पुलिस के बाद अब कलेक्टर भी करें जनसुनवाई : समाधान ऑन लाइन में मुख्यमंत्री के निर्देश
ग्वालियर 7 जुलाई 09। पुलिस महकमे की भांति जिला कलेक्टर सहित विभिन्न विभागों के खण्ड स्तर से लेकर जिला कार्यालय प्रमुख तक हर मंगलवार को जनसुनवाई करेंगे। इस आशय के निर्देश मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज समाधान ऑन लाइन कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को दिये। मुख्यमंत्री ने समाधान ऑन लाइन में करीबन एक दर्जन जिला कलेक्टर्स से सीधी बात कर विभिन्न आवेदन कर्ताओं की समस्याओं का समाधान कराया। मुख्यमंत्री ने ग्वालियर संभाग के भी दो प्रकरणों का आज निराकरण कराया।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने समाधान ऑन लाइन में कहा कि आमजन की समस्याओं का त्वरित समाधान प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अत: सभी जिला कलेक्टर्स सुव्यवस्थित ढंग से जनसुनवाई करायें, जिससे आमजनों को रोजमर्रा की समस्या के समाधान के लिये इधर उधर भटकना न पड़े और न ही आवेदन लेकर प्रतीक्षा करनी पड़े। उन्होंने हर मंगलवार को प्रात: 11 बजे से एक बजे तक जिला कलेक्टर समेत सभी विभागों के खण्ड व जिला कार्यालय प्रमुखों को अपने अपने कार्यालयों में जनसुनवाई करने की हिदायत दी। मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई कार्यक्रम के बारे में गांव स्तर पर पटवारी, कोटवार व पंचायत सचिव आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के निर्देश भी दिये।
समाधान ऑन लाइन से संभाग के दो आवेदनकर्ता लाभान्वित
शिवपुरी जिले की ग्राम रन्नौद की निवासी कुमारी दीपाली मिश्रा को भी अब गांव की बेटी योजना का लाभ मिलेगा। दीपाली मिश्रा ने मुख्यमंत्री को आवेदन प्रस्तुत कर इस योजना का लाभ दिलाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज समाधान ऑन लाइन में दीपाली मिश्रा की यह मुराद पूरी कर दी। गौरतलब है कि दीपाली मिश्रा ने हायर सेकण्ड्री परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ग्वालियर में के आर जी. महाविद्यालय में प्रवेश लिया। उसका कहना था, पात्रता होने के बावजूद उसे गांव की बेटी योजना का लाभ नहीं दिया गया है। आज समाधान ऑन लाइन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ग्वालियर जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी व शिवपुरी जिला कलेक्टर श्री मनीष श्रीवास्तव से सीधी बात कर इस समस्या का समाधान कराया। ग्वालियर कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को बताया इस छात्रा ने के. आर जी. महाविद्यालय से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इसलिये विशेष प्रकरण मानकर उच्च शिक्षा विभाग से उसे योजना के तहत आर्थिक सहायत मंजूर कराई गई है। कलेक्टर ने जानकारी दी कि महाविद्यालय की तत्कालीन प्राचार्या डॉ. आशा माथुर के अनुसार छात्रा ने योजना का लाभ लेने के लिये आवेदन ही नहीं किया था। जबकि शिवपुरी कलेक्टर के अनुसार छात्रा को योजना का लाभ दिलाने के लिये तत्समय सक्षम कार्यालय द्वारा प्रमाण पत्र आदि जारी किये गये थे। मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण में हुए विलंब की जांच तीन दिवस में कराने के निर्देश ग्वालियर जिला कलेक्टर को दिये हैं। ग्वालियर कलेक्टर ने अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा को यह जांच पूर्ण कर तत्काल प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने समाधान ऑन लाइन में आज संभाग के शिवपुरी जिले के एक किसान को कृषक जीवन कल्याण योजना का लाभ दिलाया। उन्होंने इस प्रकरण में देरी की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिये शिवपुरी जिला कलेक्टर को निर्देश दिये हैं। शिवपुरी कलेक्टर ने जानकारी दी है कि इस प्रकरण में विलंब के लिये दोषी कृषि विभाग के एक लिपिक को निलंबित कर दिया गया है और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच की कार्रवाई की जा रही है।
अल्प वर्षा को ध्यान में रखकर खरीफ कार्यक्रम में बदलाव के निर्देश
मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी ने समाधान ऑन लाइन में ग्वालियर और चंबल संभाग सहित अल्प वर्षा वाले अन्य संभागों के आयुक्त व जिला कलेक्टर से कहा कि वे वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर खरीफ कार्यक्रम में बदलाव करें। उन्होंने निर्देश दिये कि संबंधित कमिश्नर और जिला कलेक्टर कृषि अमले के माध्यम से खाद व बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करायें। उन्होंने खासकर उन इलाकों पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया जहां बोनी होने के बाद बारिश नहीं हुई है।
ग्वालियर संभाग के आयुक्त डॉ. कोमल सिंह ने इस मौके पर जानकारी दी कि संभाग में अल्प वर्षा की वजह से उत्पन्न हुई स्थिति पर गहरी नजर रखी जा रही है। संभाग के सभी जिलों में इस स्थिति को ध्यान में रखकर कन्टिजेंसी खरीफ प्लान तैयार कराये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संभाग में तिल के बीज की और आवश्यकता होगी। संभागायुक्त ने जानकारी दी कि संभाग में लगभग 20 प्रतिशत खरीफ रकबे में बोनी हुई है और लगभग 70 प्रतिशत बीज अंकुरित हुये हैं। बोनी के बाद वर्षा न होने से विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उन्होने बताया कि संभाग के सभी जिलों के 40 प्रतिशत हैण्डपंपों के जल स्तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं तथा गुना जिले में भूमिगत जल का स्तर तीन मीटर से भी नीचे चला गया है।
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