शुक्रवार, 21 सितंबर 2007

आदिवासी विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग मिलेगी

आदिवासी विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग मिलेगी

मुरैना 19 सितम्बर 2007 // मध्यप्रदेश के आदिवासी वि्द्यार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये इस वर्ष प्रतिष्ठित संस्थाओं के माध्यम से कोचिंग की व्यवस्था की जा रही है। राज्य शासन ने आई.आई.टी., ए.आई.ई.ई.ई तथा सी.पी.एम.टी एवं पी.एम.टी की परीक्षा में सम्मिलित होने के इच्छुक इस वर्ग के विद्यार्थियों को संभाग स्तर के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थाओं में कोचिंग कराने की योजना स्वीकृत की है। इसके लिये कोचिंग संस्थाओं से आदिवासी विकास विभाग द्वारा आवेदन-पत्र भी आमंत्रित किये गये हैं।

अनुसूचित जनजाति वर्ग के ऐसे उम्मीदवार जिनके परिवार की वार्षिक आय दो लाख रूपये से कम हों तथा कक्षा 8वीं में 50 प्रतिशत, 10वीं में 50 प्रतिशत, कक्षा 12वीं में 60 प्रतिशत ड्रापर्स प्राप्तांक पाये हों उन उम्मीदवारों को संभाग स्तर के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में प्रशिक्षण लेने की सुविधा इस वर्ष से दी जायेगी। संभाग मुख्यालय पर कक्षा 11वीं एवं कक्षा 12वीं में अध्ययनरत् ऐसे छात्रों को प्रशिक्षण अवधि में प्रशिक्षण संस्थान द्वारा निर्धारित शुल्क भुगतान किया जायेगा तथा  बाहरी छात्र होने पर संस्थान के छात्रावास की आवासीय एवं भोजन सुविधा का दो हजार रूपये मासिक भुगतान विभाग द्वारा किया जायेगा। दो वर्षीय पाठयक्रम हेतु एवं ड्रापर्स के लिये अलग-अलग शुल्क निर्धारित किये गये हैं।

इच्छुक विद्यार्थियों को अपने जाति एवं आय प्रमाण पत्र तथा शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र के साथ अपना आवेदन पत्र जिला संयोजक ादिम जाति कल्याण को प्रस्तुत करना होगा। कोचिंग संस्था के लिये प्रशिक्षणार्थियों का चयन कोचिंग संस्था द्वारा निर्धारित प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण मैरिट के  आधार पर किया जायेगा। मैरिट निर्धारण के लिये संभाग स्तर पर चयन समिति में संभागीय आयुक्त अध्यक्ष चिकित्सा महाविद्यालय एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालय के प्राचार्य सदस्य संभागीय अधिकारी माध्यमिक शिक्षा मण्डल सदस्य एवं संभागीय उपायुक्त आदिवासी एवं अनुसूचित जाति विकास सदस्य सचिव होंगे।

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