संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु सलाह
मुरैना 22 जून07- स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रीष्मऋतु और वर्षा ऋतु में संभावित संक्रामक रोगों से बचाव हेतु सावधानियां बरतने की सलाह नागरिकों को दी गई है । संक्रामक बीमारियों की रोकथाम एवं सूचना के आदान प्रदान हेतु जिला स्तर पर सूचना कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष क्रमांक 225760 है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. एच.एस.शर्मा ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में विभिन्न रोगों के होने की संभावना रहती है । वर्षा ऋतु भी प्रांरभ हो गई है । ऐसे में दूषित पेयजल से आंत्रशोध पेचिस,दस्त,पीलिया,हैजा, मस्तिष्क ज्वर आदि संक्रामक बीमारियों की संभावना रहती है । संक्रामक रोगों से बचाने के लिए स्वच्छ जल का सेवन करने और घर तथा आसपास गंदगी नहीं होने देने , बासी भोजन का सेवन न करने तथा बाजार के सड़े गले फल एवं खुली रखी भोजन सामग्री का उपयोग नहीं करने की सलाह दी गई है । बाजार में विकने वाले सड़े फल अथवा बासी खुली सामग्री की शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से की जा सकती है । शुध्द जल हैंडपंप या नलकूप का ही होता है । अन्य पेयजल श्रोत वर्षा ऋतु में दूषित हो जाते है । जलशुध्दीकरण के लिए कुएें में व्लीचिंग पाउडर तथा मटकों में क्लोरीन की गोलियां डालकर पानी को पीने योग्य बनाया जा सकता है । दस्त आदि की शिकायत होने पर पानी को उबालकर और ठंडा करने के बाद ही पीना चाहियें ।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु जिला एवं विकास खंड स्तर पर कोम्वेक्ट टीम का गठन किया गया है । किसी भी क्षेत्र से बीमारी की सूचना मिलने पर काम्वैक्ट टीम चिकित्सक मय दल और दवाईयों के साथ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर उपचार प्रारंभ कर देते हैं । जिला स्तर पर गठित कौम्वैक्ट टीम में मेडीसिन विशेषज्ञ डा. विकास दुबे और शिशु रोग विशेषज्ञ डा. अनूप कम्ठान शामिल है । प्रभावित क्षेत्र का खंड स्तरीय कौम्वैक्ट टीम के भ्रमण करने के उपरांत आवश्यकता होने पर जिला स्तरीय विशेषज्ञ टीम को भेजा जायेगा । ग्राम स्तर पर प्रारंभिक इलाज के लिए डिपो होल्डर पर दो किलो व्लीचिंग पाउडर, 20 पैकेट ओ आर एस, 500 क्लोरीन गोली, 100 गोली क्लोरोक्वीन, 20 गोली पेरासिटामोल और दस्त की दवा 200 गोली मेट्रोजिल उपलब्ध कराई गई है । आवश्यकता पड़ने पर ग्रामीण डिपो होल्डर से दवा ले सकते हैं । समस्त क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को कड़े निर्देश दिये गये हैंकि मौसमी बीमारियों की संभावना को देखते हुए क्षेत्र में नियमित भ्रमण करें तथा जरूरत पडने पर डिपो होल्डर से ग्रामीणों को दवाइयां उपलब्ध करायें और दवाइयां खत्म होने की स्थिति में तुरंत उनकी पूर्ति की व्यवस्था करायें ।
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