गुरुवार, 26 नवंबर 2009

महिला एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण सम्पन्न (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

महिला एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण सम्पन्न

मुरैना.. पहला सुख निरोगी काया कहावत के साथ इसका अर्थ है कि स्वस्थ्य शरीर ही जीवन का सबसे बड़ा ओर महत्वपूर्ण सुख है। अच्छा स्वास्थ्य हमें सुख,चैन, शान्ति और दीर्घओं जीवन  देता है। उक्त बात प्रशिक्षण दे रही परामर्श लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजना मुरैना की सुमन सिंह ने ग्रामीण स्वच्छता में महिला

एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भूमिका विषय पर आयोजित प्रशिक्षण मेें कही। प्रशिक्षण का आयोजन धरती संस्था मुरैना वाटरएड एण्डिया भोपाल के सहयोग से किया गया।

इसके पश्चात धरती संस्था के देवेन्द्र सिंह भदौरिया ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 80 प्रतिशत बीमारी ऐसी हैं जो गन्दें भोजन को खाने से गन्दा व दूषित पानी से,गांव में गन्दें पानी की निकासी का न होना, खुले में शौच जाने से व्यक्तिगत अस्वच्छता आदि के कारण होती है। गरीबी, कुपोषण,दूषित पेयजल और गन्दे वातावरण से प्रति वर्ष पांच वर्ष से कम उम्र के 15 लाख बच्चें दस्त के कारण शरीर में जल व नमक की कमी होने से मर जाते है।

इसलिए बचाव उपचार से बेहतर होता है यदि हम लोगो को सही व साफ सुथरा भोजन व पाने का पानी मिले, लोग स्वयं को , घरा को , गांव को साफ रखें तो होने वाली बहुत सारी जानलेवा बीमारियों से बचा जा सकता है। इनमें से मुख्य रूप से अतिसार, मोतीझरा, अंत्रशोध, पेचिश, पीलिया,मलेरिया, हांथी पांव हैजा, पेट में कीडे,पेट संबंधी रोग, चमड़ी रोग एवं ऑख, में होने वाले संक्रमण आदि है। इन सभी बीमारियों का अस्वच्छता से कया संबंध है, इस बारे में विस्तार से चर्चा की गई।

परियोजना समन्वयक दीपक पटैल द्वारा सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम में महिला एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता की भूमिका पर प्रशिक्षण देते हुऐ बताया कि आप सभी कार्यकर्ताओं की भूमिका-पाने के पानी का रखरखाव ओर उपयोग,गन्दे पानी का सुरक्षित निपटान, मानव मल का सुरक्षित निपटान-स्वच्छ शौचालय, कूडे- कचरे, एवं गोवर का सुरक्षित निपटान, घर की स्वच्छता भोजन संबंधी साफ सफाई एवं व्यक्तिगत साफ सफाई के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी समझाने का प्रयास किया  कि ग्रामीण स्तर पर इन सारे क्षेत्रों में अपनी अपनी भूमिका को ध्यान में रखकर कार्य किया जाए तो हम बढ़ती हुई शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्युदर एव कुपोषण की दर नियत्रंण करते हुए कम कर सकते है।

प्रशिक्षण में प्रतिभागी के रूप में खड़ियाहार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अन्तर्गत आने वाले उप-स्वास्थ्य केन्द्र पर पदस्त 45 महिला एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।

 

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