मुरैना के वकील से दो लाख रूपये मांगे वरना मार देंगें जान से, इण्टरनेट से हुआ मामला दर्ज
मुरैना 12 मई 08, अपराधियों के हौसले किस कदर बुलन्द हैं, और पुलिस कितनी चाक चौबन्द है इसकी एक बेहतर मिसाल सामने आयी है । मुरैना के एक अभिभाषक श्री पवन कुमार गुप्ता को पिछले पॉंच महीनों से लगातार न केवल मोबाइल पर फोन करके बाकायदा दो लाख रूपये मांगे जा रहे हैं बल्कि न देने पर उन्हें सपरिवार जान से मारने की भी धमकियां दीं जा रहीं हैं ।
मजे की बात यह है कि अभिभाषक महोदय मुरैना पुलिस को लिखित रूप से मौखिक रूप से न केवल कई बार इसकी इत्तला दे चुके हें बल्कि बाकायदा पंजीकृत डाक द्वारा भी दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 154(3) के तहत पुलिस अधीक्षक मुरैना को भी प्रथम सूचना रिपोर्ट भेज चुके हैं, मगर पुलिस है कि उसके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही ।
मामला भी किसी साधारण आदमी का नहीं है, श्री पवन गुप्ता जिला अभिभाषक संघ मुरैना के न केवल सचिव रह चुके हैं बल्कि मुरेना के अभिभाषकों के बीच खासे लोकप्रिय और न्यायाधीशों की नजर में विद्वान और प्रतिष्ठित अभिभाषक हैं ।
श्री गुप्ता का स्वयं का मोबाइल क्रमांक 9826087820 पर एक व्यक्ति जिसने अपना नाम कभी अविनाश शर्मा बताया तो कभी अविनाश पलघर कभी रवि शर्मा तो कभी अभिनव शर्मा एवं अपना पद कभी पुलिस का डी.एस.पी. होना बताया तो कभी कमिश्र्नर तो कभी कांस्टेबल होना ने दिनांक 21 दिसम्बर 2007, 26 दिसम्बर 2007, 9 जनवरी 2008, एवं 30 अप्रेल 2008 को मोबाइल क्रमांक 09892434994 से फोन लगाकर एवं एस.एम.एस. भेज कर श्री गुप्ता को न केवल धमकाया और आतंकित किया बल्कि बाकायदा दो लाख रूपये उसे अदा करने की मांग भी की वरना श्री गुप्ता को उनके परिवार सहित जान से मारने की धमकी भी दे दी ।
भयाक्रान्त व आतंकित होकर श्री गुप्ता ने पुलिस को लिखित व मौखिाक रूप से कई बार इत्तला मुरैना पुलिस को दी लेकिन मुरैना पुलिस ने श्री गुप्ता के आवेदनों पर कोई कार्यवाही नहीं की । हार थक कर श्री गुप्ता ने एक एफ.आई.आर. मुरैना पुलिस अधीक्षक को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 154(3) के अंतर्गत पंजीकृत डाक से तथा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर भी दी, इसके बावजूद भी न तो एडवोकेट श्री गुप्ता की एफ.आई.आर. ही दर्ज की गयी और न ही कोई कार्यवाही की गयी ।
धमकाने और धन वसूली करने वाले के हौसले इस कदर बुलन्द थे कि वह नियमित रूप से श्री गुप्ता को धमका कर व आतंकित कर पैसे मांगता रहा ।
अंतत: एडवोकेट श्री पवन गुप्ता ने दिनांक 10 मई को म.प्र. के पुलिस महानिदेशक की वेबसाइट पर इण्टरनेट के जरिये एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जो कि क्रमांक Morena/1428/2008 एवं क्रमांक Morena/1429/2008 पर दर्ज हुयीं ।
बकौल एडवोकेट श्री गुप्ता अब वे उस अपराधी के साथ ही पुलिस के रवैये और सम्बन्धित मोबाइल कम्पनी के खिलाफ लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे । फिलहाल वे न्यायालय में इसतगासा के साथ दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 210 के तहत आवेदन प्रस्तुत कर डी.जी.पी. के यहॉं इण्टरनेट से दर्ज हुये मामले का चालान तलब करवा रहे हैं, इसके बाद श्री गुप्ता दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत भी कार्यवाही करेंगे ।
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