संक्रामक बीमारियों से बचाव की जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचायें - कलेक्टर
मुरैना 27 जुलाई 08/ एकीकृत रोग निगरानी परियोजना (आई.डी.एस.सी.) के अन्तर्गत शासकीय एवं प्रायवेट चिकित्सक आने वाले विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचाव की जानकारी ग्रामीणों तक पहुचायें । ये बिचार आज कलेक्टर श्री रामकिंकर गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये।
कलेक्टर श्री रामकिंकर गुप्ता ने कहा कि शासन की मंशा है कि जो खतरनाक बीमारियां फैल रहीं है उन्हें किस प्रकार रोका जा सकता है । इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा शासकीय अशासकीय चिकित्सकों को यह बताना जरूर है कि मौजूदा रोग नियंत्रण कार्यक्रमों की प्रगति का अनुवीक्षण करने के लिए आवश्यक आंकडे उपलब्ध होगें तभी स्वास्थ्य संसाधनों का समुचित उपयोग किया जा सकता है। एकीकृत रोग निगरानी परियोजना के अंतर्गत अशासकीय संस्थाओं एवं चिकित्सकों से अनुबंध किया जाना है । जिससे अनुवीक्षण हेतु अशासकीय संस्थाओं से भी नियमित रिपोर्ट प्राप्त हो सके । जिसके आधार पर किसी भी संभावित बीमारी का समय से सूचना होने पर तुरंत क्षेत्र में बीमारी को फैलने से रोकने की कार्रवाई की जा सके ।
एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.विकास दुबे ने उपस्थिति चिकित्सकों को रोग निगरानी क्या है । उसके स्वरूप एवं अधोसंरचना के बारे में जानकारी दी । जिला टीकाकरण अधिकारी डा. तोमर ने आउट ब्रेक की जानकारी दी एवं बताया कि आउट ब्रेक से कैसे बचाव किया जा सकता है, आउट ब्रेक की स्थिति में तुरन्त सूचना देनी चाहिए। जिला सर्वेलेंस अधिकारी डा. डी.के. सोनी ने सर्वेलेंस हेतु अशासकीय संस्था के जुड़ाव के महत्व को अपने प्रस्तुतीकरण में बताया । अशासकीय संस्थओं से अनुबंध बहुत आवश्यक है । जिससे सर्वेलेंस कार्य अधिक सक्षम किया जा सके । अंत में जिला मलेरिया अधिकारी डा. मंगल द्वारा आभार प्रदर्शन किया ।
इस अवसर पर आई.एम.ए.अध्यक्ष डा. ओ.पी.शुक्ला, आई.ए.पी.अध्यक्ष डा. दिलीप प्रेमी, एवं जिले के वरिष्ठ चिकित्साक डा. के.एल. राठी के साथ जिले के चिकित्सक उपस्थित थे ।
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