आंगनवाड़ी केन्द्रों की अनियमितताओं के लिए कार्यकर्ता सहित पर्यवेक्षक और परियोजना अधिकारी के विरूध्द कार्रवाई होगी- कलेक्टर
मुरैना 4 अक्टूबर 2007 // कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने आज महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित गतिविधियों की समीक्षा की और आंगनवाडी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों पर अनियमिततायें पाये जाने पर संबंधित कार्यकर्ता और सहायिका को पद से पृथक करने के साथ ही संबंधित सुपरवाईजर और परियोजना अधिकारी के विरूध्द अनुशासनात्मक कार्रवाइ की जायेगी । समीक्षा के दौरान जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्रीमती उपासना राय तथा एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं के परियोजना अधिकारी उपस्थित थे ।
कलेक्टर ने परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यवेक्षकों के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति तथा पोषण आहार की स्थिति का निरीक्षण करायें तथा भवन विहीन केन्द्रों को शासकीय भवनों में स्थानांतरित कराने की कार्रवाई करें । उन्होंने कहा कि निजी भवनों में संचालित आंगनवाडी केन्द्रों को भवन भाड़ा नहीं प्रदाय किया जाय और इस तरह की अनियमितता बरतने वाली कार्यकर्ता का मानदेय रोकने की कार्रवाई भी की जाय । नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिए भवन मिलने और कार्य प्रारंभ करने की स्थिति में ही पोषण आहार हेतु राशि जारी की जाय । परियोजना अधिकारी स्वत: परीक्षण कर आवंटन देने से पहले इस बात की पुष्टि कर लें की नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र ने कार्य करना शुरू कर दिया है । कलेक्टर ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि सुपरवाईजर केन्द्रों का नियमित भ्रमण कर वहां की व्यवस्था सुधारने का प्रयास करें । नियमित भ्रमण नहीं करने वाली सुपरवाईजर की वेतन वृध्दि रोकने की कार्रवाई की जाय । साथ ही परियोजना अधिकारियों की दौरा डायरी और भ्रमण कार्यक्रम आने के बाद ही वेतन आहरण की कार्रवाई की जाय । उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों को पोषण आहार के लिए 80 प्रतिशत राशि जारी की जाय तथा नवीन पोषण आहार व्यवस्था के लिए राशि संबंधित कार्यकर्ता के खातें में पहुचाना सुनिश्चित किया जाय । उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को बालशक्ति योजना के तहत अस्पताल में भर्ती कर उपचार हेतु प्रेरित किया जाय । उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना और कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की नियुक्ति की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने महिला जागृति शिविर और किशोरी शक्ति प्रशिक्षण सभी स्थलों पर अनिवार्य रूप से कराने तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के बच्चों को छात्रवृति के प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए ।
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