शनिवार, 6 अक्टूबर 2007

मलेरिया,और डेंगू से बचायेगा कालमेघ

मलेरिया,और डेंगू से बचायेगा कालमेघ

मुरैना 6 अक्टूबर 2007// मलेरिया, टाइफाईड, डेंगू व अन्य प्रकार के बुखार से पीड़ित ग्रामीण प्राय: गांव के झोलाछाप डाक्टरो के चंगुल में फंस जाते है उन्हें दो तरफा नुकसान उठाना पड़ता है । बीमारी के इलाज के लिए पैसे खर्च करने के साथ ही वे जब तक बिस्तार पड़े रहते है उतने दिनों तक उन्हें मजदूरी का नुकसान भी होता है । यदि ग्रामीण सस्ती और कारगर वनौषधि कालमेघ का काढ़ा पीने लगे तो उन्हें मलेरिया, टाइफाईड, चिगुनगुनिया डेंगू व अन्य प्रकार के बुखार से छुटकारा मिल जायेगा और वे झोलाछाप डाक्टरों के चंगुल में नहीं फंस पायेंगे । पन्द्रह दिनों तक कालमेघ का काढ़ा पीने वाला व्यक्ति एक साल तक बुखार से बच सकेगा।

       कालमेघ मलेरिया, टाईफाईड, चिकुनगुनिया, डेंगू व अन्य बुखार के वायरस के लिए काल के समान है । जंगलों में पाई जाने वाली यह वनौषधि गांवों के झोला छाप डाक्टरों का विकल्प बनने की क्षमता रखती है । कालमेघ जंगलों में पाई जाने वाली एक बनौषधि है । आयुर्वेद में भी इसका उल्लेख किया गया है । बुखार आदि से बचने के लिए पुरातन समय से इसका उपयोग किया जाता है । यह भुई नीम के नाम से भी जाना जाता है । इसका बाटनिकल नाम एंड्रोग्राफिस पेनीकुलाटा है । इंडियन ड्रग इंस्ट्रीटयूट की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि कालमेघ में रोग प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है और यह मलेरिया व अन्य प्रकार के बुखार के लिए रामबाण दवा है । इसके नियमित सेवन से रक्त शुध्द होता है तथा पेट की बीमारियां नहीं होती है। यह पेट के लीवर के लिए एक तरह से शक्तिवर्धक का कार्य करता है । इसका सेवन करने से एसिडिटी, वात रोग व चर्मरोग नहीं होता है ।

       पचास ग्राम कालमेघ पंचाग को एक लीटर पानी में एक चौथाई पानी बचने तक उवालना चाहिए । इस प्रकार तैयार काढ़े का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। व्यस्क व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक कप और बच्चों को एक चौथाई कप काढ़ा पीना चाहिए । यदि कोई भी व्यक्ति लगातार 15 दिनों तक कालमेघ पंचांग के काढ़े का सेवन करेगा तो उसके शरीर में इतनी प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जायेगी, कि उसे एक साल तक टाईफाईड, चिकुनगुनिया, ढेंगू व अन्य प्रकार के बुखार नहीं आयेंगे । यदि व्यक्ति या बच्चा टाईफाईड, चिकुनगुनिया, डेंगू व अन्य प्रकार के बुखार से पीड़ित हो तो दिन में दो बार काढ़ा पिलाना चाहिए । इसके सेवन से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है ।

 

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