नागरिकों  को बेहतर सुविधाएं ही ई-गवर्नेन्स की सफलता का पैमाना होगा
प्रदेश में 10 हजार ई-गुमठी स्थापित होंगी - श्री विजयवर्गीय
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान  ने कहा है कि ई-गवर्नेन्स से आम आदमी को कितनी सहायता मिली और कितनी मदद कर पाये  यह ई-गवर्नेन्स की सफलता का पैमाना होगा। प्रदेश की सूचना प्रौद्योगिकी नीति से न  केवल देश से बल्कि दुनिया के अन्य देशों से भी प्रदेश में निवेश आकर्षित होगा।  श्री चौहान आज यहां होटल जहांनुमा में ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ  कार्य करने वाली संस्थाओं को पुरस्कृत करने के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। श्री  चौहान ने कहा कि ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के  लिये स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिये यह पुरस्कार दिये गये हैं। इससे आगामी कुछ  वर्षों में मध्यप्रदेश देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शुमार हो सकेगा।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की आम  जनता सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से ई-गवर्नेन्स से कितना लाभ उठा सकती है उसी  पर इसकी सफलता निर्भर है। प्रदेश में ई-गवर्नेन्स में तेज गति से काम हो रहा है।  जिसके अच्छे परिणाम शीघ्र सामने आयेंगे। आपने कहा कि ई-गवर्नेन्स के माध्यम से  प्रदेश में गुड-गवर्नेन्स स्थापित किया जा रहा है। समाधान आन लाइन के माध्यम से  जनता की समस्याओं के निराकरण की गति चार गुना बढ़ गई है। वन-डे गवर्नेन्स के माध्यम  से आम जनता की समस्याओं का उसी दिन निराकरण संभव हो सका है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि  सभी विभागों को बजट अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में आवंटित कर दिया गया। श्री  चौहान ने बताया कि कम्प्यूटर के 'मानिट  सिस्टम' के माध्यम से अब विकास विभागों के  भौतिक और वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किये जा रहे हैं और लक्ष्य के विरूध्द  उपलब्धियों की नियमित समीक्षा की जाती है। इससे विकास के कामों की गति बढ़ी है।  प्रदेश में ई-गवर्नेन्स को लोकप्रिय बनाने के लिये ई-गुमठी के माध्यम से सभी  उपयोगी जानकारी और प्रमाण-पत्र नागरिकों को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा  है। इसके लिये कानूनी प्रक्रिया को सरल किया जा रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि शासन के सभी  विभागों में ई-गवर्नेन्स को बढ़ावा देने के लिये विभागीय बजट में इसके लिये  पर्याप्त प्रावधान कर बजट आवंटित किया जायेगा। आम जनता नाम मात्र के यूजर चार्ज से  लाभ उठा सके ऐसा प्रयास किया जा रहा है। आपने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों में  जहां कम्प्यूटर उपलब्ध हैं वहां उनके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाना जरूरी है।  प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार से जहां प्रदेश आगे बढ़ेगा वहीं शिक्षित  बेरोजगार युवकों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। अधिक जनसंख्या को हम  समस्या के बजाय समृध्दि का माध्यम बनायेंगे। बुध्दि के बल पर भारत दुनिया की सबसे  बड़ी ताकत बनेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं लोक  निर्माण मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस अवसर पर बताया कि प्रदेश में  भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लिये ई-गवर्नेन्स की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।  ई-गवर्नेन्स के माध्यम से घर बैठे अनेक उपयोगी जानकारी और प्रमाण-पत्र उपलब्ध  कराने का प्रयास किया जायेगा। श्री विजयवर्गीय ने बताया कि प्रदेश में 10  हजार ई-गुमठी स्थापित की जायेगी। इनसे राजस्व संबंधी खसरे, नकल, नक्शे  और फार्म उपलब्ध हो सकेंगे। आपने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही मध्यप्रदेश एजुकेशनल  हब के रूप में तैयार हो सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेस्ट  ई-गवर्नेन्स डिस्ट्रिक्ट का पुरस्कार सागर के कलेक्टर श्री शिवशेखर शुक्ल और  जबलपुर कलेक्टर श्री संजय दुबे को दिया। आम जनता को सूचना प्रौद्योगिकी उपलब्ध  कराने के लिये बेस्ट प्रोजेक्ट के रूप में जबलपुर के आयुक्त श्री अनिल श्रीवास्तव  और इंदौर के कलेक्टर श्री विवेक अग्रवाल को संयुक्त रूप से पुरस्कृत किया गया।  प्रदेश में विकसित सर्वश्रेष्ठ साफ्टवेयर के लिये इंदौर के आयुक्त श्री अशोक दास  और सूचना प्रौद्योगिकी उत्पाद और साफ्टवेयर को विदेशों को निर्यात करने के क्षेत्र  में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार इंपेट्स कंपनी इंदौर और कम्प्यूटर साईंस कार्पोरेशन को  संयुक्त रूप से दिया गया। प्रारंभ में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव  श्री पी.डी. मीणा ने प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से किये जा रहे  ई-गवर्नेन्स के कार्यों की जानकारी दी। अपर सचिव श्री अनुराग श्रीवास्तव ने आभार  व्यक्त किया।
 
 
 
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