मुरैना के बटेश्वर मंदिरों का संरक्षण , व्याख्यानमाला में जुटे पुरातत्वविद्
राजधानी में बटेश्वर मंदिरों के संरक्षण पर आयोजित व्याख्यानमाला में आज कई पुरातत्वविद् और विषय विशेषज्ञ जुटे। ग्वालियर से कोई 50 किलोमीटर दूर चंबल घाटी में मुरैना के एक स्थान पर इन 200 मंदिरों के अवशेष बिखरे पड़े हैं। इन्हें संरक्षित करने का बीड़ा पुरातत्व विभाग ने उठाया है। इसी परिप्रेक्ष्य में यह आयोजन किया गया था।
इस मौके पर अधीक्षण पुरातत्वविद् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दिल्ली मंडल डॉ. के.के. मोहम्मद ने बताया कि मुरैना के बटेश्वर के 200 मंदिरों में से फिलहाल 70 मंदिरों के संरक्षण का काम हाथ में लिया गया है। ये मंदिर अभी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन हैं। इस काम को पूरी पारदर्शिता और तत्परता से किया जा रहा है। डॉ. के.के. मोहम्मद पूर्व में भोपाल मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद् भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि जंगल में बिखरे इन मंदिरों को उनके मूल स्वरूप में लाकर पुरातत्वीय इतिहास की कड़ी में एक नया अध्याय जोड़ा जाएगा।
इस मौके पर क्षेत्रीय निदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण भोपाल डॉ. एस.वी.ओटा, अधीक्षण पुरातत्वविद् श्री एन. ताहीर, उप संचालक अभिषेक कुमार, डा. गीता सभरवाल, उप संचालक प्रशासन डॉ. वी.पी नागपच, पुरातत्व विभाग के अतिरिक्त डॉ. नारायण व्यास एवं पुरातत्व विषय से संबंधित विद्धजन इस व्याख्यान को सुनने के लिए उपस्थित थे।
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