बुधवार, 4 नवंबर 2009

नहीं सुधरी गीतांजली गली की दुर्दशा, .बार्ड पार्षद के भेदभाव का नतीजा (दैनिक मध्‍यराज्‍य)

नहीं सुधरी गीतांजली गली की दुर्दशा, .बार्ड पार्षद के भेदभाव का नतीजा

मुरैना. नगरीय निकाय चुनावों में चुने पार्षद नगर निवासियों को विकास का वादा देकर चुने जाते है। लेकिन पार्षद बनने के बाद उनकी नीतियां एक वार्ड के भीतर भेदभाव पूर्ण होने लगती है। वार्ड पार्षद अपने चहतो को तो उत्कृट करते है लेकिन जहां जरूरी हो वहां कार्य नहीं कराते। ऐसा ही एक मामला वार्ड क्र मांक 36 न्यू आमपुरा स्थित गीतांजली गली का है। जिसकी दुर्दशा सुधार के गत दस वर्षो से कुछ नहीं किया गया। गीताजंली में न तो सड़क है और न ही नाली है। गत चुनावों से पूर्व पार्षद ने भी इस गली की ओर ध्यान नहीं दिया। वर्तमान पार्षद द्वारा गुजरे पांच वर्षो में भी ध्यान नहीं दिया गया। उक्त गली अब परसीमन की चपेट में है बताया जाता है कि उक्त गली नये परसीमन से वार्ड 34 में आ रही है इस कारण वार्ड पार्षद 36 उक्त गली के प्रति भेदभाव बरत रहे है। पूरे पांच वर्ष गुजर गये लेकिन इस गली निर्माण नहीं हुआ अब वार्ड पार्षद भेद भाव वतारहे है। वही पर पुन: कार्य किये जा रहे है। न.पा. की और से भी शिकायतों के वावजूद कोई कार्यवाई नहीं हुयी। जनता के साथ जनप्रतिनिधियों का धोका दिया है ऐसा यहा के बाशिंदों का आरोप है।

 

कोई टिप्पणी नहीं :