अर्गल मुरैना पहुँचे, भारी उपद्रव हुआ जिन्दाबाद, मुर्दाबाद के साथ काले झण्डे जूते चप्पल बरसाये, पुतले को फांसी पर लटकाने के बाद अंतिम संस्कार, कॉग्रसीयों की जम कर पिटाई
सैकड़ों कांग्रेसी घायल, महिला नेत्रियों को सड़क पर डालकर पीटा अश्लील गालियों और घूंसे थप्पड़ों के साथ लातें मारीं, कपड़े फटे, पथराव हुआ
विशेष फोटो वीडियो कवरेज % संजय गुप्ता मांडिल ब्यूरो चीफ मुरैना एवं अतर सिंह डण्डोतिया तहसील संवाददाता मुरैना
मुरैना 27 जुलाई 08, भारतीय संसद में नोट लहरा कर वोट के लिये नोट का आरोप लगा कर चर्चाओं में आये मुरैना के सांसद अशोक अर्गल आज मुरैना पहुचे ।
अशोक अर्गल के मुरैना पहुँचने से पहले जिला कांग्रेस ने प्रेस विज्ञप्ति अखबारों में छपवा कर अशोक अर्गल का मुँह काला करने का ऐलान किया था इसके साथ ही समाजवादी पार्टी की जिला इकाई ने अशोक अर्गल को जूते मारने और जूतों की माला पहनाने का ऐलान किया था । जिसके चलते अशोक अर्गल के मुरैना पहुंचने पर भारी उपद्रव और अशांति की आशंका बन गयी थी ।
जिला पुलिस व जिला प्रशासन ने आशंका के मद्दे नजर सुबह से ही मुरैना शहर के चप्पे चप्पे पर पुलिस का पहरा बिठा कर सारे शहर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था, विशोष रूप से रेल्वे स्टेशन एवं अशोक अर्गल के दत्तपुरा स्थित निवास को पत्ते पत्ते पर पुलिस बिठाल कर अशोक अर्गल की सुरक्षा कड़ी कर दी थी ।
पुलिस ने रेल्वे स्टेशन के चारों ओर नाकेबन्दी कर स्टेशन पहुँचने के रास्तों को अवरोध लगा कर सील कर दिया था । और किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता को इन अवरोधों से पार जाने को एहतियाती तौर पर रोक दिया गया था । केवल भाजपाईयों को ही रेल्वे स्टेशन पर अर्गल को रिसीव करने हेतु जाने दिया गया । पुलिस की इस स्क्रीनिंग के चलते स्टेशन परिक्षेत्र संभावित उपद्रव से सुरक्षित हो गया ।
दूसरी ओर पुलिस एवं प्रशासन ने ऐहतियाती तौर पर सम्पूर्ण बाजार को बन्द करवा दिया था जिससे लूटपाट न हो सके, जबकि कांग्रेस व सपा का कहना है कि अर्गल द्वारा चम्बल को बदनाम करने के खिलाफ मुरैना शहर ने अपने आप ही बन्द रख कर अर्गल का विरोध प्रदर्शन किया था ।
कांग्रेस व सपा कार्यकर्ता भारी संख्या में काले झण्डे व जूते चप्पल लेकर हनुमान चौराहा और सदर बाजार एवं मार्कण्डेश्वर बाजार क्षेत्र में इकठ्ठे थे ।
पहले तो भाजपा के अर्गल समर्थकों और सपा कांग्रेस के बीच काफी देर तक बैण्ड बाजों का मुकाबला चला, अर्गल समर्थक भाजपाई अर्गल के स्वागत की धुनें अपने बैण्डों पर बजवा रहे थे वहीं कांग्रेसी व सपाई अपने बैण्डों पर मातमी धुनें बजवाते रहे ।
साथ ही लाउडस्पीकरों पर गीत युद्ध भी लम्बे समय तक चलता रहा, जहॉं अर्गल समर्थक भाजपाई देशभक्ति और बहारो फूल बरसाओ जैसे तराने बजाते रहे वहीं कांग्रेसी और सपाई लाउडस्पीकरों पर भ्रष्टाचार विरोधी गीत बजाते रहे, ये जनता की है ललकार, बन्द करो ये भ्रष्टाचार जैसे गीत जोरों से बजाये गये ।
उसके बाद अशोक अर्गल के मुरैना पहुँचते ही अर्गल को पुलिस और प्रशासन ने अपने घेरे में ले लिया । और करीबन पचास पुलिस जवानों से घिरे अशोक अर्गल को संगीनों के साये में ही प्रशासन अपनी सरकारी गाड़ी में बिठा कर ले जाने लगा तभी भाजपा के अर्गल समर्थकों से पुलिस की झड़प हो गयी और वे अर्गल को सड़क मार्ग से पैदल ले जाने की मांग करने लगे लेकिन पुलिस व प्रशासन ने जबरन अर्गल को सरकारी बुलेटपूफ वाहन से ही उनके गंतव्य गृह की ओर रवाना किया ।
जैसे ही अर्गल अपने घर की ओर प्रशासन के वाहन में रवाना हुये, कांग्रेसीयो और सपाईयों ने बड़े व विशाल काले झण्डों से अर्गल को घेर लिया और मुर्दाबाद के नारों के साथ काले झण्डे दिखाते हुये जूते चप्पलों की अर्गल के वाहन पर बरसात कर दी । कांग्रेस की महिला नेत्रीयां शोभा शिवहरे के नेतृत्व में अर्गल को गाड़ी से बाहर खींच कर मुँह काला करने के लिये हाथों में कालिख लिये अर्गल के वाहन पर टूट पड़ीं, कुछ शरारती तत्वों ने इस दरम्यान पथराव शुरू कर दिया और अर्गल के वाहन पर जम कर पथराव कर दिया । इस पथराव में पुलिस व प्रशासन ने मोर्चा सम्भालते हुये अर्गल के वाहन को चारों ओर से ढांप लिया, जिसमें अनेक पुलिस वालों और प्रशासनिक अधिकारीयों को पथराव से चोटें आकर वे घायल हो गये ।
पथराव के दौरान सिटी कोतवाली टी.आई. के.डी. सोनकिया को अर्गल की सुरक्षा करते करते यह ख्याल ही नहीं रहा कि कब उनकी टोपी उनके सिर से गिर कर जमीन पर गिर गयी और भारी पत्थरों की चोट से सिर फूट गया । ग्वालियर टाइम्स की टीम ने जब उन्हें बताया कि आपको चोट लगी है बहुत ज्यादा खून बह रहा है आप तुरन्त अस्पताल जाईये तब सोनकिया का ध्यान अपने सिर की ओर गया तो देखा कि सारा चेहरा व सिर खून से लाल हो रहा था, यह घटना देख कर पुलिस जो अब तक शान्ति से मात्र रक्षा कार्य में लगी थी, अचानक उग्र होकर कांग्रेस व सपा नेताओं पर टूट पड़ी । ओर हिंसक होकर उन्हें लोहे पत्थर की तरह कूट पीट डाला जिसमें सैकड़ों कांग्रेसी व सपाई घायल हो गये, और चम्बल का सबसे खूबसूरत मुरैना शहर का बाजार खून से लाल हो गया । अनेक नेताओं के कपड़े फट गये, पुलिस ने उन्हें जमीन पर पटक पटक कर मारा पीटा और रूई की तरह धुन दिया । सबसे अधिक दुर्दशा महिला नेताओं की हुयी उन्हें जमीन पर पटक पटक कर न केवल मारा बल्कि अश्लील गालीयों (प्रकाशन योग्य नहीं) के साथ रण्डी और वेश्याओं की उपाधियों से अलंकृत कर उनके वस्त्र फाड़ कर जमीन पर घसीट घसीट कर मारा उसके बाद महिला पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर ले गयी । घटना स्थल पर हजारों की संख्या में जूते चप्पल बिखरे पड़े थे (हमने फोटो और वीडियो रिकार्ड किये हैं)
इसी दरम्यान पुलिससिया मारपीट और ताण्डव के बीच ही कांग्रेसीयों ने सांसद और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का हनुमान चौराहे पर ही फांसी पर लटके पुतलों का अंतिम संस्कार (दहन) कर दिया, मजे की बात यह रही कि जहॉं भाग दौड़ चीख पुकार और कोहराम मचा था वहीं कांगेसी इस कोहराम में भी फांसी पर लटके पुतलों को अग्नि दहन करना नहीं भूले । और घायल और खूनम खून लालम लाल ही सैकड़ों कांग्रेसीयों ने गिरफ्तारीयां भी दे दी । कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी अधिक संख्या का चलते प्रशासन को अतिरिक्त प्रायवेट वाहनों की व्यवस्था करना पड़ी और कई गाडि़यों गिरफ्तार हुये कांग्रेसीयों को ढो ढो कर लाया गया ।
कोतवाली पर एकत्रित सैकड़ों कांगेसी कराह रहे थे और अपनी जख्मी हिस्सों तथा घावों को पत्रकारों व मीडियाकर्मियों को दिखा रहे थे । अनेक लोगों को वाकई भारी चोटें और आयीं थी ।
अर्गल को घर पहुँचने के बाद कड़ी सुरक्षा में घर में बन्द (नजरबन्द) कर दिया गया है, पत्रकारों को अर्गल से अभी नहीं मिलने दिया जा रहा है ।
अंचल में इस समय भारी रोष और आक्रोश व्याप्त है जिससे अशोक अर्गल को जान का खतरा बताया जा रहा है ।
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