मुख्यमंत्री द्वारा प्रशासनिक कसावट लाने जन संवाद के माध्यम से पहल
आलेख - जी.के.द्विवेदी , सूचना सहायक शहडोल
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शहडोल / प्रदेश के मुखिया द्वारा प्रशासनिक कसावट लाने के उद्देश्य से जन संवाद कार्यक्रम की शुरूआत की गई है । इस कार्यक्रम की बिशेषता यह है कि वे किसी भी गांव में आकस्मिक रूप से पंहुचकर सीधे जनता से संवाद स्थापित करते है तथा उनके दुख: दर्दो की जानकारी प्राप्त कर प्रशासन के माध्यम से निराकरण कराते हैं। गत दिनों 2 दिवसीय शहडोल जिले के प्रवास के दौरान उन्होंने जैसिंहनगर से जन संवाद कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जैसिंहनगर , ग्राम खांड़ ,लालपुर एवं सेमरा ग्रामों में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन का औचक निरीक्षण किया जिसकी जानकारी न तो प्रशासन को थी और न ही आम जनता को ।
यात्रा के अन्तिम पड़ाव में जिला मुख्यालय से 18 कि.मी. दूर बैगा आदिवासी बहुल ग्राम सेमरा में खुले आसमान के नीचे ग्राम पंचायत भवन के प्रांगण में ग्रामीण परिवेश में रात्रि बिश्राम किया । उनकी इस सहजता और सरलता से ग्रामीणजन अभिभूत थें । ग्रामवासी नि: संकोच उनके पास पंहुचकर अपने दुख:दर्द से प्रदेश के मुखिया को अवगत कराया । मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह द्वारा जिस गंभीरता और अपनत्वता के साथ जनता की समस्याऐं सुनी गई एवं उनका निराकरण किया गया उससे उनके मन में उत्साह की झलक सहज ही महसूस की जा सकती थी । ग्रामीणों का मानना है कि ऐसे सहृदय जन प्रतिनिधि के हाथ में सत्ता की बागडोर होने से निश्चय ही विकास की गति तेज होगी और स्वर्णिम प्रदेश की कल्पना साकार हो सकेगी । आपने जन संवाद कार्र्यक्रम के दौरान वे जिले के जिन-जिन ग्रामों में गये वहां जनता बिना किसी पूर्व सूचना के अपने गांव में मुख्समंत्री को अपने बीच पाकर घरों से दौड़ लगाते हुए चन्द मिनटों में ही इकठ््ठा हो जाते थे फिर शुरू होता था जनता से सीधा संवाद । मुख्यमंत्री जनता से एक-एक प्रश्न करते थे और जनता उनका जबाव देती जाती थी । यह पूरी प्रक्रिया इतनी सहज और सरल ढंग से संचालित होती थी कि जनता को ऐसा एहसास होता था कि वे अपने परिवार जनों के समक्ष अपनी समस्या के निराकरण की चर्चा कर रहे है।
जन संवाद कार्यक्रम के तहत प्रदेश के मुखिया की कार्यशैली की सराहना करते हुए सेमरा के फगुना बैगा ने कहा कि पहलीबार प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के बीच बैठकर उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु जो तरीका अपनाया है वह प्रसंसनीय है । जिन समस्याओं का निदान बर्षो से नही हो पा रहा था अब उनका निराकरण गांव में ही होने की शुरूआत हो गई है । श्रीमती चैतीबाई जिनके संतान नहीं है तथा पति दमा की बीमारी से पीड़ित हैं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत हाें जाने तथा पति के इलाज के लिए मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से 5 हजार रूपये की सहायता मिलने से काफी प्रसन्न थी । उसका कहना था कि आज के जमाने में बच्चे अपने मां वाप की सेवा नहीं कर पाते उनकी सेवा करने तथा दुख-दर्द वांटने प्रदेश के मुखिया गांव-गांव पंहुच रहे है। प्यारेलाल जो अपनी नि:शक्तता के बावजूद बिपन्नता के कारण आगे की पढ़ाई कर पाने में असमर्थ थे उसकी पढ़ाई की व्यवस्था भी करने से वह काफी प्रसन्न था । प्रभुदयाल जो गरीबी के कारण अपने बच्चे की पोलियो सर्जरी कराने में स्वयं को असहाय महसूस कर रहा था उसकी समस्या का निदान भी उसके घर में ही शासकीय व्यय से हो जाने से प्रसन्न था ।
मुख्यमंत्री के जन संवाद कार्यक्रम से व्यक्तिगत समस्याओं का ही नही सामुदायिक समस्याओं का भी निदान संभव हो रहा है। ग्राम सेमरा में जन संवाद कार्यक्रम के दौरान बूढ़े, वच्चे ,युवा ,जवान ,महिला- पुरूष सभी ने भाग लिया तथा जो आशायें लेकर आये थे उनकी पूर्ति हुई । सेमरा ग्राम वासियों एवं बच्चों ने माध्यमिक शाला को हाई स्कूल में उन्नयन करने की मांग रखी जिसे स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने अगले शैक्षण्0श्निाक सत्र से स्वीकृति देने की घोषणा की । इसी तरह भुरसी तालाव के जीर्णोध्दार की मांग किसानों द्वारा की गई जिसका प्राक्कलन बनाकर स्वीकृति के निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये । जन संवाद कार्यक्रम में राजस्व ,सार्वजनिक बितरण प्रणाली सहित जो भी आवेदन जन सामान्य से प्राप्त हुए उनके निराकरण की कारगर पहल की गई । साथ ही युवाओं द्वारा रिलायन्स के मीथेन गैस प्लांन्ट में स्थानीय अकुशल श्रमिकों को रोजगार देने के लिए ठोश कार्यवाही के भी निर्देश प्रबंधन को देने की बात कही गई । यही कारण है कि मुख्यमंत्री का जन संवाद कार्यक्रम काफी लोकप्रिय साबित हो रहा है ।
मुख्यमंत्री श्री सिंह ने कहा कि जन संवाद कार्यक्रम कोई राजनैतिक लाभ प्राप्त करने के लिए नही शुरू किया गया है बल्कि इसके पीछे शासन की मंशा जनता के दुख दर्दो की जानकारी रूबरू चर्चा कर प्राप्त करने तथा उनका निदान करने के लिए प्रारंभ किया गया है । प्रदेश सरकार की मंशा है कि जनता जनार्दन के लिए जो योजनाऐं बनाई गई हैं उनको धरातल पर शासन की मंशा के अनुरूप अमली जामा पहनाया जाय । इन्ही उद्देश्यों को लेकर योजना बनाने एवं उन्हें क्रियान्वित करने की मानीटरिंग बल्लभ भवन से लेकर गांव की चौपाल तक करने का निर्णय मेरे द्वारा लिया गया है । आकस्मिक रूप से किसी भी गांव में पंहुचकर योजनाओं के क्रियान्वयन की हकीकत सामने आती है जिसके अनुभव के आधार पर पारदर्शी एवं स्पष्ट निर्णय लेने में सहूलियत होती है । आपने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में हीला हवाली करने वाले दोषी लोगों को बख्शा नही जायेगा ।
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