आक्रोशित सफाई कर्मचारियों ने नगरपालिका कार्यालय में की तोड़फोड़
- तीन महीने से नहीं मिला है वेतन
-रैली निकाल नपा प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
फोटो-फाइल 1- नगर पालिका कार्यालय पर नारेबाजी करते सफाई कर्मचारी
मुरैना, 24 जुलाई। तीने महीने से वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित नगर पालिका मुरैना के सफाई कर्मचारियों ने आज नपा कार्यालय में घुसकर धमाल मचाया। सफाई कर्मचारियों ने न केवल कार्यालय में रखे फर्नीचर को तोड़ा बल्कि महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी नष्ट करने की कोशिश की। बाद में सफाई कर्मचारी रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने नगर पालिका प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
आज दोपहर भारी संख्या में नगर पालिका के सफाई कर्मचारी एकत्रित होकर नपा कार्यालय पहुंच गए। कर्मचारी नपा अधिकारियों से अपने वेतन की मांग करने गए थे। लेकिन जब उन्हें वहां कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं मिला तो वे आक्रोशित हो उठे और वह कार्यालय के कक्षों में घुस गए। वहां उन्होंने फर्नीचर की तोड़ - फोड़ की तथा सामान को इधर - उधर फेंक दिया। इतना ही नहीं उन्होंने कार्यालय में रखे जरुरी कागजातों को भी नष्ट करने के प्रयास किए। लेकिन नपा के अन्य कर्मचारियों द्वारा उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया। इसके बाद सफाई कर्मचारी रैली निकालते हुए प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां पर सफाई कर्मचारियों ने नगर पालिका प्रशासन के खिलाफ जमकर नोरबाजी की। सफाई कर्मचारी दीपू बाल्मिकी ने बताया कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। जिस वजह से उनके सामने रोजी - रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अब तो उन्हें साहूकारों द्वारा कर्जा भी नहीं दिया जा रहा। क्योंकि उन्होंने साहूकारों का पिछला उधार नहीं चुकाया है। एक अन्य सफाई कर्मचारी अमर बाल्मिकी ने बताया कि वाटर वक्र्स वाले सफाई कर्मचारियों को वेतन दे दिया गया है। लेकिन हम लोगों को वेतन नहीं दिया जा रहा। उसने बताया कि अप्रैल महीने से वेतन में पांच सौ रुपए प्रति महीने के वृध्दि की गई है। लेकिन वह भी नहीं मिल रहे है। सफाई कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें नहीं पता कि नगर पालिका प्रशासन उनका वेतन क्यों नहीं दे रहा है। इस अबसर पर मौजूद अन्य सफाईकर्मी विजय, विमला, मुन्नी, लक्ष्मी, पुष्पा, वैकुण्ठी, रघुवीर, नाहर सिंह, दिलीप आदि ने भी वेतन नहीं मिलने से आ रही परेशानियों के बारे में अपनी बात कहीं। कर्मचारियों का कहना था कि अगर उन्हें शीघ्र ही वेतन नहीं मिला तो वह आंदोलन करने के लिए मजबूर होगें।
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें