सोमवार, 24 सितंबर 2007

महिलायें, समाज को अपनी शक्ति से परिचित करायें – कलेक्टर

महिलायें, समाज को अपनी शक्ति से परिचित करायें कलेक्टर

महिला जन प्रतिनिधि सम्मेलन में पचास '' बुआश्री '' चिन्हित

मुरैना 22 सितम्बर 2007/ संभागायुक्त डा. कोमल सिंह की पहल पर मुरैना के टाउन हॉल में आज महिला जन प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया । समाज सेवी श्रीमती सुधा बंसल, कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक श्री हरीसिंह यादव की प्रमुख उपस्थित में आयोजित इस सम्मेलन में योजनाओं की जानकारी महिलाओं तक पहुंचाने और महिला एवं बच्चों के कार्यक्रम हेतु ध्वज वाहक के रूप में कार्य करने वाली पचास महिलाओं को  '' बुआश्री '' के रूप में चिन्हित किया गया ।

       सम्मेलन का शुभारंभ श्रीमती सुधा बंसल ने सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया । उन्होंने कहा कि सरकार ने नारी कल्याण की दिशा में ठोस पहल की है और महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनायें संचालित की है। उन्होने कहा कि इन योजनाओं के दूरगामी परिणाम स्वरूप समाज में महिलाओं की स्थिति और प्रभाव में सुधार प्रकट होने लगे हैं, लेकिन परिवार में लड़की के जन्म को अभी भी बोझ माना जाता है, इस सोच में बदलाव लाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है ।

       कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने कहा कि सरकार ने बेटी के जन्म से लेकर शिक्षा और व्याह तक की  चिन्ता की है । प्रत्येक विभाग में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत बजट का प्रावधान किया गया है । कन्या के जन्म को परिवार में बोझ न समझा जाय । इसके लिए बालिकाओं की शिक्षा स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण की नई योजना लाड़ली लक्ष्मी शुरू की है । उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या के लिए मुरैना जिला पूरे प्रदेश में बदनाम है । जिले को इस बदनामी से बचाने के लिए जन जागरूकता के साथ ही कन्या भ्रूण की जांच कराने वालों के विरूध्द प्रतिबन्धात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है । बाल विवाह एक सामाजिक कुरीत है और इसे रोकने के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है । गरीब घर की बेटी बिन व्याही न रहे, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए  मुख्यमंत्री कन्यादान योजना प्रारंभ की गई है । गर्भवती मां को कुपोषण से बचाने और उसकी आने वाली संतान भी पुष्ट हो, इसके लिए जननी सुरक्षा योजना शुरू की गई है ।  इन योजनाओं के दूरगामी परिणाम के रूप में बाल विवाह में कमी आयेगी, बालिका के शिक्षा, और स्वास्थ्य के स्तर में सुधार होगा, जन संख्या वृध्दि दर में कमी आयेगी और लिंगानुपात में सकारात्मक परिवर्तन होगा । उन्होंने कहा कि महिलायें शक्ति स्वरूपा हैं और उन्हें समाज को अपनी शक्ति से परिचित कराने की जरूरत है । उन्होंने महिला एवं बच्चों के कल्याण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को प्रशंसा पत्र वितरित किये ।

 

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