अश्विन भट्ट और उनके चालक की एक हफ्ते में सकुशल रिहाई
विख्यात औषधि निर्माता कंपनी निकोलस पिरामल की पीथमपुर यूनिट के प्रेसिडेन्ट श्री अश्विन भट्ट को मध्यप्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ने अपहरण के एक सप्ताह के भीतर 26 जनवरी को सकुशल मुक्त करा लिया। एसटीएफ द्वारा अपहरणकर्ताओं की पहचान कर ली गई है तथा उनकी शीघ्र गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
श्री अश्विन भट्ट का 18 जनवरी को ग्वालियर से इंदौर जाते समय तब अपहरण कर लिया गया था जब वे डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश कार्यक्रम के तहत ग्वालियर में वायर सेलर्स मीट में अपना प्रस्तुतीकरण देने के बाद वापस इंदौर जा रहे थे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्री भट्ट के अपहरण को गंभीरता से लेते हुए उनकी रिहाई की जवाबदारी मध्यप्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स को सौपते हुए उनकी सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
मध्यप्रदेश में उद्यमिता का जो उत्साहपूर्ण वातावरण बना है, अपहरण की इस घटना को उसके विरुध्द इस्तेमाल किया जा रहा था। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस को श्री भट्ट की सकुशल रिहाई के सख्त निर्देश दिए थे। वे इस प्रकरण की प्रगति पर निरंतर नजर भी रखे हुए थे। उन्होंने ग्वालियर भ्रमण के दौरान विश्वास व्यक्त किया था कि श्री भट्ट को अतिशीघ्र सकुशल रिहा करा लिया जाएगा।
श्री अश्विन भट्ट 18 जनवरी को पूर्वान्ह 11-45 बजे टयोटा करोला गाडी से इंदौर के लिए रवाना हुए थे। ग्वालियर से 40-45 मिनट सफर तय करने के बाद घाटी गांव से 15 किलोमीटर दूर शिवपुरी मार्ग पर एक टाटा सूमो में सवार पॉच लोगों ने उनकी गाडी को ओवर टेक कर रोक लिया। गाडी रुकते ही बदमाशों ने दहशत फैलाने के लिए एक फायर किया। बदमाश श्री भट्ट तथा उनके ड्रायवर बाबू सिंह दोनों को उसी टयोटा गाडी में डालकर शिवपुरी की तरफ चले। कुछ दूर जाने के बाद उन्होंने गाडी वापस ग्वालियर की तरफ मोडी और दोनों को टाटा सूमो में डाला। कुछ समय तक ड्राइव के बाद गाडी रुकी और अपहरणकर्ता दोनों की ऑंखों पर पट्टी बांधकर तीन चार घंटे तक पक्की सडक और कच्चे रास्तों पर चले। एक अनजान बीहड के टपरे में पहुँचा कर दोनों को वहाँ बंधक बनाकर रख दिया गया।
इस अपहरण के विश्लेषण के बाद एसटीएफ की टीम इस निश्कर्ष पर पहुँची कि अपहरण करने वाले एक गिरोह के लोग थे और श्री भट्ट को बंधक बनाए रखने वाले दूसरे गिरोह के लोग। सुरक्षित रिहाई के लिए एसटीएफ ने ग्वालियर और इंदौर रेंजों की पुलिस के अलावा उत्तरप्रदेश एसटीएफ की आगरा यूनिट से तालमेल स्थापित कर मुखबिरों का विशाल नेटवर्क कायम किया। इस काम में लगी विभिन्न टीमों को आगरा, कानपुर, धौलपुर तथा अन्य शहरों में रखा गया तथा आपस में सूचनाओं का निरंतर आदान-प्रदान किया गया। 26 जनवरी की सुबह मुखबिर से सूचना मिली कि मुरैना जिले के सराय छोला थाना क्षेत्र में कुछ बदमाशों द्वारा दो लोगों को बंधक बनाया गया है। इस सूचना पर इस काम में लगी सभी टीमों के साथ थाना सराय छोला के सहायक उप निरीक्षक मुन्ना खान और आरक्षक विनोद सिंह तथा थाने के अन्य बल की पृथक-पृथक टुकडियाँ बनाकर संभावित क्षेत्रों की गहन सर्चिंग की गई। जब यह टीमें नटुआ का पुरा बीहडों में टीलों पर पहुँची तब उसे देखकर वहाँ मौजूद कुछ बंदूकधारी भागे। चूँकि दोनों अपहृत अपहरणकर्ताओं के कब्जे में थे इसलिए पुलिस ने उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फायरिंग नहीं की। पुलिस की सर्चिंग पार्टी जब बदमाशों के भागने के स्थान पर पहुँची तब खोहनुमा बीहड में दो व्यक्ति रस्सी से बंधे हुए मिले जो श्री भट्ट उनका ड्रायवर बाबू सिंह थे। एसटीएफ और पुलिस ने उनको मुक्त करा कर सुरक्षित उनके घर इंदौर पहुँचा दिया है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अभियान में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों तथा अन्य पुलिसकर्मियों को बधाई दी है।
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