ग्रामीण क्षेत्रों  में महिला स्व-सहायता समूहों को मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम की जिम्मेदारी
मुरैना 20 नवम्बर 2007 राज्य शासन के निर्देश पर ग्रामीण  इलाकों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालन का उत्तरदायित्व स्थानीय महिला स्व-सहायता  समूहों को सौंपा जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में पालक-शिक्षक संघ के स्थान पर महिला  स्व-सहायता समूह न केवल मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का संचालन करेंगे बल्कि उनका हिसाब-किताब  भी संधारित करेंगे।       कलेक्टर श्री आकाश  त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे स्थानीय महिला स्व-सहायता समूह जो छह माह से सफलतापूर्वक  कार्य कर रहे हैं, को मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम का दायित्व सौंपा जायेगा। इन स्व-सहायता  समूहों को एक माह के भीतर नया खाता खोलने के निर्देश दिये गये हैं। महिलाओं के लिये  यह अल्पकालीन रोजगार का अतिरिक्त साधन होगा। जहां पर महिला स्व-सहायता समूह नहीं  मिलेंगे, वहां पर ग्राम पंचायतों द्वारा मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम संचालित किया जायेगा।  ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को आगामी दिसम्बर-जनवरी तक इस कार्यक्रम से मुक्त कर  दिया जायेगा।      महिला स्व-सहायता समूहों  को निर्देशित किया गया है कि वे भोजन पकाने के स्थल और भोजन वितरण में साफ-सफाई रखें।  नये मीनू के आधार पर बच्चों को भोजन करायें। समूहों को प्रति बच्चा प्रतिदिन के मान  से दो रूपये और 100 ग्राम गेहूं दिया जायेगा । महिला स्व-सहायता समूहों के मार्गदर्शन  का कार्य स्थानीय पालक- शिक्षक संघ करेगा। महिला स्व-सहायता समूहों को मध्यान्ह  भोजन कार्यक्रम का अलग से खाता संधारित करना पडेगा। महिला स्व-सहायता समूहों को निर्देशित  किया गया है कि वे विद्यार्थियों को प्रतिदिन ताजा, साफ-सुथरे ढंग से तैयार किया गया  रूचिकर भोजन उपलब्ध कराएं ।
 
 
 
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