भारत निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा
उपचुनाव 2020 के दौरान जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के तहत
मीडिया कव्हरेज के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। आयोग ने निर्वाचन
क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया के निर्धारित समय के समाप्ति के 48 घंटे पहले
की अवधि के दौरान टी.व्ही. तथा अन्य यंत्रों पर चुनाव संबंधी किसी भी विषय
के प्रसारण आदि को प्रतिबंधित किया है। इसकी अवहेलना करने पर दो साल की
जेल या जुर्माना या दोनों दिये जा सकेंगे।
आयोग को निर्वाचन
प्रक्रिया के दौरान टी.व्ही. चैनलों द्वारा प्रसारित किये जाने वाले पैनल
परिचर्चाओं/वाद-विवाद तथा अन्य समाचारों और ताजा स्थिति पर आधारित
कार्यक्रमों में अधिनियम के प्रावधानों की अवहेलना की शिकायतें प्राप्त
होती रही हैं। निर्वाचन आयोग ने पहले भी स्पष्ट किया है कि चुनाव संबंधी
किसी भी विषय को चुनावी क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया के निर्धारित समय की
समाप्ति से 48 घंटे की अवधि के दौरान टी.व्ही. आदि पर प्रदर्शन प्रतिबंधित
है। आयोग ने इस बात को पुनरू दोहराया है कि टी.व्ही/रेडियो चैनल एवं केबल
नेटवर्क 48 घंटे की अवधि के दौरान परिचर्चाओं में शामिल पैनलिस्ट/भागीदारों
के विचारों सहित ऐसी कोई बात प्रसारित नहीं करेंगे, जिससे यह आभास हो कि
किसी राजनैतिक दल या उम्मीदवार की जीत की संभावना को
प्रोत्साहित/पूर्वाग्रहित अथवा निर्वाचन को प्रभावित किया जा रहा है।
आयोग ने सभी प्रचार माध्यमों का ध्यान प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा
जारी निर्देशों की ओर दिलाया है, जिसके अनुसार प्रेस का दायित्व होगा कि वह
निर्वाचन एवं उम्मीदवारों से संबंधित वस्तुपरक जानकारियाँ दें।
निर्वाचन प्रावधानों के अंतर्गत साम्प्रदायिक अथवा जाति आधारित चुनाव
अभियान प्रतिबंधित है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने निर्देश दिये हैं कि
प्रेस को ऐसे समाचार प्रसारित करने से बचना चाहिए, जिनसे लोगों के मध्य
धर्म, जाति, नस्ल, सम्प्रदाय या भाषा को लेकर वैमनस्यता उत्पन्न हो।
प्रेस काउंसिल के अनुसार प्रेस को असभ्य समाचार अथवा आलोचनात्मक बयान
प्रकाशित करने से बचना चाहिए, जिनसे किसी उम्मीदवार के व्यक्तित्व व आचरण
या उम्मीदवारी अथवा नाम वापसी को लेकर उसके निर्वाचन पर प्रतिकूल प्रभाव
पड़ता हो। प्रेस को उम्मीदवार/राजनैतिक दल के विरूद्ध असत्यापित समाचार
प्रकाशित नहीं करना चाहिए। प्रेस को किसी उम्मीदवार/राजनैतिक दल की छवि
निर्माण के लिये किसी प्रकार का आर्थिक या अन्य प्रलोभन स्वीकार नहीं करना
चाहिए। उसे किसी उम्मीदवार/राजनैतिक दल अथवा उनकी ओर से किसी अन्य द्वारा
लिया गया आतिथ्य या अन्य सुविधाएँ स्वीकार नहीं करना चाहिए। समाचार पत्रों
से यह आशा नहीं की जाती है कि वे किसी विशेष उम्मीदवार/राजनैतिक दल के
प्रति समर्थन जुटाने में लिप्त होंगे। प्रेस को किसी राजनैतिक दल/सत्ताधारी
दल के बारे में कोई ऐसा विज्ञापन स्वीकार/प्रकाशित नहीं करना चाहिए, जिससे
उसकी अदायगी सरकारी खजाने से हो। प्रेस को निर्वाचन आयोग/रिटर्निंग ऑफिसर
या मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों/आदेशों का
पालन करना चाहिए।
नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने की आज अंतिम तारीख आज 17 उम्मीदावरों ने नाम
निर्देशन पत्र दाखिल किये
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संजय गुप्ता मांडिल, ब्यूरो मुरैना/
नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के पांचवे दिन यानी 15 अक्टूबर को 17
उम्मीदवारों द्वारा अपनी नाम जद्दगी का पर्चा दाखिल क...
4 वर्ष पहले
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