गूजरों ने रेलगाड़ी पर हमला बोला, रेल ट्रेक पर स्लीपर  डाले, मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर वसुन्धरा को समझाने की मांग की  
श्रीमती रीता सिंह – राज्य ब्यूरो प्रमुख मध्यप्रदेश  
ग्वालियर  / भोपाल 4 जून 2007 । गूजरों का आरक्षण आन्दोलन राजस्थान में जहॉं धीमा पड़ रहा  है, वहीं अब मध्यप्रदेश में भड़कता जा रहा है । विगत दिवस जहॉं मध्यप्रदेश के  मुरैना जिला में गूजरों ने दो रेल्वे ट्रेकों पर आतंक बरपाने की कोशिश की वहीं एक  बड़ी अनहोनी होने से भी टल गयी । 
चम्बल  के गूजरों ने जहॉं छोटी लाइन यानि ग्वालियर – श्योपुर (सबलगढ़) रेल गाड़ी पर पथराव  कर रेल को क्षतिग्रस्त कर दिया वहीं कई यात्रियों को चोटिल भी कर दिया । कुछ  महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार और अशालीन आचरण कर अपने विरोध का प्रदर्शन किया । 
वहीं  दूसरी ओर बड़ी रेल लाइन का प्रमुख ट्रेक जो कि मुरैना से गुजरता है, वहॉं रात के  वक्त रेल ट्रेक पर स्लीपर डालकर भारी ट्रेन दुर्घटना के लिये भूमिका रच दी,  और उज्जयिनी एक्सप्रेस इस दुर्घटना से बाल  बाल बची । उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में गूजर आन्दोलन का संचालन कांग्रेस के  नेता कर रहे हैं वहीं राजस्थान में भाजपा नेताओं द्वारा यह आन्दोलन संचालित किया  जा रहा है । 
उधर  दूसरी ओर कुछ गूजरों ने भोपाल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का  घेराव कर, उनके सामने ही राजस्थान सरकार और वसुन्धरा राजे सिंधिया के खिलाफ  नारेबाजी की तथा एक ज्ञापन सौंप कर वसुन्धरा को समझाने की मांग की । उन्होंने  शिवराज सिंह से अनुरोध किया कि वे वसुन्धरा को समझायें और गूजरों का अनुसूचित  जनजाति का घोषित करें , उनका कहना था कि वे शुरू से ही जंगली है और जंगलों में  रहते हैं सो वे आदिवासी हैं । 
 
 
 
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