विधानसभा उपनिर्वाचन 2020 को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण सम्पन्न
कराने के लिये मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मतदान कर्मी
निष्पक्ष होकर मतदान करायें। मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की त्रुटि न
हो, इसलिये प्रशिक्षण के हर बिन्दुओं को गंभीरता से समझे, समझ में नहीं आये
तो उसे बार-बार पूछे। यह निर्देश शुक्रवार को पीठासीन, मतदान अधिकारी
पी-1, पी-2, पी-3 को प्रशिक्षण के दौरान कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन श्री
अनुराग वर्मा ने दिये। प्रशिक्षण का आयोजन शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक
विद्यालय क्रमांक-1 मुरैना में दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण बतौर
जिला पंचायत के सीईओ श्री तरूण भटनागर ने कहा कि प्रशिक्षण ऐसा प्राप्त
करें कि निर्वाचन के दौरान गलती न हो। उन्होने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त
करने मे जो समझ में नहीं आये उसे द्वारा पूछ लें। ताकि मन में कोई शंका न
रहे और मतदान के दौरान असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होने कहा
कि 1726 मतदान केन्द्रों मे से अधिकतर बेवकास्टिंग द्वारा मतदान केन्द्रों
को जोड़ा जायेगा। जिसकी लिंक राज्य निर्वाचन आयोग सहित जिला निर्वाचन
अधिकारी एवं राजनैतिक लोग भी देख सकेगें। इसके लिये मतदान केन्द्र पर
सीसीटीव्ही कैमरा लगाये गये है। उसके नीचे वोटिंग कम्पार्ट नहीं बनाये।
क्योंकि मतदान कर्मी अपने मत का उपयोग करेगा, तो मतदान करने की गोपनीयता
भंग होने का डर रहेगा। उन्होने कहा कि पोलिंग एजेन्ट एवं पीठासीन अधिकारी
वोटिंग कम्पार्ट के अन्दर नहीं जाये। जब मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर
रहा हो। ई.व्ही.एम एवं व्ही.व्हीपैट एवं निर्वाचन सामग्री प्राप्त करने के
बाद मतदान दल सुरक्षा के अधीन अपने निर्दिष्ट मतदान केन्द्र के लिये
प्रस्थान कर जाते है। मतदान दलों को कड़ाई से निर्देश दिया जाता है कि वे
विवरण के समय से मतदान केन्द्र में मॉकपोल के पूर्व किसी भी परिस्थिति में
व्हीव्हीपैट का परीक्षण न करें, क्योंकि उन्हे जो व्ही.व्ही.पैट प्रदान
किये गये है, उनका परीक्षण पहले से ही हो चुका है। वास्तविक मतदान से पहले,
मतदान केन्द्र में निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों के मतदान अभिकर्ताओं की
उपस्थिति में मॉकपोल संचालित किया जाता है। मॉकपोल के बाद, मॉक पोल के
आंकड़ो को हटा दिया जाता है और रिजक्ट सेक्शन को ग्रीन पेपर सील, स्पेशल
टेग, एड्रेस टेग तथा स्ट्रिप सील से सीलबंद कर दिया जाता है। मतदान के बाद
क्लोज बटन दबाना न भूलें।
मॉकपोल के समय कम से कम दो अभ्यर्थियों के मतदान अभिकर्ता होना चाहिए। यदि मतदान अभिकर्ता समय पर नहीं आते है तो 15 मिनट पीठासीन अधिकारी इंतजार करेंगे। ईव्हीएम एवं व्हीव्हीपैट कनेक्शन के समय सीयू का स्विच ऑफ होना अनिवार्य है। वोटिंग कम्पार्टमेन्ट में बीयू को राइट साइड में ओर, व्हीव्हीपैट को लेफ्ट साइड में रखे। उपस्थित प्रत्येक मतदान अभिकर्ता को उसके पसंद के अभ्यर्थी को वोट देना है। ईव्हीएम में वोट देनें के लिये नीला बटन दबाने के बाद एक लंबी बीप की आवाज सुनाई देगी और रेड बटन जलेगा। व्हीव्हीपैट में जिस पर एक पर्ची प्रत्याशी का सरल क्रमांक, नाम एवं उसका चुनाव चिन्ह होगा, 7 सेकेण्ड तक दिखाई देगी, तत्पश्चात पर्ची ड्राप बॉक्स में अंदर गिर जायेगी। प्रशिक्षण के दौरान अपर कलेक्टर श्री उमेश प्रकाश शुक्ला, जिला शिक्षाधिकारी श्री सुभाष शर्मा, राज्य स्तरीय मास्टर टेªनर्स श्री व्योमेश शर्मा, श्री एसपी सारस्वत सहित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पीठासीन अधिकारी, पी-1, पी-2, पी-3 उपस्थित थे।
अपर कलेक्टर श्री उमेश प्रकाश शुक्ला ने बताया कि उत्कृष्ट विद्यालय में 19 कक्षों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें यह प्रशिक्षण दो पालियों में हो रहा है। प्रथम पाली प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक और द्वितीय पाली 2 से 5 बजे तक है। उन्होंने बताया कि प्रथम पाली में 166 कर्मचारी और द्वितीय पाली में 166 कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण 23 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक दो पालियों में दिया जायेगा। जिसमें 2 हजार 246 कर्मचारी प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इस बार 1055 मतदान कर्मी श्योपुर जिले के भी बुलाये जा रहे है।
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