मंगलवार, 20 मई 2008

जनजाति के विद्यार्थियों को आंगनवाड़ियों में शिक्षा देने के लिये शिक्षिकाओं को रखा जायेगा

जनजाति के विद्यार्थियों को आंगनवाड़ियों में शिक्षा देने के लिये शिक्षिकाओं को रखा जायेगा

नर्सरी शिक्षिकाओं के 471 पद स्वीकृत

विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ियों में तीन से छह वर्ष तक के बालक-बालिकाओं को उनकी ही बोली में उच्च स्तर की शाला पूर्व शिक्षा देने के लिये नर्सरी शिक्षिकाओं को रखा जायेगा। राज्य शासन ने इसके लिये विशेष पिछड़ी जनजातिवार 471 नर्सरी शिक्षिकाओं के पूर्णत: अस्थायी पदों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है।

विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया के लिये श्योपुर के कराहल विकासखण्ड की 248 आंगनवाड़ियों में नर्सरी शिक्षिकाओं की स्वीकृति दी गई है। बैगा के लिये बजाग विकासखण्ड की 224 आंगनवाड़ियों के लिये तथा विशेष पिछड़ी जनजाति भारिया के लिये पातालकोट क्षेत्र की नौ आंगनवाड़ियों के लिये नर्सरी शिक्षिकाओं के पदों के निर्माण की स्वीकृति दिया जाना शामिल है।

नर्सरी शिक्षिकाओं की नियुक्ति 30 नवम्बर, 2008 तक के लिये होगी। यह शिक्षिकाएं उसी समुदाय से होंगी तथा यह प्रयास किया जायेगा कि उनका मूल निवास भी उसी ग्राम पंचायत का हो। इनके लिये निर्धारित न्यूनतम योग्यता कक्षा दसवीं उत्तीर्ण होगी। यदि उस ग्राम में कक्षा दसवीं उत्तीर्ण महिलाएं नहीं मिलती हैं तो योग्यता को शिथिल किया जाकर आठवीं कक्षा उत्तीर्ण महिला को नियुक्त किया जायेगा। यदि उपरोक्त अनुसार योग्यता को शिथिल करने के बाद भी उस ग्राम में निर्धारित योग्यता वाली महिला उपलब्ध नहीं है, तो ग्राम सभा को अधिकार होगा कि वह समीपस्थ ग्राम पंचायत की निर्धारित योग्यता वाली महिला का चयन कर सकेगी।

आंगनवाड़ी नर्सरी शिक्षिका को नियुक्ति के पूर्व प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह नर्सरी शिक्षिकाएं मानसेवी नर्सरी शिक्षिका के रूप में मानी जायेंगी। नर्सरी शिक्षिका को एक हजार रुपये प्रतिमाह की दर से मानदेय की राशि दी जायेगी। ग्रामसभा#ग्राम पंचायत की अनुशंसा पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति की प्रक्रिया अनुसार जनपद पंचायत#विशेष पिछड़ी जनजाति अभिकरण इन्हें मानसेवी नर्सरी शिक्षिका के रूप में नियुक्ति आदेश देगा। नियुक्ति आदेश में यह स्पष्ट किया जायेगा कि इन्हें भविष्य में किसी तरह के नियमितीकरण की पात्रता नहीं होगी।

अभिकरण द्वारा समय-समय पर इनके कार्यों का मूल्यांकन किया जायेगा। कार्य संतोषजनक नहीं पाये जाने पर इन्हें मानसेवी शिक्षिका के पद से पृथक किया जा सकेगा।

 

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