जनशिकायतों का निराकरण राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्य सचिव श्री आर.सी. साहनी
मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव श्री आर.सी. साहनी ने कहा है कि राज्य शासन ने प्रशासनिक सुधार और जनशिकायतों के निराकरण के लिये विभिन्न स्तरों पर अभिनव प्रयास किये हैं। श्री साहनी आज नई दिल्ली में केन्द्रीय केबीनेट सचिव श्री बी.के. चतुर्वेदी की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के मुख्य सचिवों के सम्मेलन में संबोधित कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने आडियो-विजुअल प्रेजेन्टेशन देते हुये बताया कि राज्य शासन ने सुराज, समाधान ऑन लाईन, परख और समाधान एक दिवस कार्यक्रम, जनशिकायत निवारण के लिये शुरू किये हैं। उन्होंने बताया कि समाधान ऑन लाईन के तहत हर महिने के प्रथम मंगलवार को 15 जनशिकायतें चुनी जाती हैं और संबंधित अधिकारियों को सुबह प्रेषित की जाती हैं। संबंधित अधिकारी का दायित्व होता है कि वह उन शिकायतों का शाम 4 बजे से पहले उसी दिन निराकरण करें । शाम को मुख्यमंत्री वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित शिकायतकर्ता से रूबरू होकर उसकी शिकायत के संबंध में चर्चा करते हैं और कान्फ्रेंसिंग के दौरान उपस्थित संबंधित अधिकारी शिकायत पर की गई कार्यवाई से अवगत कराता है। साथ ही विलम्ब के कारण भी बताता है।
मुख्य सचिव ने बताया कि इसी प्रकार समाधान एक दिवस कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसमें नागरिकों के लिये सहायता केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इस व्यवस्था में नागरिक अपनी चाही गई जानकारी#प्रमाण-पत्र#नकल आदि इस संबंध में सुबह आवेदन करता है और शाम को कार्यालय समय समाप्त होने के पूर्व संबंधित आवेदन पर कार्यवाई कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से 99 प्रतिशत तक प्रकरणों का निराकरण होने लगा है। इसी प्रकार परख कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत आधारभूत सेवाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की निगरानी की जा रही है।
श्री साहनी ने बताया कि इन कार्यक्रमों के अलावा प्रदेश के कोषालयों का कम्प्यूटरीकरण किया गया है। प्रोजेक्ट क्लीयरेन्स एण्ड इम्प्लीमेंटेशन बोर्ड का गठन किया गया है। सी.एम. मॉनीटरिंग सिस्टम अपनाया गया है। वाहन चालक लायसेंस के लिये स्मार्ट कार्ड तथा वाहन पंजीयन के लिये भी नई व्यवस्था शुरू की गई है। इस प्रकार प्रदेश शासन ने जन शिकायतों एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिये अभिनव कार्यक्रम शुरू किये हैं।
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें