मंगलवार, 7 अगस्त 2007

पेंशन, अनुकम्पा, पदोन्नति एवं बैकलॉग के लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में निपटायें-कलेक्टर

पेंशन, अनुकम्पा, पदोन्नति एवं बैकलॉग के लंबित प्रकरणों को समय-सीमा में निपटायें-कलेक्टर

मुरैना 6 अगस्त 2007

       पेंशन, अनुकम्पा, पदोन्नति एवं बैकलॉग के लंबित प्रकरणों  को समय-सीमा के अन्तर्गत निराकृत करना सुनिश्चित करें । ये निर्देश कलेक्टर श्रीमती केरेलिन खोंग्वार देशमुख ने गत दिवस कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में जिले के विभिन्न विभागों के जिलाधिकारियों को दिये । उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन मंत्रालय से जारी निर्देशों के निर्धारित बिन्दुओं के अनुूसार ही प्रकरण का निपटारा करें और की गई कार्रवाई से कलेक्टर को अवगत करायें । जो भी विभागीय अधिकारी इस कार्य में लापरवाही वरतेंगे उन्हे कठोर कार्रवाई से दण्डित किया जायेगा । इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री आशकृत तिवारी, सिटी मजिस्ट्रेट श्री अमरीश श्रीवास्तव , अनुविभागीय अधिकारी विजय अग्रवाल, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती नीतू सिंह ,पी.डब्ल्यू.डी.,आबकारी,कृषि, कोषालय,सिंचाई, स्वास्थ्य, लोक यांत्रिकी , आर.ई.एस., आदिम जाति , अंत्यावसायी, शिक्षा आदि विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे ।

       कलेक्टर श्रीमती देशमुख ने कहा कि शासकीय कर्मचारी की मृत्यु होने पर अनुकम्पा नियुक्ति सेवक की पत्नी, पूर्णत: आश्रित पति, सेवक का पुत्र, अविवाहित पुत्री अथवा ऐसी विवाहित पुत्री जिसके पति की मृत्यु हो चुकी हो, जो तलाक शुदा हो, किन्तु शर्त यह होगी कि ऐसी अविवाहित, विवाहित अथवा तलाक शुदा पुत्री शासकीय सेवक की मृत्यु के समय उस पर पूर्णत: आश्रित होकर उसके साथ रह रही हो । उन्होंने कहा कि एक से अधिक अनुकम्पा नियुक्ति के पात्र होने पर दिवंगत शासकीय सेवक की पत्नी / पति की अनुशंसा एवं पति / पत्नी के न होने पर परिवार की सर्व सम्मति से किसी एक सदस्य को नियुक्ति की पात्रता होगी ।

       कलेक्टर श्रीमती देशमुख ने कहा कि प्राय: यह देखने में आया है कि विभागीय अधिकारी या स्थापना संबंधी बाबू बेवजह पेंशनधारी के प्रकरणों को अटकाये रहते है, ऐसी स्थति में वे त्वरित कार्रवाई करें । प्रकरण में आ रही कठिनाईयों को वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति से निराकृत करें ।

       इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि विभागीय जांच और बैकलॉक से संबंधित मामलों को भी अधिकारी रोस्टर अनुसार पूर्ण करें । उन्होंने विभागीय अधिकारियों से  उनको आ रही कठिनाइयों के बारे में पूछा और उन्हें हल करने के संबध में समझाइश दी । उन्होंने कहा कि लंबित प्रकरणों में समय-सीमा का पालन न करने या उनके निराकरण में हीला-हवाली करने की शिकायत प्राप्त होने पर कठोर कार्रवाई की जावेगी ।

 

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