल रख कर नकली बरामदगी तो नहीं दिखा दी, लेकिन साा बरामद माल चेक करने के उपरान्त उन्होंने कहा कि माल सही है और उनका ही है, पुलिस ने वाकई करिश्मा कर दिखाया है , वे हतप्रभ थे कि क्या वाकई वास्तविक चोर पुलिस ने पकड़ लिये हैं , उन्होंने पत्रकारों के समक्ष ही बदमाशों के सरगना राणाप्रताप मेहतर से कुछ बारीक पूछताछ की और गोपनीय जानकारीयां अपनी दूकान के बारे में पूछीं जिसके उत्तर बदमाश सरगना राणा प्रताप ने पत्रकारों के सामने ही धड़ाधड़ सत्यनारायण की कथा की तरह सुना डाले जिसे सुनकर दूकानों के मालिक भौंचक्क रह गये और बोले चोर भी सही पकड़े गये हैं इसने जो भी बताया वही सच है ओर यह हैरत अंगेज है कि दूकान की कुछ बारीक कमजोरीयां जो सिर्फ हमें ज्ञात थीं वह सब इसे बहुत अच्छी तरह मालुम थीं और दूकान के हर गोपनीय राज को यह जानता था व पूरे प्रतिष्ठान के नक्शे से भली भांति परिचित था !

बदमाश सरगना ने उगला चोरी का किस्सा

बदमाश सरगना राणाप्रताप ने पत्रकारों व दूकानों के मालिक द्वारा दुबके व जिज्ञासायुक्त सवालों के जवाब में बताया कि प्रकाश इलेक्ट्रानिक्स एवं स्टूडियो में तीनों बार चोरी की वारदात उसी ने अपने साथियों के साथ की थी ! वारदात के बारे में जाकारी देते हुये उसने बताया कि पहले चोरी सफलता पूर्वक करने के बाद दूसरी चोरी भी उसने सफलतापूर्वक कर डाली और उसे कुछ खास प्रयास नहीं करना पड़े , लेकिन तीसरी बार की चोरी उसने बड़े इत्मीनान और बेधड़क होकर की, वह रात 12 बजे दूकान की छत पर चढ़ा जहाँ पहले से ही छत पर लोहे के एंगल व खण्डे पत्थर आदि पड़े हुये थे, उसने खण्डा पत्थर पटक कर छत की पटिया तोड़ी, फिर सीढियां तोड़कर आसानी से दूकान में दाखिल हो गया, नीचे पहुँच कर उसने केवल एक बटन दबाया और पूरे स्टूडियो की लाइट जल गयी, फिर मजे से स्टूडियो मे ंजम कर माल मशरूका बटोरी , दूकान मालिक द्वारा यह पूछे जाने पर कि दराजें कैसे उसने खोलीं, तो उसने बताया कि लोहे की एंगल्स और पत्तियों के सहारे उसने दराजें खोल कर नकदी बटोरी, उसके बाद स्टूडियो से वह इलेक्ट्रानिक्स के शॉप में प्रवेश कर गया तो दूकान मालिक ने पूछा कि कैसे इस प्रकार उसने दूसरी तरफ प्रवेश किया क्योंकि दूकान मालिक के अनुसार बीच में मजबूत दरवाजा था जो कि पुख्ता तौर पर दूसरी साइड से लॉक था , तब बदमाश सरगना ने बड़ी आसानी से कहा कि वह बहुत सरलता से बीच के दरवाजे के एक कोने को जो कि हल्का सा उखड़ा हुआ था खींच कर फाड़ कर पूरे दरवाजे को खींच दिया जिससे वह टेढ़ा होकर एक तरफ झुक गया और पूरा बेहतर रास्ता बन गया तथा इलेक्ट्रानिक्स के शो रूम कम शॉप में प्रवेश कर गया फिर वहाँ से उसने क्म्प्यूटर, एल.सी.डी. मानिटर सहित, कई बेशकीमती चीजें और नकदी उड़ाई ! दूकानदार द्वारा यह पूछे जाने पर कि इलेक्ट्रानिक्स शॉप की लाइट उसने कैसे जलाई बदमाश सरगना ने कहा कि नहीं वहाँ लाइट नहीं जलाई वहाँ तो उसने मोमबत्ती जला कर सारा काम तमाम किया, पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि कितनी देर तक तुम दूकान के भीतर रहे और यह सारा काण्ड करते रहे बदमाश सरगना ने बताया कि रात 12 बजे से करीब सुबह साढ़े तीन - पौने चार बजे तक वह दूकानों के भीतर रहकर अपने वारदाती कामों को निर्भीक व निश्चिंत होकर अंजाम देता रहा और बेखौफ होकर अपना काम करता रहा ! पत्रकारों ने जब पूछा कि इतना सामान कैसे वह लाद कर अपने साथ ले गया तो बदमाश सरगना ने बताया कि वह सारे सामान को उसी दूकान में पड़े बड़े कागज के कार्टून में बन्द कर आसानी से छत के सहारे ही उतार कर नीचे गन्दी गली में ले आया और उसे वहीं छोड़ दिया तथा बाहर आकर चालू बाजार और पुलिस की हरकत व निगहबानी भांपने यूं ही बाहर निकल कर सड़कों पर स्टेशन रोड से होते हुये सामान उठा कर ले जाने के लिये मौका तलाश करता रहा, लेकिन रास्ते में पुलिस से उसका सामना हो गया पुलिस वालों ने उससे पूछताछ भी की लेकिन उसके पास कोई सामान मशरूका न होने से पुलिस ने उसे तमाचे मार कर डॉट फटकार कर भगा दिया, और वह डर गया और स्टेशन होते हुये घर जाकर अपने गिरोह के साथियों से मिल कर माल का पता दिया, जिस पर उसके गिरोह के साथी खुला सबेरा होने से पहले ही कार्टून बन्द माल का डिब्बा उठा लाये ! बाद में पुलिस ने पतारसी के जरिये उसे पकड़ लिया ! उसने खुल कर पत्रकारों के सामने सारी सच्चाई एक कथा की मानिन्द धड़ाधड़ धाराप्रवाह सुना दी और चोरी ही नहीं बल्कि चोरीयां स्वीकार करीं ! अचानक और अजीबो गरीब प्रश्नों के उत्तर भी उसने बड़े आसानी से दे डाले जिससे सभी का समाधान हो गया कि यही वास्तविक चोर हैं ! संभावना जताई जा रही है कि इस गिरोह से और भी कई मामलों का खुलासा होगा !      

 

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