अधिक उत्पादन के लिए भूमि की गहरी जुताई आवश्यक
किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि अधिक उत्पादन के लिए भूमि की गहरी जुताई आवश्यक है। रबी की फसलों की कटाई होने के बाद मिट्टी पलटने वाले कल्टीवेटर, प्लाउ, मोल्ड बोर्ड वाले हल से की जानी चाहिए। फसल कटाई के बाद खेत की निचली सतह में नमी रहती है। इस समय जुताई करने पर जुताई कम समय में अच्छी हो जाती है। नमी समाप्त होने पर काली मिट्टी कड़ी पड़ जाती है। जिससे जुताई में समय लगता है गरमी के मौसम में जुताई के बाद खेत की मिट्टी को ढेलेदार अवस्था में ही रहने दे।
भूमि की जुताई के समय जमीन की निचली सतह की मिट्टी मोल्ड बोर्ड (प्लाउ) द्वारा ऊपर आ जाती है, और ऊपर की मिट्टी नीचे चली जाती है, इससे सतह पर उगे हुए खरपतवार या कटी फसल के डंठल उनमें पलने वाले रोग व कीडे जमीन के नीचे दबकर नष्ट हो जाते है। इसी तरह निचली सतह में पाए जाने वाले कीडे जैसे सफेद लट, व्हाइट गुब, दीमक टरमाइट आदि सतह पर आ जाते है। इनको पक्षी खाकर नष्ट कर देते है। सतह के नीचे पाए जाने वाले खरपतवारों के कंद, स्टोलोन जोड़ें और उनमें आश्रय पा रहे कीडे उनमें छिपे अंडे आदि सतह पर आकर तेज धूप में सूख कर नष्ट हो जाते हैं। गर्मी के मौसम में की गई गहरी जुताई वाले खेतों में पहली वर्षान्त में ही कल्टीवेटर से बखर कर खरीफ फसलों की बुआई सही समय पर की जा सकती है। इससे 5 से 15 प्रतिशत उपज अधिक मिल सकती है।
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