म.प्र. के निजी संस्थानों में न्यूनतम वेतन अधिनियम लागू, 3000 रू से अधिक वेतन देना जरूरी
· प्रायवेट अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान तथा कोचिंग केन्द्रों के कर्मचारी पहली बार न्यूनतम वेतन अधिनियम के दायरे में
· प्रायवेट स्कूलों, कोचिंगों में कर्मचारीयों के शोषण पर कसी लगाम
कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का लाभ दिलाने के निर्देश
राज्य शासन ने प्रायवेट अस्पताल, पेथालॉजीकल लेब, शैक्षणिक संस्थानों एवं कोचिंग क्लासेस में कार्यरत कर्मचारियों को पहली बार न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत शामिल किया है। साथ ही इन संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों के लिये न्यूनतम वेतन दरों का निर्धारण भी कर दिया गया है।
इंदौर में उप श्रमायुक्त श्री एल.पी. पाठक ने बताया कि राज्य शासन द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है। इसके अनुसार प्रायवेट अस्पताल, पेथालॉजी लेब, परामर्श केन्द्र तथा परीक्षण केन्द्र, प्रायवेट शैक्षणिक संस्थान एवं कोचिंग केन्द्रों में कार्यरत कुशल, अर्ध्द कुशल एवं अकुशल कर्मचारियों का श्रेणीवार वर्गीकरण कर उनकी न्यूनतम वेतन की दरें तय की गयी हैं। निर्धारित दरों के अनुसार अब कुशल कर्मचारियों को 3 हजार 350, अर्ध्द कुशल कर्मचारियों को तीन हजार 200 एवं अकुशल कर्मचारियों को 3 हजार 70 रुपये प्रतिमाह मूल वेतन मिलेगा। साथ ही इस वेतन पर भत्ता अलग से देय रहेगा। उप श्रमायुक्त ने सभी श्रम निरीक्षकों को निर्देश दिये हैं कि वे ऐसी संस्थानों का निरीक्षण करें तथा वहाँ कार्यरत कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का लाभ दिलवायें।
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