रविवार, 19 जुलाई 2009

बालिकाओं के गणवेश के लिए पॉलीस्टर वस्त्र का इस्तेमाल नहीं होगा (बालिकाओं को नि:शुल्क गणवेश की योजना)

बालिकाओं के गणवेश के लिए पॉलीस्टर वस्त्र का इस्तेमाल नहीं होगा (बालिकाओं को नि:शुल्क गणवेश की योजना)

प्रत्येक विकासखंड न्यूनतम पांच वस्त्रों के नमूने की जांच करायेगा

Bhopal:Saturday, July 18, 2009

 

राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टरों और जिला परियोजना समन्वयकों को शासकीय शालाओं में कक्षा एक से आठवीं तक दर्ज समस्त बालिकाओं को आगामी 15 अगस्त तक नि:शुल्क गणवेश के वितरण के निर्देश दिये है। बालिकाओं को गुणवत्तायुक्त गणवेश ही प्रदाय करने को कहा गया है।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस की पहल पर इस बार गणवेश वितरण हर हाल में निर्धारित समय-सीमा में गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए किये जाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए विकास खण्ड स्तर पर गणवेश मेलों का भी आयोजन किया जायेगा। गणवेश की गुणवत्ता का ध्यान रखने के लिए समस्त जिलों को निर्देश जारी किये गये है। जिसके अनुसार किसी भी परिस्थिति में शत-प्रतिशत सिंथेटिक धागों#पॉलिस्टर धागों से निर्मित वस्त्र को गणवेश हेतु क्रय नहीं किये जाने को कहा है। क्योकि यह वस्त्र मानव त्वचा एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। ब्यूरों ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड के द्वारा शालाओं में गणवेश के लिए पॉलिस्टर तथा कॉटन के ब्लेंडड कपड़े का उपयोग अनुशंसित किया गया है। ब्लेंडेड कपड़े में कॉटन की मात्रा जितनी अधिक होगी, उतना ही वह कपड़ा मानव त्वचा के लिए उपयुक्त होगा। शासन ने उपलब्ध बजट की सीमा में ऐसे ब्लेंडेड कपड़े का इस्तेमाल करने को कहा है, जिसमें कॉटन की मात्रा अधिक हो।

शासन ने यह भी ध्यान रखने को कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रत्येक बेचे जा रहे वस्त्र के हर 2 मीटर की दूरी पर वस्त्र में प्रयुक्त कॉटन व पॉलिस्टर की मात्रा (प्रतिशत) स्पष्ट रूप से अंकित हो। गणवेश मेलों में इन निर्देशों के पालन वाले वस्त्रों के विक्रय के ही निर्देश दिये गये है। अर्थात 100 प्रतिशत सिंथेटिक पॉलिस्टर धागे के वस्त्र एवं ऐसे कोई वस्त्र जिसमें कि कॉटन एवं पॉलिस्टर की मात्रा की जानकारी अंकित न हो, उसका विक्रय पूर्णत: निषिध्द रहे। इन निर्देशों का सभी बी.आर.सी.को व्यक्तिश: पालन सुनिश्चित करना चाहिए।

राज्य शासन ने पालक शिक्षक संघ द्वारा क्रय किये जा रहे गणवेश के वस्त्र की सेम्पल की जांच भी कराने का निर्णय लिया गया है। ऐसे वस्त्र जो शासन के निर्देशों के अनुरूप नहीं है या उसमें उल्लेखित मात्रा के अनुरूप कॉटन का अंश नहीं है, के संबंध में होने वाली गलती के लिए जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी, पालक शिक्षक संघ के पदाधिकारी#वस्त्र विक्रेता के विरूध्द प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। जिला परियोजना समन्वयक यह भी सुनिश्चित करेगें कि पालक शिक्षक संघ द्वारा क्रय किये जा रहे वस्त्रों के संबंध में प्रत्येक ब्लॉक न्यूनतम पांच वस्त्रों के सेम्पल की जांच पावरलूम सर्विस सेंटर, बुरहानपुर से कराये। प्रत्येक नमूने की जांच पर आने वाला खर्च 125 रूपये का व्यय नि:शुल्क गणवेश योजना के अंतर्गत उपलब्ध राशि से किया जाए।

 

 

कोई टिप्पणी नहीं :