श्रमिक पुत्रियों की विवाह सहायता के लिए आठवीं कक्षा उत्तीर्ण बाध्यता समाप्त
अब दो नहीं तीन पुत्रियों को मिलेगा योजना का लाभ, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना का नाम बदला, श्रमिकों को प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाया जाएगा
मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल द्वारा श्रमिकों की पुत्रियों की विवाह सहायता योजना के लिए निर्धारित मापदण्डों में संशोधन किया गया है। वर्तमान में इस योजना का लाभ केवल उन्हीं श्रमिक पुत्रियों की मिलता है जो आठवीं कक्षार् उत्तीण कर चुकी हैं। इसके तहत संस्थानों में कार्यरत अकुशल, अर्ध्दकुशल अथवा कुशल श्रमिकों की 18 वर्ष से अधिक आयु की बेटियों के विवाह के लिए पांच हजार रूपये की सहायता दी जाती है। इसके साथ ही अब इस योजना का लाभ दो की जगह तीन पुत्रियों तक मिल सकेगा। उपरोक्त निर्णय आज यहाँ अध्यक्ष, मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल श्री मांगीलाल पोरवाल की अध्यक्षता में आयोजित मण्डल की 52वीं बैठक में लिया गया। अध्यक्ष, म.प्र. भवन एवं सन्निनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, श्री सुरेश शर्मा, पूर्व मंत्री श्रीमती अलका जैन, पद्मश्री श्री बनवारी लाल चौकसे, प्रमुख सचिव श्रम, श्री के.पी.सिंह सहित मण्डल के सदस्यों ने बैठक में भाग लिया।
मुख्य निर्णय · श्रमिक पुत्रियों की विवाह सहायता योजना में संशोधन · पुत्री की आठवीं कक्षा उत्तीर्ण बाध्यता समाप्त · तीन पुत्रियों तक मिलेगा योजना का लाभ · श्रमिको को प्रशिक्षण दिलाकर प्रमाण पत्र दिलाए जाएंगे · सर्टिफाईड श्रमिकों को मिलेंगे बेहतर रोजगार अवसर · मंडल की मेधावी छात्रवृत्ति योजना का नाम बदला · अब यह 'शिक्षा प्रोत्साहन योजना' के नाम से जानी जाएगी · इससे श्रमिक बच्चों के छात्रवृत्ति के लाभ में बाधा नहीं पड़ेगी · उत्कृष्ट नियोजकों को दिए जाएगे 10 राज्य स्तरीय पुरस्कार · उत्तम श्रमिक पुरस्कार संख्या भी 10 से बढ़ कर 15 हुई · बैठक में नियाजकों, श्रमिकों के प्रतिनिधियों श्रम विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया |
मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मंडल की इस बैठक में प्रदेश के मजदूरों के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में मंडल द्वारा श्रमिकों के अध्ययनरत बच्चों के लिए संचालित मेधावी छात्रवृत्ति योजना का नाम बदलकर 'शिक्षा प्रोत्साहन पुरस्कार योजना' करने का निर्णय लिया गया। इससे इन बच्चों को शासन और संस्थानों द्वारा देय छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिलने में दिक्कत नहीं आयेगी।
बैठक में श्रमिकों को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण दिलाकर, उन्हें रोजगार दिलाने का निर्णय भी लिया गया। प्रशिक्षण के उपरान्त प्रमाण-पत्र मिलने से इन कुशल, अर्ध्दकुशल मजदूरों को संस्थानों में काम मिलना आसान हो जाएगा। बैठक में बताया गया कि इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में माली, कुक जैसे 128 व्यवसायों में प्रशिक्षण दिया जाता है। श्रम विभाग इन ट्रेडों में श्रमिकों को नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाकर रोजगार दिलाने पर विचार कर रहा है।
बैठक में उत्कृष्ट नियोजकों को राज्य स्तर पर सम्मानित करने का भी निर्णय लिया गया। प्रदेश के ऐसे संस्थान और स्थापनाएं जो नियमित रूप से नियमानुसार अभिदाय एवं असंदत्त राशि दे रहे हैं और मंडल द्वारा संचालित विभिन्न श्रमिक कल्याणकारी गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रति वर्ष ऐसे दस पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। इसी के साथ ही उत्तम श्रमिक पुरस्कार संख्या भी 10 से बढ़ाकर 15 करने का निर्णय लिया गया। वर्तमान में मंडल द्वारा प्रतिवर्ष दस पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।
बैठक में सदस्यों के रूप में सचिव कल्याण आयुक्त श्री एस.एस. दीक्षित, उप श्रमायुक्त श्री आर.जी.पाण्डेय, सचिव फेडरेशन ऑफ एम.पी चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इन्डस्ट्रीज, अध्यक्ष कवेलू उद्योग संघ श्री जितेन्द्र टाक, उद्योगपति श्री उल्लास वैद्य, प्रतिनिधि ओरियन्ट पेपर मिल्स अमलाई, श्रमिक प्रतिनिधि श्री सुल्तानसिंह शेखावत नागदा, महामंत्री भारतीय मजदूर संघ श्री भगवानदास गोंडाने, अध्यक्ष, म.प्र.इंटक श्री आर.डी त्रिपाठी, श्रीमती अनुसुइया मिश्रा, कामरेड वृषभान (एटक) अध्यक्ष, सीटू श्री राम बिलास गोस्वामी, महामंत्री म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ श्री हेमन्त तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार श्री रामभुवन सिंह कुशवाह ने सदस्य के रूप में भाग लिया।
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