गुरुवार, 10 मई 2007

पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता: दो उपयंत्री निलम्वित

पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता: दो उपयंत्री निलम्वित

संभागायुक्त द्वारा पेयजल और विकास कार्यों की समीक्षा

 

मुरैना 9 मई07- संभागायुक्त डा. कोमल सिंह ने आज मुरैना जिले में संचालित पेयजल एवं विकास कार्यों की समीक्षा की और कहा कि पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाय तथा अधूरे निर्माण कार्यों को तत्परता से पूरा कराया जाय । उन्होंने पेयजल समस्याओं के निराकरण में निष्क्रियता और लापरवाही बरतने वाले दो उपयंत्रियों को तत्काल प्रभाव से निलम्वित कर दिया । बैठक में कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, मुख्य अभियंता म.प्र. विद्युत मंडल श्री जी.एस. कलसी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सभाजीत यादव, तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।

       संभागायुक्त ने कहा कि बिजली के कारण पेयजल आपूर्ति प्रभावित नहीं होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि पेयजल समस्या के निराकरण की जिम्मेदारी संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की है । उक्त अधिकारी क्षेत्र का नियमित भ्रमण करें और पेयजल संबंधी समस्याओं का तत्परता से निराकरण सुनिश्चित करायें । उन्होने कहाकि जिन ग्रामों में महिलाओं को आधा किलो मीटर दूर से पानी लाना पड़ता है, उन ग्रामों को चिन्हित कर पेयजल श्रोत विकसित किये जाये और जहां भी परिवहन की जरूरत हो वहां तत्काल परिवहन के माध्यम से पेयजल पहुंचाने की व्यवस्था की जाय । उन्होने कहा कि क्षेत्र के निजी पेयजल श्रोतों को अधिग्रहित करने की कार्रवाई की जाय और यह सुनिश्चित किया जाय कि किसी भी क्षेत्र में ग्रीष्म काल में पानी की कोई किल्लत नहीं आने पाये ।पेयजल समस्याओं के निराकरण में शिथिलता और लापरवाही पाये जाने पर संभागायुक्त ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उपयंत्री श्री वी.एस.राठौर और श्री के.एस.यादव को तत्काल प्रभाव से निलम्वित करते हुए समस्त संबंधित अधिकारियों को सचेत किया है कि वे अपने कार्य को समय पर अंजाम दें, अन्यथा उनके विरूद्व कठोर कार्रवाई की जायेगी । उन्होंने सुधार योग्य खराब हैंडपंपों और बंद नल जल योजनाओं को अविलम्व चालू कराने के निर्देश दिये ।

       डा. कोमल सिंह ने कहा कि विद्युत देयकों की बकाया बसूली के लिए अभियान चलाया जाय और आमजन को यह संदेश दिया जाय कि भुगतान करने पर ही बिजली मिलेगी । उन्होंने सूखा राहत कार्यों की समीक्षा के दौरान यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कहीं भी काम के अभाव में मजदूरों के पलायन की स्थिति निर्मित न हो । उन्होंने कहां जहां भी जरूरत हो तत्काल कार्य प्रारंभ कराये जाय और काम पर लगे मजदूरों को मजदूरी का नियमित भुगतान भी सुनिश्चित किया जाय । उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए चारा पानी की कमी नहीं आने दी जाय और जिस क्षेत्र में कमी आना संभावित हो वहां कैटल कैम्प के लिए स्थल सुरक्षित किये जाय ।

       सांसद एवं विधायक निधि के कार्यों की समीक्षा के दौरान विगत वर्षो में स्वीकृत कार्यों के अपूर्ण रहने पर डा. कोमल सिंह ने नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों तथा संबंधित निर्माण एजेंसियों को अधूरे कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण कराने के निर्देश दिये । उन्होंने कहा कि वर्ष 2005-06 तक के समस्त अपूर्ण कार्यों को दो माह में और वर्ष 2006-07 के समस्त कार्यों को चार माह में पूर्ण कराया जाय । उन्होने पेयजल संबंधी कार्यों को 15 दिन में पूर्ण कराने की ताकीद की । उन्होंने कहाकि संबंधित एस.डी.ओ. राजस्व अपने क्षेत्र में संचालित सांसद विधायक निधि तथा अन्य मदों के कार्यों की नियमित साप्ताहिक समीक्षा करें और निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ समयावधि में पूर्ण कराने के प्रयास करें ।

       संभागायुक्त ने कहा कि वर्षा से पहले नीम की निवोलियों का संग्रहण करायें और खेत की मेड़ो तथा बीहड़ भूमि पर इसको रोपित करायें उन्होंने कहा कि नीम हर दृष्टि से लाभकारी है इससे पर्यावरण तो सुरक्षित होगा ही साथ ही पर्याप्त मात्रा में खाद भी मिलेगी उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा संस्थागत प्रसव कराने पर प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान है फिर वे कौन से कारण है, जिनकी बजह से इसमें कमी आई हैं जिन गर्भवती महिलाओं ने संस्थागत प्रसव नहीं कराये हैं उनकी जानकारी एकत्रित की जाय और उनसे संपर्क कर संस्थागत प्रसव नहीं कराने के कारणों का पता लगाया जाय

 

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